पटना. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पटना में प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए सरकार की ओर से बड़ा बयान आया है. सरकार के वित्तमंत्री विजय चौधरी ने बिहार विधान परिषद में शिक्षक नियुक्ति को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सदन में कहा कि सरकार शिक्षक नियुक्ति को लेकर काफी गंभीर है. नियोजित शिक्षकों और शिक्षक अभ्यर्थियों की जो भी समस्या है उस पर सरकार पूरी गंभीरता से विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद शिक्षक प्रतिनिधियों से मुलाकात की बात सदन में कह चुके हैं. राज्यकर्मी बनाने को लेकर शिक्षक अभ्यर्थियों की जो मांग है उसपर बात करने के लिए जल्द ही मुख्यमंत्री शिक्षक प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे.
इधर, बिहार में नयी शिक्षक भर्ती नियमावली के खिलाफ हो रहे विरोध के बीच यह कहा जा रहा है कि नीतीश सरकार इस पर पुनर्विचार कर सकती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को महागठबंधन विधायक दल की बैठक में कहा कि विधानमंडल के मॉनसून सत्र के बाद सभी दलों की बैठक बुलाई जाएगी, उसमें इस विषय पर चर्चा की जाएगी. इस बैठक में नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिलाने के लिए बीपीएससी की भर्ती परीक्षा में बैठने के फैसले के साथ ही डोमिसाइल नीति पर भी चर्चा की संभावना है. महागठबंधन में शामिल भाकपा माले, सीपीआई, सीपीएम ने सीएम नीतीश कुमार के सामने नयी शिक्षक भर्ती नियमावली पर आपत्ति दर्ज करायी थी.
बताया जाता है कि बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र जो 14 जुलाई तक चलेगा, इसके बाद सीएम नीतीश कुमार शिक्षक भर्ती नियमावली पर चर्चा के लिए महागठबंधन की बैठक बुला सकते हैं. हालांकि, 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक होनेवाली है. ऐसे में यह बैठक विपक्ष की मीटिंग से पहले या बाद में भी हो सकती है. नीतीश सरकार ने इस साल शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन करते हुए सभी शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का फैसला किया था. नये नियमों के मुताबिक पूर्व में नियोजित शिक्षकों को भी राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए बीपीएससी की परीक्षा से गुजरना होगा. इसका नियोजित शिक्षक विरोध कर रहे हैं. मंगलवार को भी राज्य भर के शिक्षकों ने पटना में प्रदर्शन कर रहे हैं.