सरकार ने घटिया वस्तुओं के इम्पोर्ट को रोकने और इन प्रोडक्ट्स के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पीने योग्य पानी की बोतलों और लौ पैदा करने वाले लाइटर के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानदंड जारी किए हैं. इस संबंध में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 5 जुलाई को एक अधिसूचना जारी की थी. इन गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (क्यूसीओ) के तहत दो वस्तुओं का प्रोडक्शन, सेल/बिजनेस, इम्पोर्ट और स्टॉक तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि उन पर बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) का चिह्न न हो.
अब, बीआईएस अधिनियम, 2016 के अनुसार गैर-बीआईएस सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स का मैन्युफैक्चरिंग, स्टोरेज और सेल प्रतिबंधित है. बीआईएस अधिनियम के प्रावधान का उल्लंघन करने पर पहली बार अपराध की स्थिति दो साल तक की कैद या कम से कम 2 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है. दूसरे और उसके बाद के अपराध के मामले में, जुर्माना बढ़कर न्यूनतम 5 लाख रुपये हो जाएगा और अधिकतम माल या वस्तुओं के मूल्य के दस गुना तक हो सकता है.
डीपीआईआईटी ने आज अपने बयान में कहा कि, क्वालिटी कंट्रोल आदेश को लेकर जारी अधिसूचना की तारीख से छह महीने बाद प्रभावी होंगे. इस कदम का लक्ष्य भारत में गुणवत्ता परिवेश को मजबूत करना और सार्वजनिक स्वास्थ्य और कंज्यूमर्स की सुरक्षा को बढ़ाना है. पिछले महीने, सरकार ने 20 रुपये से कम कीमत वाले सिगरेट लाइटर के इम्पोर्ट पर भी प्रतिबंध लगा दिया. इनमें से ज्यादातर लाइटर की कीमत 5 रुपये प्रति यूनिट से कम है.