Prayagraj: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अतीक अहमद के बेटे उमर अहमद (Umar Ahmed) और अली अहमद (Ali Ahmed) की सुरक्षा के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में बुधवार को होने वाली सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. उमर और अली ने अपनी सुरक्षा के लिए कोर्ट से गुहार लगाई है.
इसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर याचियों की ओर से हलफनामा दाखिल किया जाएगा. इस हलफनामे के आधार कोर्ट तय करेगा कि वास्तव में मारे गए माफिया अतीक अहमद के दोनों बेटों की सुरक्षा पर खतरा है या नहीं और इसे लेकर क्या कदम उठाया जाना जरूरी है. इस मामले में यूपी सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता के अपना पक्ष रखे जाने की बात कही जा रही है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता तथा न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ल की खंडपीठ इससे पहले प्रकरण में काल्पनिक आधार पर सुरक्षा का आदेश नहीं दिए जाने की टिप्पणी कर चुकी है. हाईकोर्ट ने कहा कि पेशी के दौरान सुरक्षा खतरे को लेकर कुछ विश्वसनीय साक्ष्य भी होने चाहिए ताकि कोर्ट उस पर सरकार को समादेश जारी कर सके.
याचियों उमर अहमद और अली अहमद का कहना है कि कोर्ट में पेशी के दौरान उन पर जानलेवा हमला हो सकता है. इसलिए उनकी पूरी सुरक्षा करने अथवा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी करने का आदेश दिया जाए.
याचिका में जेल से वारंट तामील कराने के दौरान सुरक्षा की मांग की गई है. इसके साथ ही अली की जेल बदलने की भी गुहार लगाई गई है. वर्तमान में उमर लखनऊ और अली नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं. पुलिस ने दोनों को उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाया है.
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की बीते 15 अप्रैल को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वहीं बेटे असद अहमद की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी.