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बचपन में दादी ने सिखाया, आज छत पर बागवानी व बीज बैंक का उद्यम जमाया

घर में दादी मां को आंगन में पेड़-पौधों की देखभाल करते देख बचपन में रेमा इतनी प्रभावित हुईं कि वह भी उनकी सहयोगी बन गयीं. धीरे-धीरे उन्हें पौधों, बीजों और खाद की गहरी जानकारी हो गयी और वह पूरी शिद्दत के साथ इस काम में जुट गयीं.

घर में दादी मां को आंगन में पेड़-पौधों की देखभाल करते देख बचपन में रेमा इतनी प्रभावित हुईं कि वह भी उनकी सहयोगी बन गयीं. धीरे-धीरे उन्हें पौधों, बीजों और खाद की गहरी जानकारी हो गयी और वह पूरी शिद्दत के साथ इस काम में जुट गयीं. आज उन्होंने अपने उसी ऑर्गेनिक टेरेस गार्डन को बिजनेस में तब्दील कर दिया है.

घर के आस-पास जैविक सब्जियां उगानी शुरू की

कोट्टायम की रहने वाली 56 वर्षीया रेमा देवी ने 90 के दशक में अपने घर के आस-पास जैविक सब्जियां उगानी शुरू की. तब मकसद सिर्फ इतना था कि परिवार के लिए सब्जियों की जरूरतें पूरी हो जायें. लेकिन पिछले कुछ सालों में अब यह उनकी एक अच्छी कमाई का जरिया भी बन गया है. अपने इस शौक के बारे में रेमा कहती हैं, “ मेरी दादी मां सालों तक एक सफल गार्डनर रह चुकी थीं. वह आंगन और घर के पास खाली प्लॉट में कई किस्म की सब्जियां उगाया करती थीं. बचपन में मैं और मेरी छोटी उन्हें मदद किया करते थे. यह उनका ही असर है कि आज मुझे बागवानी इतनी पसंद है. उनसे ही मुझे जैविक तरीकों से सब्जियां उगाने की इतनी अच्छी जानकारी मिली.”

बाजार की सब्जियों से परेशान होकर शुरू की बागवानी

रेमा आगे बताती हैं, “मां को भी हमेशा से ही खेती में काफी दिलचस्पी थी. यही कारण है कि मैंने वनस्पति विज्ञान में पढ़ाई की. फिर मेरी जिंदगी में एक ऐसी घटना घटी कि बागवानी से गहरा जुड़ गयी. एक बार मैं बाजार से लायी सब्जी बना रही थी कि अचानक उससे किसी केमिकल की तेज गंध आने लगी, तब मुझे लगा कि ऐसा खतरनाक खाना मैं अपने बच्चों को नहीं खिला सकती और फिर मैंने अपने घर पर सब्जियां उगानी शुरू कर दी. इसमें दादी की दी जानकारी काम आ गयी.”

यूट्यूब से लोगों को सिखा रहीं बागवानी के तौर-तरीके

रेमा पिछले 20 वर्षों से घर की छत पर सब्जियां और फल उगा रही हैं. उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल की शुरुआत भी की, जिसके जरिये वे शहरी लोगों को ट्रेनिंग दे रही हैं, ताकि वे भी अपने बागवानी के शौक को हम जगह में भी पूरा कर सकें. रेमा सब्जियों के बीजों को इकट्ठा कर लोगों तक पहुंचाती भी हैं. उनका मानना है कि काफी सस्टेनेबल तरीकों और कम खर्च में टेरेस गार्डनिंग की जा सकती है. फिलहाल, वह केवल बीजों के बिजनेस से हर महीने लगभग 60 हजार रुपये कमा रही हैं. उन्हें पूरे राज्य से ऑर्डर मिल रहे हैं.

सोशल मीडिया के जरिये इन बीजों को बेचती हैं

रेमा ने बताया कि वे सोशल मीडिया के जरिये इन बीजों को बेचती हैं. इन बीजों की कीमत 25 रुपये से 40 रुपये प्रति पैकेट के बीच है, जो सब्जियों की किस्म और उपलब्धता पर निर्भर करती है.

टेरेस गार्डन के लिए रखनी पड़ती है एहतियात

रेमा कहती हैं, “टेरेस गार्डन की देखभाल में यह याद रखना चाहिए कि यह हमारे घर की सबसे ऊपरी परत है. इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने और लीकेज से बचने के लिए मैंने अपनी पूरी छत को सफेद सीमेंट से वाटर प्रूफ किया है. सीधे छत पर गमले या ग्रो बैग रखने के बजाय लोहे के स्टैंड का प्रयोग करें.”

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