20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बीजेपी का 2024 में 400 सीट जीतने वाला प्लान, नड्डा ने बुलाई ‘लोकसभा प्रवास योजना’ की अहम बैठक

इस योजना के तहत चुने हुए संसदीय क्षेत्रों में से प्रत्येक एक क्लस्टर का हिस्सा होंगे, जिसके लिए एक मंत्री या पार्टी के वरिष्ठ नेता को प्रभारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा. इसका मकसद संगठन को मजबूती देते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनावी रणनीति से जुड़ी कई स्थितियों के लिए प्रेरित करना है.

दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में आज बीजेपी ने लोकसभा प्रवास योजना की बैठक बुलाई है, जिसकी अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे. बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव और कुछ राज्यों के चुनाव और उनकी तैयारियों पर चर्चा होगी.

बीजेपी ने लोकसभा प्रवास योजना 2022 पेश की थी

आपको बताएं पिछले साल बीजेपी ने लोकसभा प्रवास योजना 2022 पेश की थी जिसमें उन लोकसभा सीटों पर खास फोकस करते हुए रणनीति बनाई गई थी जिन पर 2019 के आम चुनाव में बीजेपी दूसरे या तीसरे नंबर पर थी या बहुत कम अंतर से जीती थी.

लोकसभा प्रवास योजना क्या है?

इस योजना के तहत चुने हुए संसदीय क्षेत्रों में से प्रत्येक एक क्लस्टर का हिस्सा होंगे, जिसके लिए एक मंत्री या पार्टी के वरिष्ठ नेता को प्रभारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा. इसका मकसद संगठन को मजबूती देते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनावी रणनीति से जुड़ी कई स्थितियों के लिए प्रेरित करना है. मसलन स्थानीय लोगों को बूथ स्तर की गतिविधियों से प्रभावित करने से लेकर व्हाट्सएप समूहों सहित सोशल मीडिया पर काम करना. 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 436 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से 303 पर उसे जीत मिली थी.

प्रवास योजना के शुरुआती चरण में पार्टी द्वारा चुने 144 निर्वाचन क्षेत्र

ऐसे में प्रवास योजना के शुरुआती चरण में पार्टी द्वारा चुने गए 144 निर्वाचन क्षेत्रों में उन सीटों को शामिल किया गया, जहां पार्टी को हार मिली थी. इनमें उन सीटों को भी शामिल किया गया, जहां बीजेपी बस किसी तरह मामूली अंतर से जीती. प्रवास योजना के प्रारंभिक चरण से सकारात्मक परिणाम और प्रतिक्रिया मिलने के बाद भाजपा नेतृत्व ने अब ऐसी सीटों की संख्या 160 तक बढ़ा दी है. कार्यक्रम को संभालने वाले वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि जल्द ही यह संख्या 200 से अधिक हो जाएगी. भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने पहले ही 160 संसदीय क्षेत्रों में एक स्वयंसेवक को छोटी अवधि के लिए, तो एक पूर्णकालिक स्वंयसेवक यानी विस्तारक नियुक्त किया है, जो जिला पार्टी अध्यक्षों के साथ मिलकर चुनाव पूरा होने तक वहां तैनात रहेंगे. उनमें से प्रत्येक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में बूथ स्तर तक पार्टी के चुनाव प्रचार की देखरेख के लिए एक समन्वयक के रूप में काम करेंगे.

Also Read: Explainer : वोट बैंक बचाने के लिए दलित-आदिवासियों को रिझाती है भाजपा?

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें