पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव की घोषणा से लेकर मतगणना के दौरान तक लगातार हिंसा की घटनाएं हो रही हैं. इस संदर्भ में शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा, ‘मैं हिंसा के सख्त खिलाफ हूं. मैंने भी पंचायत को वोट करवाया है,लेकिन धांधली नहीं होने दी. बंगाल में हिंसा बहुत अधिक बढ़ गई है. वरिष्ठ नेता का कहना है कि बाहुबल के बजाय जनसमर्थन को महत्व देने की जरुरत है . शोभनदेव ने कहा चुनाव लोगों के फैसले से जीतना जरुरी है. बलपूर्वक जीतने का क्या फायदा ? यह अनिश्चित काल तक जारी नहीं रह सकता.
मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय का मानना है कि बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान इतनी हिंसा नहीं होनी चाहिए. हिंसा की घटनाओं को शून्य क्यों नहीं कर सकता ? किसी की भी मृत्यु दुखदायी है. केवल मृतक का परिवार ही जानता है कि यह कितना कष्टकर होता है. हिंसा के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलकर बात करुंगा.ताकि बंगाल में लगातार जारी हिंसा पर लगाम लगाया जा सकें . गौरतलब है कि पंचायत चुनाव में लगातार जारी हिंसा में अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं कई घायल भी है.
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पंचायत चुनाव के तहत हुए मतदान के दौरान विभिन्न जगहों पर हिंसा की घटनाएं हुईं. मतदान के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर डेबरा के विधायक, तृणमूल कांग्रेस के नेता व पूर्व आइपीएस अधिकारी हुमायूं कबीर ने रोष जताते हुए आरोप लगाया कि इसके लिए यहां के तमाम राजनीतिक दल ही जिम्मेदार हैं. पश्चिम बंगाल का एक निवासी होने के नाते मैं शर्मिंदा हूं. हैरान हूं, मेरा सिर शर्म से झुक गया है. ऐसा कब तक चलता रहेगा. युग दर युग बीतते जा रहे हैं, लेकिन हम (बंगाल के लोग) इसे बदल नहीं सकते? हिंसा की घटनाओं से क्षुब्ध हूं. पंचायत चुनाव में हालात को संभालने में चुनाव आयोग, प्रशासन और तमाम राजनीतिक दल विफल रहे हैं.
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