बिहार में नियोजित शिक्षकों के द्वारा बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जे की मांग की जा रही है. इसे लेकर नियोजित शिक्षकों के द्वारा मंगलवार को राजधानी पटना में बड़ा प्रदर्शन किया गया था. अब नियोजित शिक्षकों को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का भी साथ मिल गया है. पार्टी ने नियोजित शिक्षकों द्वारा राज्यकर्मी की मांग को बिल्कुल जायज ठहराया है. पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता राजेश भट्ट ने शिक्षकों के मुद्दे पर बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पहले दिन पहले कलम से 10 लाख रोजगार देने वाली मौजूदा सरकार अपने वायदों से मुकर रही है. कांग्रेस शासन काल की तरह मौजूदा महागठबंधन की सरकार ने शिक्षकों से उनके अभिव्यक्ति की आजादी छीन ली है.
राजेश भट्ट ने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों के प्रदर्शन के विरुद्ध दमनकारी रवैया अख्तियार कर एक ओर राजधानी पटना से बाहर उन्हें प्रशासन द्वारा रोकने की साजिश रची गई. वहीं, कई शिक्षक नेताओं को प्रदर्शन पूर्व ही गिरफ्तार कर लिया गया जिसने आपातकाल की याद ताजा कर दी. उन्होंने कहा कि जब से बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी है. शिक्षक और शिक्षा व्यवस्था हाशिए पर चला गया है. सरकार के शिक्षा मंत्री विभाग के महत्वपूर्ण कामकाज को छोड़ तरह-तरह के बेतुके बयान और विभाग में अव्यवहारिक प्रयोग के द्वारा शिक्षकों को लगातार परेशान कर रहे है. सरकार के गलत नीतियों का विरोध करने पर नियोजित शिक्षकों को जेल भेजे जाने की धमकी दी जा रही है जो बिल्कुल अलोकतांत्रिक है.
राजेश भट्ट ने कहा कि सरकार बिहार राज्य शिक्षक नियमावली के तहत अपने फैसलों और निर्णयों पर कभी कायम नहीं रहती है. आए दिन शिक्षक नियमावली के नियमों और प्रक्रियाओं में निरंतर बदलाव की वजह से प्रदेश के लाखों शिक्षक परेशान हो रहे हैं. राजेश भट्ट ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास नियोजित शिक्षकों के साथ मजबूती से खड़ी है.