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नेपाली हाथियों के झुंड ने वीटीआर के जंगलों में मचाया उत्पात, बैरियर को किया क्षतिग्रस्त

वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व क्षेत्र में अकसर नेपाल से हाथियों का झुंड प्रवेश कर जाता हैं और स्वभाव से हिंसक होने के कारण क्षति भी पहुंचाते हैं. ऐसे में वीटीआर के हाथियों की सुरक्षा के मद्देनजर टाइगर रिजर्व की सुरक्षा में तैनात हाथियों को सुरक्षित जगह शिफ्ट कर दिया गया है.

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र के वाल्मीकि आश्रम क्षेत्र में नेपाली क्षेत्र से भटक कर आये हाथियों की गतिविधियां सोमवार की शाम से दर्ज की गयी. हाथियों द्वारा वाल्मीकि आश्रम स्थित एक दुकान को भी क्षतिग्रस्त करने की सूचना है. वन कर्मियों की टीम को हाथियों के खोजबीन में लगाया गया है. हाथियों की ताजा लोकेशन भालू थापा काला पानी के नजदीक वन कक्ष संख्या टी-3 और 4 में दर्ज की गयी है. उक्त क्षेत्र में हाथी के पग मार्क वन कर्मियों को प्राप्त हुए हैं. उस आधार पर वन कर्मी हाथी की मॉनिटरिंग में जुटे हैं.

हाथियों ने बैरियर को किया क्षतिग्रस्त

नेपाली हाथी प्रायः हरियाली और पौष्टिक आहार की तलाश में टाइगर रिजर्व क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं और स्वभाव से हिंसक होने के कारण क्षति भी पहुंचाते हैं. मंगलवार की मध्य रात नेपाली हाथी विचरण करते जटाशंकर हाथी शाला जा पहुंचे और गेट पर लगे बैरियर को क्षतिग्रस्त कर दिया. वन कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद हाथी को खदेड़ने में सफलता पायी

हाथियों को किया गया शिफ्ट

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में वन संपदा और वन्यजीवों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाले पेट्रोलिंग में सहायक वीटीआर के चारों हाथियों राजा, द्रोणा, मणिकंठा और बालाजी को नेपाली हाथियों द्वारा नुकसान पहुंचाने की संभावना को देखते हुए जटाशंकर हाथी शाला से कौशल विकास केंद्र कोतराहा में शिफ्ट कर दिया गया है. सीएफ ने बताया कि नेपाली हाथी स्वभाव से हिंसक और आक्रामक होते हैं. सुरक्षा के मद्देनजर टाइगर रिजर्व की सुरक्षा में तैनात हाथियों को सुरक्षित जगह शिफ्ट कर दिया गया है.

पहले भी कई बार उत्पात मचा चुके हैं जंगली हाथी

पहले भी नेपाली हाथी इस क्षेत्र में उत्पात मचा चुके हैं. वन परिक्षेत्रों में बाघ, भालू, तेंदुआ का स्थायी निवास है. चितवन नेशनल पार्क (नेपाल) की सीमा वीटीआर से सटा होने के कारण यहां बाघ व गैंडा भी भटक कर पहुंचते रहते हैं. अक्सर जंगल से सटे गांवों में जंगली जानवर घुस आते हैं. इससे ना सिर्फ वहां रह रहे लोगों को बल्कि जानवरों को भी परेशानी होती है. यह पहला मामला नहीं है जब वीटीआर में जंगली हाथी घुस आए हो. इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है कि जंगली हाथी इस क्षेत्र में आकर उत्पात मचा चुके हैं और अक्सर गांव वाले साथ मिलकर या वन विभाग की मदद से जंगली जानवरों को वापस नेपाल के जंगल की ओर खदेड़ा जाता है.

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बोले वन अधिकारी

वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामणी के. ने बताया कि पग मार्क के मुताबिक हाथियों के तीन चार की संख्या में होने का अनुमान लगाया जा रहा है. वहीं वाल्मीकिनगर रेंजर अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि अभी नेपाली हाथी के भालू थापा क्षेत्र में विचरण की सूचना है और हाथी के पगमार्क भी मिले हैं. इसके सहारे वन कर्मियों द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है.

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