12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दुश्मनों की खैर नहीं! फ्रांस से 26 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के प्रस्तावों को मिली मंजूरी, जानें इसकी खासियत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के दौरे पर रवाना हो गये हैं. इस बीच खबर आयी है कि फ्रांस से 26 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के प्रस्तावों को मंजूरी मिल गयी है. राफेल एमएस राफेल लड़ाकू विमान का नौसैनिक संस्करण है. इसका पूरा नाम राफेल मैरीटाइम है. जानें इसकी खास बातें

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने फ्रांस के दौरे पर रवाना हो गये हैं. इस बीच रक्षा अधिकारी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय नौसेना के लिए तीन अतिरिक्त स्कोपीन श्रेणी की पनडुब्बियों के साथ 22 राफेल एमएस और 4 ट्विन सीटर ट्रेनर संस्करणों को मिलाकर 26 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है. आपको बता दें कि पीएम मोदी को 14 जुलाई को फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस ‘बैस्टिल डे’ परेड समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया है जिसमें वे शिरकत करने के लिए रवाना हो गये हैं. आइए आपको बताते हैं राफेल एमएस की खास बातें…

राफेल एमएस है क्या जानें यहां

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राफेल एमएस राफेल लड़ाकू विमान का नौसैनिक संस्करण है. इसका पूरा नाम राफेल मैरीटाइम है. उल्लेखनीय है कि, लड़ाकू विमान के तीन प्रमुख संस्करण हैं- राफेल सी सिंगल-सीट जिसे जमीन से इस्तेमाल किया जाता है. राफेल की बात करें तो ये दो सीटों वाला जमीन से इस्तेमाल किये जाने वाला संस्करण है जबकि राफेल एमएस जो सिंगल-सीट कैरियर-आधारित संस्करण है. राफेल एमएस का निर्माण फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन के द्वारा किया गया है.

जानें राफेल एमएस की तकनीकी खूबियां

-राफेल एमएस की लंबाई 15.27 मीटर, ऊंचाई 5.34 मीटर है.

-राफेल एमएस का वजन 10600 किलोग्राम है.

-राफेल एमएस की ईंधन क्षमता 4700 किलोग्राम है.

-हाई अल्टीट्यूड में राफेल एमएस की अधिकतम गति 1912 किमी/घंटा है, तो कम ऊंचाई पर इसकी रफ्तार 1390 किमी/घंटा है.

-तीन ड्रॉप टैंक के साथ राफेल एमएस की रेंज 3700 किमी है.

-राफेल एम किसी वाहक (कैरियर) पर उड़ान भर और उतर सकता है.

बताया जा रहा है कि विमानवाहक पोत पर तैनात वर्तमान मिग-29K की तुलना में राफेल-एमएस काफी बेहतर है. प्रधानमंत्री की फ्रांस यात्रा से ठीक एक सप्ताह पहले, रक्षा मंत्रालय का रक्षा खरीद बोर्ड राफेल-एम जेट खरीदने के सौदे पर विचार कर रहा था. भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही 36 राफेल मौजूद हैं जिन्हें जमीन पर हवाई अड्डों पर तैनात किया जा सकता है.

Also Read: रूस से राजनाथ ने चीन और पाक पर साधा निशाना, कहा- शांति चाहिए तो छोड़नी होगी आक्रामकता

कांग्रेस ने फिर राफेल का मुद्दा उठाया

इधर कांग्रेस ने बुधवार को फिर से राफेल सौदे का मुद्दा उठाते हुए दावा किया कि फ्रांसीसी अधिकारियों ने 2016 में लड़ाकू विमानों की बिक्री में कथित भ्रष्टाचार पर भारत सरकार से जानकारी मांगी थी और कहा कि उसे (सरकार को) “पूर्ण खुलासा” के साथ सामने आना चाहिए. कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर “अब चुप नहीं रह सकती.”

चीन की ‘आक्रामकता’ पर क्या बोले पीएम मोदी

इधर चीन की ‘आक्रामकता’ के बारे में पूछे गये एक सवाल पर फ्रांसीसी समाचार पत्र ‘लेस इकोस’ को दिये इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा वार्ता और कूटनीति के माध्यम से मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान करने का पक्षधर रहा है. चीन के बारे में यह पूछे जाने पर कि क्या रक्षा क्षमताओं में उसके भारी निवेश से क्षेत्र की सुरक्षा को खतरा है, मोदी ने कहा कि भारत जिस भविष्य का निर्माण करना चाहता है, उसके लिए शांति जरूरी है.

पीएम मोदी ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे हित व्यापक हैं और हमारे संबंध गहरे हैं. मैंने इस क्षेत्र के लिए हमारे दृष्टिकोण का एक शब्द में वर्णन किया है – सागर, जो इस क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास से जुड़ा है. हम जिस भविष्य का निर्माण करना चाहते हैं, उसके लिए शांति जरूरी है, लेकिन यह सुनिश्चित नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत संबंधित अंतरराष्ट्रीय कानूनों और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन करता है.

रूस-यूक्रेन संघर्ष पर क्या बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि आपसी विश्वास और भरोसे को बनाए रखने के लिए यह पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है. हमारा मानना है कि इसके माध्यम से ही स्थायी क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और स्थिरता की दिशा में सकारात्मक योगदान दिया जा सकता है. रूस-यूक्रेन संघर्ष पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से कई बार बात की है और इस संघर्ष को समाप्त करने में मदद करने वाले सभी वास्तविक प्रयासों का समर्थन करने की भारत की इच्छा को रेखांकित किया है. उन्होंने कहा कि भारत का रुख स्पष्ट, पारदर्शी और सुसंगत रहा है. मैंने कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है. हमने दोनों पक्षों से बातचीत और कूटनीति के माध्यम से मुद्दों को हल करने का आग्रह किया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें