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महिला क्रिकेटर्स को भी मिलेगी पुरुषों के बराबर पुरस्कार राशि, ICC ने किया बड़ा ऐलान

आईसीसी ने सालाना बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए महिला क्रिकेटर्स को पुरुषों के समान पुरस्कार राशि देने की घोषणा की है. साथ ही बीसीसीआई के रेवेन्यू पर भी फैसला हुआ है. बीसीसीआई को रेवेन्यू के रूप में एक बड़ी हिस्सेदारी मिलेगी.

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने वेतन समानता लाने की कवायद के तहत गुरुवार को अपनी वैश्विक प्रतियोगिताओं में पुरुष और महिला टीमों के लिए समान पुरस्कार राशि की घोषणा की जिससे विश्व क्रिकेट में नये युग की शुरुआत हुई. पिछले 50 ओवर के पुरुष विश्व कप में चैंपियन इंग्लैंड को 40 लाख डॉलर जबकि उपविजेता न्यूजीलैंड को 20 लाख डॉलर मिले थे. आईसीसी ने बयान में कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने आज आईसीसी प्रतियोगिताओं में पुरुष और महिला टीमों के लिए समान पुरस्कार राशि की घोषणा की. यह निर्णय दक्षिण अफ्रीका के डरबन में आईसीसी के वार्षिक सम्मेलन में लिया गया और यह सुनिश्चित करता है कि आईसीसी बोर्ड ने 2030 तक पुरस्कार राशि में समानता लाने की अपनी प्रतिबद्धता को समय से काफी पहले पूरा कर लिया है.’

आईसीसी अध्यक्ष ने कही यह बात

इसमें आगे कहा गया है, ‘टीमों को अब तुलनात्मक रूप से समान स्पर्धाओं में समान स्थान पर रहने के लिए समान पुरस्कार राशि के साथ-साथ उन स्पर्धाओं में मैच जीतने पर भी समान राशि मिलेगी.’ आईसीसी के अध्यक्ष ग्रेग बार्कले ने कहा, ‘यह हमारे खेल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है और मुझे खुशी है कि आईसीसी की वैश्विक प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा करने वाले पुरुष और महिला क्रिकेटरों को अब समान रूप से पुरस्कृत किया जायेगा.’ उन्होंने कहा, ‘2017 के बाद से हमने समान पुरस्कार राशि तक पहुंचने पर स्पष्ट ध्यान देने के साथ हर साल महिलाओं की प्रतियोगिताओं में पुरस्कार राशि बढ़ाई है और अब से आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप जीतने पर आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप जीतने के समान ही पुरस्कार राशि मिलेगी और टी20 विश्व कप तथा अंडर19 के लिए भी यही बात लागू होगी.’

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जय शाह का मुख्य योगदान

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह ने नीति तैयार करने में वित्तीय और वाणिज्यिक मामलों की समिति (एफ एंड सीए) के प्रमुख के रूप में सक्रिय भूमिका निभाई और पिछले साल अपने बोर्ड में भी ऐसा ही किया था. उन्होंने कहा, ‘मैं इस महत्वपूर्ण लक्ष्य को हासिल करने में मदद करने के लिए साथी बोर्ड सदस्यों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं. चलिए एक ऐसे भविष्य की दिशा में काम करें जहां क्रिकेट दुनिया भर में फलता-फूलता रहे.’

बीसीसीआई को मिलेगी राजस्व में अधिकतम हिस्सेदारी

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने विश्व क्रिकेट की वित्तीय ताकत के रूप में अपनी स्थिति की पुष्टि की क्योंकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने गुरुवार को डरबन में अपनी बोर्ड बैठक में राजस्व वितरण मॉडल को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. आईसीसी ने साथ ही विभिन्न लीग में टीमों के लिए विदेशी क्रिकेटरों की सीमा तय कर दी है जिससे नई प्रतियोगिताओं में हर टीम अपनी एकादश में चार विदेशी खिलाड़ियों को ही खिला पाएंगी. यह मुख्य रूप से हर कोने में शुरू होने वाली टी20 लीग के लिए है जो खेल के अंतरराष्ट्रीय प्रारूप के लिए खतरा पैदा कर रहा है. हालांकि आईसीसी मीडिया विज्ञप्ति में यह नहीं बताया गया है कि बीसीसीआई को वितरण मॉडल से कितना राजस्व मिलेगा लेकिन उम्मीद है कि भारतीय बोर्ड अगले चार वर्षों में 60 करोड़ डॉलर में से सालाना 23 करोड़ डॉलर कमायेगा.

बीसीसीआई की हिस्सेदारी 38.4 फीसदी

यह कुल राजस्व लगभग 38.4 प्रतिशत है और इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) से कम से कम छह गुना अधिक है जिसे 6.89 प्रतिशत के हिसाब से चार करोड़ 10 लाख डॉलर और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) को तीन करोड़ 75 लाख डॉलर (लगभग 6.25 प्रतिशत) मिलेंगे. वे सूची में दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘आईसीसी बोर्ड ने अगले चार वर्षों के लिए वितरण मॉडल पर सहमति के बाद खेल में अब तक के सबसे बड़े निवेश की भी पुष्टि की है.’ इसमें आगे कहा गया है, ‘प्रत्येक आईसीसी सदस्य को आईसीसी वैश्विक विकास रणनीति के अनुरूप वैश्विक विकास पहल को चलाने के लिए एक रणनीतिक निवेश कोष के साथ बढ़ी हुई राशि प्राप्त होगी.’

आईसीसी ने राशि की पुष्टि नहीं की

हालांकि विज्ञप्ति में संख्या नहीं थी लेकिन आईसीसी बोर्ड के एक सदस्य ने पुष्टि की कि बीसीसीआई को खेल के विकास में योगदान के लिए उचित हिस्सा मिला है और इस चक्र में प्रत्येक सदस्य काफी अधिक कमायेगा. आईसीसी के चेयरमैन ग्रेग बार्कले ने कहा, ‘सभी सदस्यों को आधार वितरण मिलेगा और फिर मैदान के अंदर और बाहर वैश्विक खेल में योगदान के संबंध में अतिरिक्त राजस्व होगा.’

सामूहिक संन्यास पर भी फैसला

आईसीसी ने साथ ही फैसला किया है कि शीर्ष देशों के टी20 विशेषज्ञों के सामूहिक संन्यास को रोकने के लिए सभी नई प्रतियोगिताओं (विभिन्न टी20 लीग) में कम से कम सात घरेलू खिलाड़ियों या एसोसिएट सदस्यों के खिलाड़ियों को अपनी एकादश में शामिल करना होगा. संयुक्त राज्य अमेरिका में मेजर लीग क्रिकेट (एमएलसी) शुरू होने के साथ और सऊदी अरब भी भविष्य में एक महत्वाकांक्षी टी20 लीग की योजना बना रहा है और ऐसे में हितधारक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की रक्षा करना चाहते हैं. मेजबान टी20 बोर्ड को ‘एकजुटता शुल्क’ भी देना होगा जो सरल शब्दों में एक विदेशी खिलाड़ी के घरेलू बोर्ड को दिया जाने वाला कमीशन है. मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति ने ओवर गति से जुड़ी सजा में बदलाव को स्वीकृति दी जिससे कि ओवर गति को बनाए रखने और खिलाड़ियों को उचित पारिश्रमिक सुनिश्चित हो सके. ऐसे खिलाड़ियों पर निर्धारित समय में प्रत्येक ओवर कम फेंकने के लिए उनकी मैच फीस का पांच प्रतिशत और अधिकतम 50 प्रतिशत तक जुर्माना लगाया जायेगा. यदि कोई टीम 80 ओवरों में नयी गेंद लेने से पहले आउट हो जाती है तो धीमी ओवर गति होने पर भी ओवर गति से जुड़ा कोई जुर्माना नहीं लगाया जायेगा. यह 60 ओवर की मौजूदा समय सीमा से अधिक है.

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