नेपाल के वीरपुर बराज से कोसी नदी में गुरुवार को इस सीजन का अधिकतम डिस्चार्ज करीब एक लाख 66 हजार 465 क्यूसेक किया गया है. इसके जलस्तर में बढ़ोतरी की संभावना है. इससे कोसी के तटीय इलाकों में पानी बढ़ने की आशंका है. वहीं, सीतामढ़ी जिले में बागमती, पूर्णिया और किशनगंज जिले में महानंदा और अररिया जिले में परमान नदी का जलस्तर शुक्रवार को खतरे के निशान को पार कर सकता है. यह जानकारी केंद्रीय जल आयोग ने दी है.
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में गंडक नदी का जलस्तर गुरुवार को खतरे के निशान से 63 सेमी नीचे था. इसके जलस्तर में शुक्रवार सुबह छह बजे तक तीन सेंटीमीटर की कमी होने की संभावना है. सुपौल जिले के बसुआ में कोसी नदी का जलस्तर गुरुवार को खतरे के निशान से 66 सेमी नीचे था. इसके जलस्तर में एक सेमी कमी की संभावना है. खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी का जलस्तर गुरुवार को खतरे के निशान से 107 सेमी नीचे था. इसमें शुक्रवार सुबह छह बजे तक 17 सेमी की वृद्धि होने की संभावना है.
अररिया जिले के अररिया में परमान नदी का जलस्तर गुरुवार को खतरे के निशान से 52 सेमी नीचे था. इसमें 52 सेमी की वृद्धि होने की संभावना है. किशनगंज जिले के तैयबपुर में महानंदा नदी का जल स्तर गुरुवार सुबह छह बजे खतरे के निशान से 57 सेमी नीचे था. इसमें 82 सेमी की वृद्धि होने की संभावना है. पूर्णिया जिले के ढंगराघाट में महानंदा नदी का जलस्तर गुरुवार सुबह छह बजे खतरे के निशान से 53 सेमी नीचे था. इसमें 123 सेमी की वृद्धि होने की संभावना है. सीतामढ़ी जिले के ढंगब्रिज में बागमती नदी का जलस्तर गुरुवार सुबह छह बजे खतरे के निशान से 90 सेमी नीचे था. इसमें 184 सेटमी की वृद्धि होने की संभावना है.
कटिहार जिले से बहती नदियों को लेकर बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक महानंदा नदी का जलस्तर आजमनगर व धबोल में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इस नदी का जलस्तर झौआ, बहरखाल व कुर्सेल में क्रमशः 15, 21 व 20 सेंटीमीटर लाल निशान से नीचे है. दूसरी तरफ गंगा नदी का जलस्तर दोनों स्थान यानी रामायण पुर व काढ़ागोला घाट बे बढ़ रही है. जबकि कोसी व बरंडी नदी के जलस्तर मामूली कमी दर्ज की गयी है. गंगा व कोसी नदी के जल स्तर में उतार चढ़ाव के बावजूद अधिकांश नदियों का जलस्तर चेतावनी स्तर से काफी नीचे है. हालांकि जिस तरह रुक रुक कर बारिश हो रही है तथा नदियों के जलस्तर में वृद्धि है. इससे बाढ़ आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. जल स्तर में वृद्धि होने से लोगों के बीच बाढ़ एवं कटाव को लेकर दहशत भी होने लगी है.
उल्लेखनीय है कि पिछले कई वर्षों से कमोवेश हर साल यह जिला बाढ़ की त्रासदी झेलती रही है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार महानंदा नदी झौआ में गुरुवार की सुबह जलस्तर 30.68 मीटर था, जो शाम में बढ़कर 31.25 मीटर हो गया. इसी नदी के बहरखाल में 30.20 मीटर था, जो बढ़कर 30.88 मीटर हो गया. कुर्सेल में गुरुवार की सुबह 30.70 मीटर था, जो शाम बढ़कर 31.20 मीटर हो गया. इसी नदी के दुर्गापुर में जलस्तर बढ़ रही है.
गुरुवार को यहां का जलस्तर 27.32 मीटर था, जो 12 घंटे बाद 27.87 मीटर ही रहा है. गोविंदपुर में इस नदी का जलस्तर 25.98 मीटर था, जो गुरुवार की शाम जलस्तर घटकर 26.47 मीटर हो गया. यह नदी आजमनगर व धबोल में भी बढ़ रही है. आजमनगर में इस नदी का जलस्तर 29.32 मीटर था. गुरुवार की शाम यहां का जलस्तर बढ़कर 29.90 हो गया. धबौल में इस नदी का जलस्तर 28.68 मीटर दर्ज किया गया है. यहां का जलस्तर 12 घंटे के बाद शाम में बढ़कर 29.27 मीटर हो गया है.
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कटिहार में गंगा नदी के जलस्तर में भी उफान है. जबकि कोसी व बरंडी नदी के जलस्तर नरमी है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की ओर से गुरुवार की शाम को जारी रिपोर्ट के मुताबिक गंगा नदी के रामायणपुर में गुरुवार की सुबह 24.24 मीटर दर्ज किया गया, जो शाम में बढ़कर 24.26 मीटर हो गया. इसी नदी के काढ़ागोला घाट पर जलस्तर 26.07 मीटर दर्ज किया गया था, जो 12 घंटे बाद गुरुवार की शाम बढ़कर 26.19 मीटर हो गया. कोसी नदी का जलस्तर कुरसेला रेलवे ब्रिज पर गुरुवार की सुबह 26.92 मीटर दर्ज की गयी. शाम में यहां का जलस्तर घटकर 26.88 मीटर हो गया है. बरंडी नदी का जलस्तर एनएच 31 डूमर में 27.20 मीटर दर्ज किया गया. गुरुवार की शाम यहां का जलस्तर 27.20 मीटर ही रहा है.