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भारत-फ्रांस की दोस्ती

प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के लिए रवाना होने से पहले विश्वास व्यक्त किया है कि उनके इस दौरे से दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी में नयी ऊर्जा आयेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के दो दिन के दौरे पर हैं. यह उनकी पांचवीं फ्रांस यात्रा है. मगर,उनका यह दौरा विशेष है. इस बार वह पेरिस में बास्तील दिवस पर होने वाले समारोह में मुख्य अतिथि होंगे. यह भारत के लिए बड़े सम्मान की बात है. बास्तील दिवस फ्रांस का राष्ट्रीय दिवस है और उसके इतिहास में इसका विशेष महत्व है. वर्ष 1789 में फ्रांस के शासक लुई षष्ठम के राज से त्रस्त होकर जनता ने विद्रोह कर दिया था.

पेरिस की सड़कों पर भारी मार-काट के बाद हथियारों से लैस भीड़ ने 14 जुलाई की सुबह बास्तील को घेर लिया और वहां की जेल पर धावा बोल दिया. इसके साथ ही, फ्रांसीसी क्रांति का अभ्युदय हुआ. तख्तापलट के बाद राजा और उसकी पत्नी रानी मैरी को मौत की सजा दे दी गयी. इसी ऐतिहासिक दिन की याद में बास्तील दिवस मनाया जाता है. यह भारत के गणतंत्र दिवस के समान है. छब्बीस जनवरी की तरह पेरिस में हर साल 14 जुलाई को सैन्य परेड निकलती है.

इस बार परेड में भारतीय सेना के तीनों अंगों की एक टुकड़ी भी हिस्सा लेगी. साथ ही, भारत की वायु सेना का एक विमान भी उड़ान भरेगा. बास्तील दिवस की परेड में विदेशी सैन्य टुकड़ी का शामिल होना कोई साधारण घटना नहीं है. साथ ही, इस दौरान किसी विदेशी नेता को मुख्य अतिथि बनाया जाना भी उतना सामान्य नहीं है. इससे पहले 2017 में किसी विदेशी नेता को यह सम्मान दिया गया था.

तब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मुख्य अतिथि थे. ऐसे में बास्तील दिवस समारोह के जरिये समझा जा सकता है कि फ्रांस के लिए भारत कितनी अहमियत रखता है. इस वर्ष भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझीदारी की 25वीं वर्षगांठ है. वर्ष 1998 में भारत के दूसरे परमाणु परीक्षण के बाद दोनों देशों ने एक रणनीतिक संधि पर दस्तखत किया था.

इसके तहत दोनों देशों में सुरक्षा, रक्षा, अंतरिक्ष तथा असैनिक परमाणु सहयोग के क्षेत्रों में सहयोग का एक नया अध्याय शुरू हुआ. फ्रांस तब उन कुछ देशों में था, जिन्होंने भारत के परमाणु परीक्षण की निंदा नहीं की थी. उसने अमेरिका के लगाये प्रतिबंध का विरोध किया था. फ्रांस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है और वह भारत की स्थायी सदस्यता के दावे का समर्थन करता है.

प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के लिए रवाना होने से पहले विश्वास व्यक्त किया है कि उनके इस दौरे से दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी में नयी ऊर्जा आयेगी. इस दौरे में फ्रांस के साथ 26 नये रफाल युद्धक विमान और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों जैसे बड़े रक्षा खरीदों पर भी मुहर लगनी है. जाहिर है दुनिया के दो ताकतवर देशों की दोस्ती दोनों के लिए फायदेमंद है.

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