Bihar Flood: नेपाल में जारी बारिश के कारण कोसी के जलस्तर में काफी तेजी से बढोत्तरी हो रही है. नदी के तेज बहाव के कारण कटाव की स्थिति भी भयानक हो गयी है. बताया जा रहा है कि साल के सर्वाधिक स्तर पर कोसी नदी का जलस्तर चला गया. गुरुवार की दोपहर कोसी बराज स्थित कंट्रोल रूम से मिली जानकारी अनुसार नदी का जलस्तर अपस्ट्रीम में 01 लाख 76 हजार 465 क्यूसेक बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया. वहीं कोसी बराज से निकलने वाली पूर्वी कोसी मुख्य नहर में 6000 जबकि पश्चिमी कोसी मुख्य नहर में 4000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया और इस प्रकार नदी के डाउन स्ट्रीम में 01 लाख 66 हजार 465 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. नदी में बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर बराज के 56 में से 22 फाटकों को खोल दिया गया ताकि सुगमतापूर्वक जलप्रवाह हो सके.
जबकि बुधवार की रात से ही कोसी नदी के जल अधिग्रहण बराहक्षेत्र में जलस्तर में बढ़ोतरी हुई शुरू हो गई थी. जिसके बाद गुरुवार की सुबह छह बजे बराहक्षेत्र का जलस्तर 99 हजार 500 क्यूसेक बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया. जिसके बाद सुबह आठ बजे जलस्तर 01 लाख 07 हजार क्यूसेक हो गया. वीरपुर मुख्यालय स्थित कौशिकी भवन के चीफ इंजीनियर के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी अनुसार नदी के दोनों ही तटबंध अपने सभी स्पर और अवयवों के साथ सुरक्षित हैं. अभियंताओं और कर्मियों की सतत निगरानी और चौकसी जारी है.
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कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि के साथ साथ जब नदी का जलस्तर डेढ़ लाख क्यूसेक को पार कर जाता है तो कोसी बराज के मुख्य द्वार के ऊपर लगे झंडे के ठीक बगल में और ऊपर लाल बत्ती लगी हुई है. जिसे बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर जला दिया गया. इस लाल बत्ती को खतरे का संकेत माना जाता है. वहीं, कोसी नदी में पानी बढ़ने के बाद पशुपालकों के समक्ष पशुचारा की समस्या उत्पन्न हो गयी है. पशुपालक प्राइवेट नाव के सहारे नदी पार कर तटबंध के बाहर पशु के लिए चारा लेकर पुन: नाव के सहारे अपने-अपने घर लौट रहे हैं. पशुपालक रामजीवन मंडल, राजेश यादव ने कहा कि पानी बढ़ने के बाद तटबंध के अंदर चारा की समस्या उत्पन्न हो जाती है. मानसून में सबसे अधिक परेशानी पशुपालकों को उठानी पड़ती है.
सदर प्रखंड के बलवा पंचायत स्थित नरहैया गांव में पिछले एक सप्ताह से कोसी के कटाव के कारण लगभग डेढ़ सौ घर नदी में विलीन हो गया है. कटाव पीड़ित कोसी तटबंध पर शरण लेकर किसी तरह जिंदगी गुजारने को विवश है. कटाव पीड़ित अरहुलिया देवी ने कहा कि रविवार को घर कट जाने के बाद तटबंध पर आकर रह रहे हैं. प्रशासनिक स्तर से अब तक सिर्फ पॉलिथीन मुहैया कराया गया है.
जल अधिग्रहण क्षेत्र नेपाल व सीमावर्ती इलाके में लगातार बारिश के कारण कोसी नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. शाम 04 बजे कोसी बराज से 1 लाख 76 हजार 465 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. निर्मली अनुमंडल क्षेत्र में कोसी तटबंध के भीतर बसे बेलासिंगारमोती व दिघिया पंचायत के कई गांवों के लोग बाढ़ को लेकर सहमे हुए हैं. नगर पंचायत निर्मली से सटे जरौली ढाला के समीप निर्मली शहर को दर्जनों गांव को जोड़ने वाली सड़क मार्ग पर निर्माणाधीन पुल के पास डायवर्सन ध्वस्त है. जहां अब तक जिला प्रशासन के द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है. लिहाजा अधिकांश लोग इस होकर आवाजाही बंद कर दिए हैं. लोगों को पांच से सात किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय कर निर्मली पहुंचना पड़ रहा है. डायवर्सन के अभाव में कुछ लोग जान जोखिम में डालकर सिर पर जलावन व अन्य जरूरत के सामान को हाथ में लेकर पानी तैर कर आवागमन करने को मजबूर हैं.
कोसी नदी में पानी बढ़ने के कारण तटबंध के अंदर बसे लोगों का परेशानी बढ़ने लगी है. एक ओर जहां लोगों के खेतों में लगी मूंग, पाट के फसल बर्बाद हुई है. तो वहीं दूसरी ओर लोगों के घरों को भी कोसी अपने आगोश में ले रहा है. जहां मौजहा गांव के आधा दर्जन घर शनिवार से लगातार कोसी नदी के तेज धारा में विलीन हो गया. तो वही कई घर को अपने आगोश में लेने के लिए कोसी आतुर है. जैसे जैसे ही नदी में पानी बढ़ती है तटबंध के अंदर बसे लोगों का परेशानी भी बढ़ने लगती है. गुरुवार को मौजहा पंचायत के वार्ड 08 निवासी विद्यानंद यादव का एक घर जगदीश यादव का तीन घर व विनोद यादव का एक घर कट कर नदी में विलीन हो गया है. ग्रामीणों ने बताया कि गुरुवार को कोसी नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण कटाव तेज हो गया है. बताया कि पंचायत के वार्ड 01, 02, 03, 04, 05 और 06, 08 में पानी प्रवेश करने से लोगो के खेतों में लगी मूंग की फसल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया.