लखनऊ. माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या मामले में SIT ने प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. SIT ने दो हजार से अधिक पेज की केस डायरी और 56 पन्नों के आरोप पत्र में हर पहलू पर अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट के सामने प्रस्तुत की है. जिसमें दोनों की हत्या के मास्टर माइंड से लेकर तमाम बातों का जिक्र किया गया है. केस डायरी और आरोप पत्र में एसआईटी ने 200 से अधिक गवाहों को शामिल किया है. इसमें चश्मदीद गवाह अलग हैं, जबकि आम गवाहों को अलग रखा गया है. चश्मदीद गवाहों में अतीक-अशरफ की सुरक्षा में लगे 21 पुलिसकर्मी, 11 मीडिया कर्मी और अस्पताल गेट से लेकर घायलों का इलाज करने वाले 16 से अधिक अस्पताल कर्मी शामिल हैं. इसके साथ ही एसआईटी ने 70 सीसीटीवी फुटेज और 15 वीडियो रिकॉडिंग को अदालत में साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत किया है.
14 जुलाई यानि को तीनों आरोपी लवलेश, सनी और अरुण की न्यायिक हिरासत खत्म हो रही थी. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने तीनों आरोपियों आज कोर्ट में तलब करने का आदेश दिया था. इससे एक दिन पहले ही एसआईटी ने अदालत में अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है. अतीक-अशरफ की हत्या के 90 दिनों के भीतर ही चार्जशीट दाखिल कर दिया गई है. एसआईटी ने अतीक अहमद को अहमदाबाद की साबरमती जेल से प्रयागराज तक लाने से लेकर कस्टडी रिमांड पर लिए जने की हर गतिविधियों का ब्योरा दिया है. इसी प्रकार अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाने, धूमनगंज थाने में रखे जाने, मेडिकल परीक्षण कराने की पूरी रिपोर्ट केस डायरी में दर्ज की गई है.
SIT के अनुसार, अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या जुर्म की दुनिया में अपना नाम कमाने के लिए की गई थी. इस हत्या का मास्टर माइंड हमीरपुर का रहने वाले सनी सिंह था. एसआईटी के मुताबिक सनी ने ही लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य को अतीक-अशरफ की हत्या के लिए उकसाया था. हमलावरों की अतीक और अशरफ से कोई निजी दुश्मनी नहीं थी. इन तीनों का मकसद अतीक के गिरोह को खत्म करके लोकप्रिय होना था. उमेश पाल की हत्या के बाद अतीक की मीडिया कवरेज देखने के बाद हमलावरों ने उसे खत्म करने और अपने लिए बड़ा नाम कमाने की योजना बनाई.
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एसआईटी ने बताया था कि तीनों आरोपियों से सात बार बयान लिए गए है. पुलिस की टीम ने नैनी और प्रतापगढ़ की जेल में जाकर तीनों से पूछताछ की. लेकिन आरोपियों ने हर बार एक ही बयान दिया जो पहली बार दिया था. एसआईटी के अनुसार, किसी के बयान में कभी कोई विरोधाभास देखने को नहीं मिला है. तीनों हमलावरों के पड़ोसियों, रिश्तेदारों और दोस्तों के बयान भी लिए गए है. इन बयानों के आधार पर आरोपपत्र में हमलावरों को ‘आक्रामक’ बताया गया है. कथित तौर पर हमलावरों के पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के गोगी और सुंदर भाटी गिरोह जैसे आपराधिक गुटों से भी संबंध थे.
उमेशपाल हत्याकांड के आरोपी माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या 15 अप्रैल की रात करीब साढ़े 10 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के पास गोली मारकर कर दी गई थी. जिस वक्त दोनों को मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया जा रहा था उस वक्त तीन हमलावरों ने उन पर अटैक कर दिया. हमलावरों ने दोनों को करीब से गोली मारी थी. करीब दस राउंड फायरिंग की थी. इस बीच एक सिपाही भी घायल हो गया था. गोली मारने वाले तीनों हमलावर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. ये सारी घटना मीडिया के कैमरे में रिकॉर्ड हो गयी थी.
अतीक और अशरफ की हत्या जब की गयी थी, उस समय मीडिया के कैमरे पूरी तरह ऑन थे. अतीक और अशरफ के दोनों तरफ पुलिसकर्मी चल रहे थे, तभी अतीक के सिर में करीब से एक गोली मारी गयी थी. गोली लगते ही अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ दोनों जमीन गिर गए थे. मुश्किल से 2 या 3 सेकंड के अंदर ये सब हुआ था. इस दौरान दोनों के साथ चल रहे पुलिसवाले भी दहशत में भाग खड़े हुए थे. उनके ऊपर तीन हमलावर तीन तरफ से ताबड़तोड़ फायरिंग किए थे. पहली गोली से लेकर आखिरी फायरिंग तक सारा वाकया करीब 10 सेकंड में हो गया था.