जमशेदपुर : छह माह के लंबे जद्दोजहद के बाद सोनारी दोमुहानी में 3.5 एकड़ में फैले 45 हजार मैट्रिक टन कचरे को डिस्पोज करने का मार्ग प्रशस्त्र हो गया है. इस काम के लिए जमशेदपुर अक्षेस प्रशासन ने मुंबई की एजेंसी मेसर्स गुरु रामदास कंस्ट्रक्शन का चयन किया है. यह चयन ऑनलाइन टेंडर के माध्यम से किया गया है. छह माह में काम पूरा करने का लक्ष्य है. इस पर अक्षेस प्रशासन 4.13 करोड़ रुपये खर्च करेगा. इससे सोनारी व आस-पास के लोगों को प्रदूषण व बदबू से स्थायी मुक्ति मिलेगी.
मुंबई की यह एजेंसी मौजूदा कचरा के ढेर का बायोमाइनिंग करेगी. इसमें प्लास्टिक आदि पर्यावरण में नष्ट नहीं होने वाले जहरीले पदार्थ को कचरे से अलग करेगी. कचरा निष्पादन की यूनिट लगायेगी.ऑटोमेटिक मशीन युक्त यूनिट में बड़ा सा कनवेयर वेल्ट चलेगा. इससे (कचरे से) खाद्य व अन्य चीज तैयार करेगी. एजेंसी कचरे से निकलने वाले 80 फीसदी विभिन्न मेटेरियल को अलग-अलग कंपनी को बतौर रॉ मटेरियल के रूप में आपूर्ति करेगी. शेष 20 फीसदी बेकार कचरे का ऑन साइट निष्पादन करेगी.वर्तमान में इस एजेंसी के पास मुंबई में कचरे का ऑन साइट निष्पादन करने के काम का अनुभव है.
जमशेदपुर अक्षेस ने सोनारी दोमुहानी के कचरा के स्थायी निष्पादन के लिए इस वर्ष फरवरी और अप्रैल में ऑन लाइन टेंडर निकाला था. अप्रैल माह में निकाले गये ऑनलाइन टेंडर में मुंबई की एजेंसी का चयन किया गया. अब जमशेदपुर अक्षेस चयनित एजेंसी के साथ एमओयू करेगी, फिर एजेंसी को काम शुरू करने के लिए कार्यादेश जारी करेगी. सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी जल्द धरातल में काम शुरू करेगी.