Jharkhand News: प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत बनाए जा रहे लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लाभुक अब रांची नगर निगम के चक्कर काट रहे हैं. दरअसल कुछ दिनों पहले ही लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत बन रहे बिल्डिंग का एक हिस्सा गिर गया था. इसके बाद से ही बन रहे बिल्डिंग की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे.
गुणवत्ता की जांच किये बगैर नहीं लेंगे आवास
लाभुकों का कहना है कि बिना गुणवत्ता के जांच के अब वो आवास नहीं लेंगे. कहा कि हमें बिना दिखाए ही निर्माण कार्य कराया गया और अब खबर मिल रही है कि बिल्डिंग का एक हिस्सा ही गिर गया. जब हम शिफ्ट नहीं हुए हैं तब बिल्डिंग का ये हाल है. अगर लोग वहां रहने लगे, तो क्या हाल होगा.
लाभुकों ने पैसे लौटाने की मांग की
वहीं, एक अन्य लाभुक ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमें अपने घर का सपना दिखाया था. बैंक से लोन लेकर हम ये सपना पूरा करने वाले थे. किराये के मकान का भाड़ा और बैंक की किश्त हम इस दोहरी मार को झेल रहे हैं. अब हमें मालूम चला कि जिस घर का सपना हमें दिखाया गया था वो घर रहने लायक ही नहीं है. ऐसे में हम क्या करेंगे. निगम हमें पैसे लौटाने को तैयार नहीं है. लाभुकों की मांग है कि या तो निगम भवन के गुणवत्ता की गारंटी दे या लाभुकों के पैसे वापस करे.
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गरीबों के लिए बन रहे लाइटहाउस का हिस्सा ढहा
बता दें कि राजधानी रांची के धुर्वा स्थित जगन्नाथ मंदिर के समीप गरीबों के लिए बनाये जा रहे लाइट हाउस प्रोजेक्ट का एक हिस्सा रविवार नौ जुलाई, 2023 की रात को गिर गया था. इस प्रोजेक्ट के तहत 131 करोड़ की लागत से पांच एकड़ जमीन पर 1008 फ्लैट बनाये जा रहे हैं. इसके लिए अलग-अलग आठ-आठ मंजिलोंवाले कुल छह टावर खड़े किये जा रहे हैं. इन्हीं दो टावरों के बीच सीढ़ी का पूरा हिस्सा रविवार रात 12:00 बजे के बाद तेज आवाज के साथ गिर गया.
700 लाभुकों को मिल चुका है फ्लैट
मालूम हो कि रांची नगर निगम के माध्यम से फ्लैटों का आवंटन किया जाना है. लॉटरी के जरिये लगभग 700 लाभुकों को फ्लैटों का आवंटन हो चुका है. निर्माण पूरा नहीं होने के कारण अब तक किसी फ्लैट का स्वामित्व नहीं मिला है. शेष फ्लैटों के आवंटन के लिए रांची नगर निगम लॉटरी निकालेगा.
देश के चुनिंदा छह शहरों में ही चल रहा है लाइट हाउस प्रोजेक्ट
लाइट हाउस प्रोजेक्ट देश में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है, जिसमें गरीबों को सस्ती दर पर अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित सुविधायुक्त घर उपलब्ध कराने की योजना है. वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘निर्माण प्रौद्योगिकी भारत प्रदर्शनी सह सम्मेलन’ के दौरान इसकी घोषणा की थी. पूर्व में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने लाइट हाउस निर्माण के इच्छुक शहरों से प्रस्ताव आमंत्रित किया था. कुल 43 शहरों ने लाइट हाउस निर्माण की इच्छा जतायी थी. पायलट प्रोजेक्ट के तहत इच्छुक शहराें में छह- रांची (झारखंड), इंदौर (मध्य प्रदेश), चेन्नई (तमिलनाडु), अगरतला (त्रिपुरा) और लखनऊ (उत्तर प्रदेश) का चयन कर इसका निर्माण कराया जा रहा है. एक जनवरी, 2021 को प्रधानमंत्री ने इस योजना का शिलान्यास किया था.
तैयार हो रही है 315-315 वर्गफीट की 1008 आवासीय इकाइयां
लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत रांची में 315-315 वर्गफीट की कुल 1,008 आवासीय इकाइयों का निर्माण कार्य चल रहा है. प्रोजेक्ट के तहत नयी तकनीक का इस्तेमाल कर कम लागत में टिकाऊ और आपदारोधी मकान तैयार करने की योजना है. प्रोजेक्ट के तहत हर आवासीय इकाई पर करीब 13 लाख रुपये खर्च किये जा रहे हैं. प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार प्रति आवास 5.5 लाख रुपये की सहायता प्रदान कर रही है, जबकि राज्य का हिस्सा प्रति आवास एक लाख रुपये ही है. लागत की शेष राशि लगभग सात लाख रुपये लाभुक से लिया जायेगा. इसके बाद फ्लैटों का आवंटन किया जायेगा. राजधानी में चल रहे लाइट हाउस प्राेजेक्ट का निर्माण 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है.
निर्माण और मॉनिटरिंग केंद्र सरकार कर रही है : आदित्य आनंद
इस संबंध में नगरीय प्रशासन निदेशालय के निदेशक आदित्य आनंद ने पिछले दिनों कहा था कि लाइट हाउस प्रोजेक्ट का निर्माण भारत सरकार की एजेंसी करा रही है. उसकी मॉनिटरिंग का काम भी भारत सरकार ही करती है. इस वजह से राज्य के पदाधिकारियों को कोई जानकारी नहीं है. वहीं, निर्माण कर रही कंपनी एसजीसी मैजिक्रेट एलएलपी के प्रतिनिधियों ने मामले पर कुछ भी कहने से इनकार किया.