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झारखंड में टीचर्स की जल्द निकलेगी वैकेंसी, सीएम हेमंत सोरेन ने नियुक्ति प्रक्रिया तेज करने का दिया निर्देश

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 14 जुलाई से विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं. शुक्रवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अधिकारियों के साथ की उच्च स्तरीय बैठक करते हुए गुणवत्तायुक्त शिक्षा पर जोर देने के साथ शिक्षकों के खाली पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया तेज करने का निर्देश दिया.

Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार 14 जुलाई से 26 जुलाई, , 2023 तक विभिन्न विभागों की समीक्षा करेंगे. इसी कड़ी में शुक्रवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम ने कहा कि राज्य के बच्चों को बेहतर और गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. इस सिलसिले में सरकारी विद्यालयों की मजबूत किया जा रहा है. विद्यालयों में आधारभूत संरचना और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ पठन-पाठन की नवीनतम एवं आधुनिक तकनीक से संबंधित संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाएं

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्राथमिक, माध्यमिक और प्लस- टू विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेज करें, ताकि विद्यालयों का संचालन बेहतर तरीके से हो. विभाग के सचिव के रवि कुमार ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्लस- टू विद्यालयों में प्रधानाचार्य, शिक्षक और प्रयोगशाला सहायक के पदों पर नियुक्ति के लिए जेएसएससी ने अधियाचना जारी कर दी है. माध्यमिक विद्यालयों, मॉडल स्कूलों और अन्य श्रेणियों के विद्यालयों के लिए भी शिक्षक एवं प्रयोगशाला सहायक के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. वहीं, सहायक आचार्य के 26 हजार पदों पर बहाली की प्रक्रिया भी जल्द शुरू हो जाएगी.

विद्यालयों में बच्चों के लिए एक्टिविटीज हों

उन्होंने कहा कि बच्चों के ओवरऑल डेवलपमेंट के लिए विद्यालयों में पठन-पाठन के अलावा खेल- संगीत जैसी एक्टिविटीज निरंतर चलनी चाहिए. बच्चों के बीच तरह -तरह की प्रतियोगिताएं हों, ताकि वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें. वहीं, विद्यार्थियों को पढ़ने का बेहतर माहौल मिले, इसके लिए जिलों में रीडिंग रूम की व्यवस्था सुनिश्चित करें. यहां सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ वाईफाई की भी व्यवस्था होनी चाहिए.

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बच्चों को सत्र शुरू होने के समय ही टेक्स्ट बुक और यूनिफॉर्म देना सुनिश्चित करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को पठन-पाठन से संबंधित सामग्री और यूनिफॉर्म सत्र शुरू होने के समय ही उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. कहा कि जिस तरह एकेडमिक कैलेंडर जारी किया जाता है, उसी तरह इसका भी कैलेंडर जारी किया जाना चाहिए. इसमें बच्चों के बीच पठन-पाठन सामग्री, यूनिफॉर्म, छात्रवृत्ति राशि और अन्य योजनाओं का लाभ देने की समय सीमा तय होनी चाहिए.

विद्यालय भवनों की मैपिंग हो

उन्हाेंने कहा कि राज्य में सभी सरकारी विद्यालयों का फिजिकल मैपिंग कराएं. जो भी विद्यालय भवन जर्जर हों, उसकी मरम्मत कराई जाए और इसमें गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जाए. इसके साथ हर तीन साल पर विद्यालयों का मेंटेनेंस होना चाहिए.

स्कूल ऑफ एक्सीलेंस और मॉडल विद्यालयों का समय-समय पर समीक्षा हो

सीएम ने कहा कि सरकार ने जिस मकसद से स्कूल ऑफ एक्सीलेंस और मॉडल स्कूल खोले हैं. उसका सार्थक परिणाम सामने आना चाहिए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि समय-समय पर इन विद्यालयों का निरीक्षण कर यहां कि व्यवस्थाओं का जायजा लें. इस क्रम में विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों से संवाद करें और यहां के पठन-पाठन, रख-रखाव और मिल रही सुविधाओं की जानकारी लें. अगर इसमें किसी भी प्रकार की खामी मिलती है, तो उसके त्वरित निपटारे की व्यवस्था होनी चाहिए.

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दिव्यांगों के लिए आवासीय विद्यालय बनाया जाए

उन्होंने कहा कि दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए एक अलग आवासीय विद्यालय बनाने की कार्य योजना बनाएं. यहां बच्चों के पठन-पाठन के साथ-साथ खेल, संगीत, फिजिकल एजुकेशन देने आदि की भी व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि दिव्यांग बच्चे- बच्चियों की जो प्रतिभा है उसे निखार कर सामने लाया जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए पूरे राज्य से दिव्यांग बच्चों को चिह्नित कर उनका यहां नामांकन सुनिश्चित करें.

विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण हो

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे सरकारी विद्यालयों के परिसर में पेड़ लगाने का भी कार्य करें. इसके लिए वन विभाग को भी अपने साथ जोड़ें इससे विद्यालयों में हरियाली बनी रहेगी. कहा कि नेतरहाट आवासीय विद्यालय के बच्चे जिस तरह पढ़ाई के साथ -साथ कृषि और बागवानी करते हैं, उसी तरह कुछ सरकारी विद्यालयों को भी चयनित कर यहां के विद्यार्थियों के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था शुरू करें, ताकि उनका स्किल डेवलपमेंट हो सके.

इंदिरा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, हजारीबाग को लेकर भी दिए निर्देश

उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, हजारीबाग राज्य के सबसे उत्कृष्ट विद्यालयों में एक है. यहां का बोर्ड का परिणाम शुरू से शानदार रहा है विद्यालय की बच्चियां हर वर्ष मैट्रिक बोर्ड की मेधा सूची में अपना नाम दर्ज कराती रही हैं. लेकिन, वर्तमान में यहां की पढ़ाई की गुणवत्ता कुछ वजह से प्रभावित होने की बात सामने आयी है. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे इस विद्यालय में जाकर पूरी व्यवस्था का आकलन करें और जो भी खामियां हो उसे दूर करें, ताकि इस विद्यालय की उत्कृष्टता हमेशा की तरह बरकरार रहे.

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समीक्षा बैठक में इनकी रही उपस्थिति

इस समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार, झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक किरण कुमारी पासी, माध्यमिक शिक्षा के निदेशक सुनील कुमार, प्राथमिक शिक्षा के निदेशक नेहा अरोड़ा और अपर सचिव कुमुद सहाय मौजूद थे.

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