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UP: आजम खां को वापस मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा, जानें योगी सरकार ने क्यों बदला फैसला, अपर्णा यादव को लगा झटका

आजम खां की सुरक्षा के मुद्दे पर अब राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक पर नजरें टिकी हुई हैं. बैठक में उनकी वाई श्रेणी की सुरक्षा को लेकर निर्णय किया जाएगा. इससे पहले आजम की सुरक्षा हटाए जाने के बाद सपा के नेताओं ने काफी विरोध जताया था. वहीं प्रदेश में कई अन्य नेताओं की सुरक्षा में भी कटौती की गई है.

Lucknow: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री आजम खां की वाई श्रेणी की सुरक्षा पहले की तरह बहाल कर दी गई है. सरकार ने पहले सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया था. लेकिन, इसे वापस ले लिया गया है.

रामपुर पुलिस को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं. हालांकि आजम खां की सुरक्षा आगे भी बहाल रहेगी या उसमें कुछ कटौती होगी, इस संबंध में 18 जुलाई को राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक में फैसला किया जाएगा.

इससे पहले राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक 8 नवंबर 2022 को हुई थी. इसमें आजम खां की सुरक्षा को लेकर फैसला किया गया था, तब आजम खां जेल में थे. उस रिपोर्ट के आधार पर अब समिति के निर्णय के आठ माह बाद सुरक्षा हटाने के आदेश जारी किए गए.

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आजम खां के आवास पर तैनात गार्ड भी हटा दिए गए. उनके आवास पर पांच पुलिस कर्मी तैनात थे, जबकि तीन अंगरक्षक उनके साथ चलते थे. इससे सपा में हड़कंप मच गया. पार्टी नेता इस फैसले का विरोध करने लगे, क्योंकि जमानत मिलने के बाद अब आजम खां जेल के बाहर हैं. इस पर सुरक्षा बहाल करते हुए राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक का इंतजार किया जा रहा है कि उसमें इस बारे में क्या निर्णय किया जाएगा.

आजम खां को लंबे समय से यह सुरक्षा मिली हुई थी. समाजवादी पार्टी के तत्कालीन शासनकाल में उनकी सुरक्षा व्यवस्था में 95 पुलिसकर्मी लगे हुए थे. भाजपा की सरकार बनने के बाद भी उनकी वाई श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था बरकरार रखी गई थी. वाई श्रेणी की सुरक्षा के तहत वीवीआईपी नेता की सिक्योरिटी में कुल 11 जवान तैनात होते हैं. इसमें दो कमांडो और दो पीएसओ भी होते हैं.

आजम खां जेल से बाहर आने के बाद सामाजिक जीवन में सक्रिय हैं. राजनीतिक कार्यक्रमों में भी वह शिरकत कर रहे हैं. वह 2024 के चुनावों को लेकर कार्यकर्ताओं से मिल रहे है. आजम खां अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ आम की दावत के लिए मलिहाबाद भी गए थे.

इससे पहले आजम खां ने राजधानी लखनऊ में पार्टी कार्यालय में अखिलेश यादव के साथ काफी समय बिताया. कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं में राजनीतिक मुद्दों, खासकर विपक्षी गठबंधन और लोकसभा चुनाव की रणनीति से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई. आजम नियमित रूप से रामपुर में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं.

इस बीच भाजपा नेता अपर्णा यादव की वाई श्रेणी की सुरक्षा में से एस्कॉर्ट सुरक्षा हटा ली गई है. इसक अलावा नोएडा निवासी भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद बलबीर पुंज की एक्स श्रेणी की सुरक्षा को कोई औचित्य नहीं पाए जाने पर उसे वापस ले लिया गया है.

इसी तरह पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के भाई मुकुल उपाध्याय की वाई श्रेणी की सुरक्षा को भी हटा लिया गया है. उनको छह महीने तक केवल एक गनर दिया जाएगा. उनकी सुरक्षा हाईकोर्ट के आदेश पर वापस ली गई है. मुकुल उपाध्याय को 7 नवंबर 2019 को राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति के आदेश पर वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी.

हाथरस निवासी हनुमान प्रसाद पोद्दार ने उनकी सुरक्षा हटाने को लेकर हाईकोर्ट में अपील की थी. हाईकोर्ट ने सुरक्षा हटाने को लेकर दो माह पहले राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति के सामने अपील करने का आदेश दिया था. लेकिन, वह बरकरार रही.

अदालत के आदेश की अवमानना का वाद दायर होने पर सुरक्षा हटाने का निर्णय किया गया है. हनुमान प्रसाद पोद्दार का आरोप है कि बसपा सरकार में रामवीर उपाध्याय और उनके भाई ने डरा-धमकाकर हाथरस में अलीगढ़ हाईवे पर स्थित उनकी 52 बीघा भूमि को 15 लाख रुपये में अपने नाम करा लिया था. उनकी भूमि की वास्तविक कीमत 15 करोड़ रुपए से अधिक थी. इस बीच उनके भाई की हत्या भी करा दी गई थी.

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