पटना में गुरुवार को भाजपा के विधानसभा मार्च के दाैरान डाकबंगला चाैराहे पर बैरिकेडिंग तोड़ने के साथ ही पुलिस पर लाठी-डंडे से हमला, पथराव, सरकारी कार्य में बाधा, सरकारी निर्देशों का पालन नहीं करने, मिर्ची पाउडर आंखों में डालने आदि के आरोप में 63 नामजद व चार हजार अज्ञात के खिलाफ में कोतवाली थाने में गुरुवार को केस दर्ज किया गया है. मसौढ़ी के सहकारिता पदाधिकारी सह मजिस्ट्रेट के बयान पर कांड संख्या 516/23 दर्ज की गयी है और अनुसंधानकर्ता सब इंस्पेक्टर पूजा कुमारी बनायी गयी हैं. इस मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चाैधरी, चार सांसद, 11 विधायक, सात विधान पार्षद व अन्य नेता आरोपित बनाये गये हैं.
इन नेताओं पर दर्ज किया गया केस
जिन प्रमुख राजनेताओं पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है, उनमें पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशाेर प्रसाद व रेणु देवी, सांसद सुशील कुमार सिंह, सतीश चंद्र दूबे, रामकृपाल यादव व प्रदीप सिंह शामिल हैं. जबकि विधायकों में नितिन नवीन, नंद किशोर यादव, अरुण सिन्हा, नीरज कुमार बबलू, जीवेश मिश्रा, प्रेम कुमार, विजय खेमका, मुरारी माेहन झा, संजय सरावगी व जीवेश कुमार पर केस दर्ज किया गया है. इसी प्रकार, विधान पार्षद मंगल पांडेय, शाहनवाज हुसैन, देवेश कुमार, जीवन कुमार, संताेष कुमार सिंह, सुनील चाैधरी को नामजद आरोपित बनाया गया है. इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री रितुराज सिन्हा, युवा मोर्चा पटना जिला के अध्यक्ष उद्यम विशाल व कुम्हरार विधायक अरुण सिन्हा के पुत्र आशीष सिन्हा पर भी केस दर्ज किया गया है.
आइपीसी की इन धाराओं में दर्ज किया गया है केस
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आइपीसी की धारा 188, 147, 149, 323, 324, 337, 338 व 353 के तहत सभी पर केस दर्ज किया गया है
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नोट: inइन सभी धाराओं में सरकारी कार्य में बाधा यानि आइपीसी की धारा 353 को छोड़ कर सभी धाराएं जमानतीय हैं. सभी धाराओं में अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान है.
सीसीटीवी फुटेज से होगी अज्ञात की पहचान
एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि इस मामले अज्ञात लोगों की पहचान सीसीटीवी फुटेज व वीडियो रिकॉर्डिंग से मिली तस्वीर के आधार पर की जायेगी और उन्हें भी आरोपित बनाया जायेगा.
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भाजपा विधायक-विधान पार्षदों ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
इधर, एनडीए ने गुरुवार को भाजपा के विधानसभा मार्च पर हुए लाठीचार्ज मामले की जांच पटना हाइकोर्ट के सिटिंग जज या सीबीआइ से कराने की मांग की है. शुक्रवार को एनडीए में शामिल भाजपा के सभी विधायक- विधान पार्षद, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और रालोजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज ने बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात कर उनको इस आशय का ज्ञापन सौंपा.
जिला प्रशासन पर मामले की लीपापोती करने का लगाया आरोप
राज्यपाल के पास पहुंचे इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा और विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी कर रहे थे. ज्ञापन में एनडीए नेताओं ने बताया है कि पुलिस की बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज एवं विजय कुमार सिंह की हत्या की जिम्मेदारी तय करने के बजाय राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन इस हत्याकांड की लीपापोती करने में लगी है. इसलिए निष्पक्ष जांच जरूरी है.
शांतिपूर्ण जुलूस पर एकाएक हुआ लाठीचार्ज
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि गांधी मैदान से निकले बिहार विधानसभा मार्च में भाजपा के सांसद, विधायक, विधान पार्षद और नेता प्रतिपक्ष हजारों कार्यकर्ताओं के साथ शांतिपूर्ण ढंग से मार्च कर रहे थे. डाकबंगला चौराहा पहुंचने से पहले पुलिस ने एकाएक शांतिपूर्ण जुलूस पर लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया. इसके फलस्वरूप सैकड़ों कार्यकर्ताओं, सांसदों व विधायकों को गंभीर चोट आयी और वे पटना के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं. इसी क्रम में भाजपा के जहानाबाद जिला महामंत्री विजय कुमार सिंह की मृत्यु भी हो गयी.
सीएम व डिप्टी सीएम के इशारे पर कार्रवाई : एनडीए
एनडीए नेताओं ने कहा है कि मुख्यमंत्री बिहार के गृह मंत्री भी हैं, जबकि उप मुख्यमंत्री चार्जशीटेड हैं, और उन्हीं को हटाने के लिए मार्च आयोजित था. इन्हीं दोनों के इशारे पर पुलिस एवं प्रशासन द्वारा बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की गयी, जो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए बेहद निराशाजनक एवं दुखद है. प्रतिनिधिमंडल में विवेक ठाकुर, दिलीप कुमार जायसवाल, जनक सिंह, रेणु देवी, संजय सरावगी, शाहनवाज हुसैन, जनक राम आदि शामिल रहे.