टाटा स्टील फाउंडेशन डिवीजन गांवों में रहने वाले युवाओं को आत्मनिर्भर बना कर उनके सपने को साकार कर रहा है. क्षेत्र के वंचित परिवार के युवाओं को तकनीकी शिक्षा दे रहा है. इसका खर्च टाटा स्टील फाउंडेशन वहन करता है. फाउंडेशन की इस पहल के कारण आज मनीषा कुमारी और राहुल कुमार अपने सपनों को साकार कर अच्छे संस्थानों में नौकरी कर रहे हैं. मांडू प्रखंड की नावाडीह पंचायत निवासी मनीषा कुमारी ने मैट्रिक की पढ़ाई आदर्श हाई स्कूल, बड़गांव से की थी. मैट्रिक की परीक्षा 2018 में 80 प्रतिशत अंकों से पास की.
वह टाटा स्टील फाउंडेशन, वेस्ट बोकारो प्री मैट्रिक कोचिंग की छात्रा भी थी. मनीषा के पिता रघुनाथ महतो किसान हैं. वह शुरू से ही आत्मनिर्भर बनना चाहती थी. घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने के कारण सपने को साकार करना आसान नहीं था. उसे टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा चलायी जा रही तकनीकी शिक्षा के स्पांसर कार्यक्रम के बारे में पता चला. टीएसएफ के माध्यम से उसका नामांकन एनटीटीएफ जमशेदपुर में हुआ.
यहां से उसने तीन वर्षीय इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स का डिप्लोमा कोर्स किया. पूरा खर्च टाटा स्टील फाउंडेशन ने वहन किया. 2021 में डिप्लोमा पूरा होते ही मनीषा को टाटा पावर,बैंगलुरु में नौकरी मिल गयी. यहां वह लीड इंजीनियर प्लानिंग एंड कंट्रोल के पद पर कार्य कर रही है. वहीं, दूसरी ओर मांडू प्रखंड की बड़गांव पंचायत के निवासी राहुल कुमार ने मैट्रिक तक की पढ़ाई जयहिंद विद्या केंद्र से की थी. वह टाटा स्टील फाउंडेशन, वेस्ट बोकारो प्री मैट्रिक कोचिंग का छात्र था.
उसे शुरू से ही इंजीनियरिंग की चाहत थी. पिता मोहन महतो ड्राइवर थे. घर का खर्च चलना बहुत मुश्किल था. राहुल ने टाटा स्टील फाउंडेशन से संपर्क किया. उनकी सहायता से 2019 में एनटीटीएफ जमशेदपुर संस्थान में तीन वर्षीय डिप्लोमा इन मेकाट्रोनिक्स में चयन हो गया. पढ़ाई का खर्च टाटा स्टील फाउंडेशन ने किया. अगस्त 2022 में राहुल को टाटा प्रोजेक्ट में नौकरी मिल गयी. आज वह सूरत ( गुजरात) में टाटा प्रोजेक्ट्स में कार्यरत हैं.