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बरेली-दिल्ली हाइवे वन-वे होने से बढ़े हादसे, 3 दिन के बजाय 7 दिन का रूट डायवर्जन, जानें क्या बोले ट्रांसपोर्टर

सावन में कांवड़ यात्रा के चलते बरेली वाया रामपुर-मुरादाबाद-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग को वाहनों के लिए हर सप्ताह में तीन दिन के लिए रूट डायवर्ट किया गया था. मगर, यहां व्यवस्था बदली नहीं गई है. जिसके कारण हादसे होते रहते हैं.

Bareilly : सावन में कांवड़ यात्रा के चलते बरेली वाया रामपुर-मुरादाबाद-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाईवे) को वाहनों के लिए हर सप्ताह में तीन दिन के लिए रूट डायवर्ट किया गया था. मगर, यहां व्यवस्था बदली नहीं गई है. 7 जुलाई से हाईवे को छोटे वाहनों के लिए वन वे किया गया है. इससे हर घंटे में हाइवे पर हादसे हो रहे हैं. हाइवे की एक लाइन पर छोटे वाहन चल रहे हैं, तो वहीं दूसरी लाइन कांवड़ियों के लिए सुरक्षित की गई है.

इससे बड़े वाहनों को जगह जगह खड़ा कर दिया गया है. मगर, बड़े वाहन (कमर्शियल व्हीकल) खड़े होने से लोगों का माल नहीं पहुंच पा रहा है. इसके साथ ही वाहन स्वामी नुकसान में जा रहे हैं. उन्हें ईएमआई से लेकर इंश्योरेंस और अन्य खर्चों की चिंता सताने लगी है. इस मामले में द ट्रक ऑनर्स ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष शोभित सक्सेना ने सीएम से मुलाकात कर दर्द बयां करने की बात कही है.

उनका कहना है कि पुलिस प्रशासन ने सभी रास्ते बंद कर दिए हैं. इससे वाहन रामपुर और मुरादाबाद के आगे तक नहीं बढ़ पा रहे हैं. ऐसे में गाड़ियों की ईएमआई, रोड टैक्स इंश्योरेंस और ड्राइवर के खर्चे कैसे निकाले जाएंगे. ट्रक ड्राइवर, कंडक्टर आदि स्टाफ के लिए खाने, रहने आदि की परेशानी होने लगी है. ट्रकों में लदे माल की चिंता सता रही है.

हादसों ने 9 दिन में ली 29 लोगों की जान

बरेली वाया रामपुर- मुरादाबाद-दिल्ली रोड पर एक लाइन में वाहन चल रहे हैं. इससे हादसे बढ़ गए हैं. बीती रात अमरोहा में हाइवे पर 7 वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए थे. इसमें कई लोग घायल हुए हैं. इससे पहले हाईवे पर गाजियाबाद के पास बस और कार में टक्कर हुई थी. यह दोनों एक ही लाइन में दौड़ रहे थे. इसमें एक ही परिवार के कार सवार 6 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2 लोग घायल हैं. बरेली भी वाहनों की भिड़ंत में 3 की मौत हो गई है.

इसके अलावा भी कई बड़े हादसे हो चुके हैं. कांवड़ यात्रा से पहले हाईवे के गद्दे भरने के निर्देश दिए गए थे. मगर, एनएचआई ने गद्दे नहीं भरे हैं. इन गड्ढों को बचाने और गड्ढों में पहिए पड़ने से भी हादसे हो रहे हैं.

जानें बरेली से रूट डायवर्जन

रूट डायवर्जन 7 जुलाई से लागू है. कावड़ यात्रा के दौरान दिल्ली की ओर से आने वाले और लखनऊ से बरेली होकर दिल्ली जाने वाले भारी वाहन बड़ा बाईपास से गुजारे जा रहे हैं. दिल्ली जाने वाले वाहन रामपुर, मिलक,शाहाबाद, बिलारी बबराला, नरौरा बुलंदशहर से दिल्ली जाएंगे, जबकि इसी रास्ते से दिल्ली वाया बरेली-लखनऊ को लौटने थे. बरेली से मुरादाबाद की तरफ जाने वाले भारी वाहन बड़ा बाईपास से गुजारे जा रहे हैं.

नैनीताल और पीलीभीत रोड से लखनऊ की ओर जाने वाले भारी वाहन बड़ा बाईपास से इन्वर्टिस चौराहा फरीदपुर बाईपास से आगे. बरेली से आगरा जाने वाले भारी वाहन इस तरह से बड़ा बाईपास मिलक, रामपुर, शाहबाद, बिलारी, बबराला, गुन्नौर नरोरा, अलीगढ़ होकर, और इसी तरह से लौटेंगे. रामपुर से लखनऊ की ओर जाने वाले भारी वाहन नेशनल हाईवे से बरेली बाईपास से फरीदपुर बाईपास के माध्यम से अपनी मंजिल को. परसाखेड़ा क्षेत्र के भारी वाहन बड़े बाईपास से निकलेंगे.

बरेली शहर में नो एंट्री, टीपी नगर से वाहन संचालन

शहर के सभी ट्रांसपोर्टर को ट्रांसपोर्ट नगर में वाहन संचालन का निर्देश दिए गया है. यह सभी अपना कारोबार ट्रांसपोर्ट नगर से कर रहे हैं. मगर, वाहन खड़े होने से कारोबार ठप है.

रोडवेज बस, छोटे वाहनों को छूट, लेकिन बढ़ाया किराया

सावन में कावड़ यात्रा के दौरान रोडवेज की बस,और छोटे वाहन रविवार की सुबह 6 बजे से सोमवार की रात 10 बजे तक रूट डायवर्ट किया गया है. मगर, रोडवेज ने रूट डायवर्ट के बाद यात्री किराया बढ़ा दिया है. बड़े वाहनों का डायवर्जन हर शुक्रवार शाम से हो जाएगा. रोडवेज बस पुराने बस अड्डे से अयूब खान चौराहा, चौकी चौराहा बियाबानी कोठी से मालियों की पुलिया सेटेलाइट होकर सेटेलाइट से दिल्ली जाएंगी.

इसी तरह से लौटेंगी.लखनऊ की ओर जाने वाली रोडवेज बस सेटेलाइट से नरियावल, टीपी नगर, फरीदपुर होते हुए जाएंगी. बरेली आगरा की ओर जाने वाली बसों को मिलक, रामपुर, शाहबाद, बबराला अलीगढ़ से गुजारा जाएगा. इसी तरह बदायूं की ओर जाने वाली रोडवेज बस और हल्के वाहन लाल फाटक रामगंगा, गैनी, अलीगंज आंवला, कुंवरगांव से गुजारी जाएंगी.

शहर में नो एंट्री

रूट डायवर्जन के दौरान शहर में सेटेलाइट बस अड्डा, पीलीभीत रोड और शाहजहांपुर की ओर से भारी वाहन ट्रक आदि शहर में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं. बरेली से बीसलपुर की ओर जाने वाली सभी वाहन रोहिलखंड चौकी तक आ और जा रहे हैं.किसी भी भारी वाहन का शहरी क्षेत्र में प्रवेश नहीं होगा. चौकी चौराहा से कोई भी रोडवेज बस चौपला चौराहा से सिटी स्टेशन की तरफ नहीं आएगी.

सभी सेटेलाइट से शहर की तरफ प्रतिबंधित किया गया है. मिनी बाईपास से रामपुर मुरादाबाद की ओर जाने वाले वाहन भी शहर में प्रवेश नहीं करेंगे. झुमका तिराहा से शाहजहांपुर की ओर जाने वाले हल्के और भारी वाहन बड़ा बाईपास गुजारे जाएंगे. इसके लिए सीबीगंज थाना पुलिस को लगाया गया है.

हाइवे पर खड़े हैं ट्रक

सावन के दौरान मीरगंज, फतेहगंज पश्चिमी, सीबीगंज, इज्जत नगर, देवरनिया, और नवाबगंज थाना पुलिस को ट्रक हाईवे के चौराहों पर पार्क न होने का जिम्मा दिया गया था. मगर, इसके बाद भी ट्रक हाईवे पर खड़े थे. इससे हल्के वाहनों को आवागमन में दिक्कत का सामना करना पड़ा फरीदपुर से कोई वाहन बुखारा मोड़ नहीं जाने दिया गया. इसके लिए फरीदपुर प्रभारी निरीक्षक को जिम्मा दिया गया है.

ऐसे बचे हादसों से

नेशनल हाइवे पर होने वाले हादसों में मोबाइल फोन का प्रयोग भी एक वजह बन चुका है. 2022 में हुए हादसों में गाड़ी चलते समय मोबाइल का प्रयोग करने की वजह से 1.6 प्रतिशत हादसे देखने को मिले थे. इनकी संख्या 1997 थी. इसमें 1040 लोगों की मृत्यु हुई थी. इसलिए वाहन चलाते समय मोबाइल से बचने की जरूरत है. इसके अलावा नेशनल हाइवे पर ओवर स्पीड के कारण नियम सबसे अधिक टूटते हैं.

यह सीधे तौर पर हादसों की वजह बनता है. ओवर स्पीड की वजह से हुए हादसों को लेकर सड़क परिवहन, और राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से जारी की गयी एक हाइवे रोड सेफ्टी रिपोर्ट 2022 के अनुसार, नेशनल हाइवे पर होने वाले सभी हादसों में 74.4 प्रतिशत हादसे तेज रफ़्तार की वजह से हुए.

जिनमें लगभग 72.2 प्रतिशत लोगों को हादसे के बाद अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. इसके अलावा ड्रिंक एंड ड्राइव भी हादसों की एक बड़ी वजह है. 2022 में नेशनल हाइवे पर हुई दुर्घटनाओं में 23 प्रतिशत हादसे शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से हुए. इनकी कुल संख्या 2,949 और इन हादसों में 1,352 लोगों की जान चली गयी.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली

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