भारतीय पंचांग के अनुसार प्रत्येक तीसरा साल तेरह महीनों का होता है, जिसे अधिमास या मलमास भी कहते हैं. पौराणिक मान्यता है कि यह मास धार्मिक कार्य हेतु बहुत ही पवित्र होता है और हिन्दुओं के सभी देवी-देवता इस अधिमास में राजगीर में ही निवास व विचरण करते हैं. 33 करोड़ देवी-देवताओं को प्रसन्न करने हेतु एवं वांछित फलों के प्राप्ति हेतु साधु-संत व तीर्थ यात्री पूरे मास यहां प्रवास करते हैं. मलमास मेला के दौरान राजगीर में अवस्थित 22 कुण्ड एवं 52 धाराओं में श्रद्धालुगण स्नान करते हैं। इस अवसर पर यहां प्राचीन काल से ही मेले को आयोजन किया जाता रहा है. श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिले और उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो, इसे लेकर इस दफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मलमास मेला क्षेत्र का दो बार निरीक्षण कर सभी संबंधित विभागों को दिशानिर्देश दिए हैं.
इस वर्ष मलमास मेला 18 जुलाई से प्रारंभ होकर 16 अगस्त तक चलेगा. बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन, नालंदा ने इस मेला में श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु विस्तृत तैयारी की है. श्रद्धालुओं के आवासन के साथ सभी अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर संपूर्ण राजगीर में व्यवस्था की गयी है, ताकि सभी श्रद्धालु राजगीर आकर एक बेहतर अनुभव लेकर जाएं.
राजगीर आने वाले श्रद्धालुओं को स्टेट गेस्ट हाउस के पास 2000 बेड युक्त जर्मन हैंगर विधि से निर्मित टेंट सिटी में ठहरने की व्यवस्था की गयी है. जहां 100 चेंजिंग रूम व बाथरूम के साथ 120 पुरुष व महिला शौचालय व पेयजल की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी. इसके साथ ही राजगीर रेलवे स्टेशन परिसर में भी 1000 श्रद्धालुओं के लिए जर्मन हैंगर विधि से निर्मित टेंट सिटी में ठहरने की व्यवस्था करायी गयी है, 50 चेंजिंग रूम व बाथरूम के साथ 60 पुरुष व महिला शौचालय व पेयजल की सुविधा रहेगी.
राजगीर ब्रह्मकुंड व मेला थाना में प्रत्येक के पास 1000/1000 श्रद्धालुओं के लिए जर्मन हैंगर विधि से निर्मित टेंट सिटी में आवासन की व्यवस्था रहेगी। दोनों स्थानों पर 50 चेंजिंग रूम व बाथरूम के साथ 60 पुरुष व महिला शौचालय व पेयजल की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी. उपरोक्त तीनों टेंट सिटी के पास कंट्रोल रूम, हेल्थ कैंप व सस्ती रोटी की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है. इसके अतिरिक्त जिला प्रशासन नालंदा के द्वारा झुनकिया बाबा, गढ़ महादेव, धुनिवर में प्रत्येक के पास 500 बेड की आवासन क्षमता का वाटरप्रूफ पंडाल व बस स्टैंड के पास 300 बेड तथा सैनिक स्कूल के पास 150 बेड की आवासन क्षमता का वाटरप्रूफ पंडाल भी बनाया गया है. यहां शौचालय, पेयजल एवं चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था की गयी है। इन सभी जगहों पर भी हेल्थ कैंप व सस्ती रोटी की सुविधा रहेगी.
पर्यटन विभाग के द्वारा मलमास मेला के पहले सप्तधारा परिसर तथा ब्रह्मकुंड का जीर्णोद्धार कराया गया है. ब्रह्मकुंड परिसर अवस्थित अन्य कुंडों तथा सप्तधारा परिसर की सीढ़ी तथा अन्य स्थलों पर टूटे हुए टाइल्स की मरम्मति के साथ सप्तधारा की नली का सुदृढ़ीकरण, सूर्यकुंड परिसर में सीताकुंड, गणेशकुंड, सूर्यकुंड, चंद्रमाकुंड, अहिल्या कुंड, राम-लक्ष्मण कुंड की मरम्मति व सूर्यकुंड परिसर का रंगरोगन व मरम्मति कार्य संपन्न कराया गया है. इसके साथ ही स्वागत द्वार का जीर्णोद्धार, ब्रह्मकुंड द्वार पर सुरक्षा प्रहरी के लिए शेड निर्माण व ब्रह्मकुंड परिसर में हाईमास्ट लाइट का कार्य पूरा किया गया है.
श्रद्धालुओं के लिए राजगीर क्षेत्र के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों एवं सरकारी कार्यालयों में ट्यूनिंग बल्ब एवं लाइटिंग से सजावट की व्यवस्था की गयी है. राजगीर शहर के विभिन्न मार्गों पर पर्याप्त सुरक्षा हेतु सीसीटीवी से निगरानी व लाइटिंग की व्यवस्था रहेगी. ब्रह्मकुंड परिसर में दर्शन हेतु प्रतीक्षा के लिए ZIG-ZAG बैरिकेडिंग एवं उसके ऊपर वाटरप्रूफ पंडाल लगाया जा रहा है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कुंड क्षेत्र में भी पंखों व कूलर की व्यवस्था के साथ प्रतीक्षा गृह, कंट्रोल रूम, जनसंबोधन प्रणाली, मेला परिसर की साफ-सफाई, फॉगिंग, छिड़काव, कचरा प्रबंधन और जलजमाव से निजात हेतु व्यापक व्यवस्था की गयी है.
विधि-व्यवस्था एवं ट्रैफिक नियंत्रण हेतु राजगीर के विभिन्न स्थलों पर 48 ट्रैफिक पोस्ट के अतिरिक्त पार्किंग सुविधा का निर्माण कराया गया है ताकि मलमास मेला में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं हो. बिहार पर्यटन के मोबाइल एप पर मेला से जुड़ी सभी आवश्यक सूचनाएं, मोबाइल नंबर और सुविधाओं की जानकारी मिलेगी इसके साथ ही राजगीर के गौतम विहार परिसर और ब्रह्मकुंड के पास स्थित पर्यटक सूचना केंद्रों में भी 24 घंटे श्रद्धालुओं को आवश्यक जानकारियां मिलेगी, मलमास मेला से जुड़ा ब्रॉशर सभी श्रद्धालुओं को मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएंगे.