World Youth Skills Day 2023: अमेरिका के बत्तीसवें राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने कहा था कि हम हमेशा अपने युवाओं के भविष्य का निर्माण नहीं कर सकते, लेकिन हम भविष्य के लिए अपने युवाओं को तैयार जरूर कर सकते हैं. इसी विचार को योगी सरकार चरितार्थ करते दिख रही है. युवाओं के लिए चलाए जा रहे कौशल विकास प्रशिक्षण के माध्यम से तकनीकी शिक्षा देकर नौकरी देने के दावों को हकीकत में बदलने के लिए संस्थानों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.
अब न केवल बेरोजगारों को ट्रेनिंग के बाद नौकरी देनी होगी, बल्कि उन्हें न्यूनतम से बढ़ाकर 15000 वेतनमान भी दिलाना होगा. यही नहीं बेरोजगारों को तीन महीने वेतन पर्ची भी संस्थाओं को विभाग में जमा करना होगी. इसके बाद ही उन्हें ट्रेनिंग का भुगतान किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश में कौशल विकास प्रशिक्षण देकर उन्हें उन्हें अपने पैरों पर खड़ा किया जाता है. तकनीकी ट्रेनिंग देकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा किया जाता है. आपको बता दें कि तकनीकी शिक्षा देने के लिए प्रदेश में 800 रजिस्टर्ड संस्थाओं में ट्रेनिंग दिया जा रहा है. ट्रेनिंग कोर्स देने के बाद संस्थाओं को कम से कम 50 प्रतिशत युवाओं को नौकरी भी दिलानी होती है.
वहीं, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के एमडी आंद्रा वामसी ने बताया कि मंहगाई को देखते हुए न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की गई है. वर्तमान में प्रदेश में 3.5 लाख युवाओं को ट्रेनिंग दिया जा रहा है. संस्थाओं को कम से कम 50 प्रतिशत युवाओं को नौकरी दिलानी होगी और तीन महीने का वेतन की पर्ची भी संस्थाओं को जमा करनी होगी. इसके बाद ही भुगतान किया जाएगा. इसके अलावा प्रशिक्षणार्थियों की ड्रेस का पैसा युवाओं के खाते में भेजा जाएगा.
बता दें कि हाईस्कूल या इंटर पास युवा जिनकी उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच है, वे ट्रेनिंग के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के आधिकारिक वेबसाइट www.upsdm.gov.in पर रजिस्ट्रेशन के बाद नजदीकी केंद्र पर निशुल्क ट्रेनिंग दिया जाता है. आपको बता दें कि कौशल विकास मिशन के तहत फैशन डिजाइनिंग, प्लंबर, कंप्यूटर ट्रेनिंग, पेंटिंग, ड्राइविंग, वेल्डर समेत 700 से अधिक ट्रेडो में युवाओं की रुचि के अनुसार निशुल्क ट्रेनिंग दिया जाता है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा प्रत्येक वर्ष 15 जुलाई को विश्वभर में विश्व युवा कौशल दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने की घोषणा 18 दिसंबर 2014 में की गई थी. इस दिवस का उद्देश्य, युवाओं में ‘उद्यमिता कौशल का विकास करना एवं देश के विकास हेतु इसके रणनीतिक महत्व के प्रति इन युवाओं को जागरूक करना है.
आपको बता दें कि हाल ही में प्रकाशित संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 64% जनसंख्या 15 से 64 वर्ष आयु वर्ग के मध्य है, जबकि 26% जनसंख्या 10 मे 24 वर्ष आयु वर्ग के बीच तथा 7% जनसंख्या 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की हो गई है.
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना का उद्देश्य बेरोजगार युवाओं को अपनी युवा शक्ति का सदुपयोग करना है, जिसके जरिए युवाओं को उनके मनपसंद कौशल में ट्रेनिंग दी जाती है. जब उनकी ट्रेनिंग पूरी हो जाती है और वह अपने काम में निपुण हो जाते हैं. तो उन्हें नौकरी मुहैया कराई जाती है. इसके साथ ही सरकार के द्वारा एक प्रमाण पत्र भी दिया जाता है. इस प्रमाण पत्र से युवाओं को नौकरी मिलने में काफी आसानी होती है. इसके बाद देश के युवा रोजगार युवा अपने बेरोजगारी को दूर करते हैं इसके साथ ही देश की तरक्की भी होती है.
भारत सरकार का कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय अब तक 1 करोड़ 37 लाख से अधिक युवाओं को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से स्किल्ड कर चुका है. इस योजना के तहत युवा कंट्रक्शन, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं हार्डवेयर, फूड प्रोसेसिंग, फर्नीचर और फिटिंग, हैंडीक्रॉफ्ट, जेम्स और जूलरी, लेदर टेक्नोलॉजी समेत 40 क्षेत्र की ट्रेनिंग दी जाती है. इस योजना के तहत देश के 5 हजार ट्रेनिंग सेटर्स पर 32 हजार ट्रेनिंग पार्टनर्स के जरिए युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3 में शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग, रिकॉग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग, स्पेशल प्रोजेक्ट के जरिए प्रशिक्षण दिया जाता है.