लखनऊ. सीएम योगी आदित्यनाथ बाढ़ का निरीक्षण करने गोंडा पहुंचे हुए है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐली परसोली स्थित हेली पैड पर उतरे. इसके बाद सीएम योगी सीधे घाघरा नदी पर सकरौर भिखारीपुर एल्गिन चरसड़ी तटबंध का निरीक्षण किया. समय से कार्य ना पूरा होने पर सीएम ने नाराजगी जताई. सीएम योगी के दौरे को लेकर प्रशासन पूरी तरह से हलकान रहा. इसी बीच सीएम का हेलीकॉप्टर लैंड होने से पहले यहां लगाई गई काफी मशीन में भयंकर ब्लास्ट हो गया. जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई. इस हादसे में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया. जिसे आनन-फानन में एंबुलेंस की सहायता से जिला अस्पताल भेजा गया. जहां पर युवक का इलाज चल रहा है. ब्लास्ट होते ही वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी एकाएक दौड़ पड़े.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐली परसोली स्थित हेली पैड पर उतरने के बाद सीएम योगी सीधे घाघरा नदी पर सकरौर भिखारीपुर एल्गिन चरसड़ी तटबंध का निरीक्षण किया. समय से कार्य ना पूरा होने पर सीएम ने नाराजगी जताई. उन्होंने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए निर्माण कार्य पूरा कराने के निर्देश दिए. इस दौरान उनके साथ जल संसाधन सिंचाई मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित जिलेभर के जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आज यहां पर मैंने जल शक्ति मंत्री और जनप्रतिनिधियों के साथ एल्गिन चरसड़ी तटबंध समेत घाघरा सरयू नदी पर अन्य जो तटबंध पड़ते हैं. जिनके कारण यहां के लोगों को बाढ़ की आपदा झेलना पड़ता था.
निरीक्षण करने के बाद जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के साथ बैठक किया गया है. उन्होंने कहा कि यद्यपि जिले में बरसात औसत से कम है. लेकिन उत्तराखंड और नेपाल के कुछ स्थानों पर भारी बरसात के बाद सरयू राप्ती और घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ा है. सामान्य रूप से घाघरा और सरयू नदी में 40 हजार क्यूसेक जल स्तर होता है. वर्तमान समय में इन नदियों में ढाई लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज होता है. अभी इसमें लगातार और बढ़ोतरी होने की संभावना है. लेकिन समय से बाढ़ से बचाव के लिए जो कार्य किए गए हैं. आज उसके परिणाम हम लोगों के सामने आ रहे हैं. बाढ़ और जनहानि को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर काम किए गए हैं.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि एल्गिन चरसड़ी, सकरौर भिखारीपुर, परसपुर धौराहरा और भौरीगंज रिंग बांध पर सिंचाई विभाग ने समय से मरम्मत और बचाव के उपाय किए गए है. उन्होंने कहा कि इन तटबंध पर बराबर निगरानी की जा रही है. लेकिन कभी-कभी अतिवृष्टि के कारण ऐसे समय पर आपदा आती है. जिसका हमें अनुमान नहीं होता है. उन्होंने कहा कि पिछले साल अक्टूबर माह में हम लोगों को आपदा का सामना करना पड़ा था. फिर भी हम सब लोग उन परिस्थितियों से लड़ने के लिए तैयार है.
अभी से ही 28 बाढ़ चौकियां तैयार कर दी गई हैं. स्वास्थ्य और आपदा राहत विभाग के साथ-साथ यहां के संभावित प्रभावित क्षेत्रों में नाव के साथ-साथ प्रशासन ने अन्य तैयारियां भी पूरी कर ली है. गत वर्ष भी जब 7.50 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा था. तब भी हम लोगों ने तटबंध को बचाने का काम किया है. आने वाले समय में हम किसी भी संभावित खतरे को लेकर पूरी तरह से सतर्क हैं.