Google Doodle Today on Zarina Hashmi’s 86th Birthday: अगर आपने आज सुबह गूगल ओपन किया होगा तो उसमें आपको एक बेहद ही खूबसूरत डूडल देखने को मिला होगा. डूडल को देखकर दिलचस्पी भी जाएगी होगी कि आखिर यह है क्या. अगर आपके दिमाग में भी यह उत्सुकता जाएगी है तो बता दें गूगल आज अपने प्लैटफॉर्म पर जरीना हाशमी का 86वां जन्मदिन मना रहा है. जरीना का जन्म आज ही के दिन साल 1937 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ में हुआ था. बता दें जरीना न्यूनतम शैली में अपने प्रमुख व्यक्तित्वों के लिए काफी प्रसिद्ध थीं. देश के विभाजन से पहले वे और उनके चार भाई-बहन भारत में ही रहते थे लेकिन, साल 1947 में देश के विभाजन के बाद जरीना को उनके परिवार के साथ पाकिस्तान के कराची में जाकर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा.
जरीना हाश्मी महज 21 साल की थीं जब उनका विवाह एक युवा राजनयिक से हुआ. शादी के बाद वह दुनिया घूमने निकल पड़ी थीं. अपने सफर के दौरान जरीना ने बैंकॉक, पेरिस और जापान की यात्रा की. यहीं उन्हें प्रिंटमेकिंग और मॉडर्निस्ट और एब्स्ट्रैक्ट आर्ट प्रवृत्तियों से अवगत कराया गया.
जरीना साल 1977 में न्यूयॉर्क शहर में रहने के लिए चली गयी थीं. यहां वह महिला कलाकारों की जबरदस्त समर्थक बन गयीं. देखते ही देखते वह हेरिसीज़ कलेक्टिव की मेंबर भी बन गईं. अगर आप नहीं जानते तो बता दें यह एक नारीवादी पत्रिका थी और इसी ने पॉलिटिक्स, आर्ट और सोशल जस्टिस के बीच संबंधों की जांच की थी. कुछ ही समय बाद जरीना न्यूयॉर्क फेमिनिस्ट आर्ट इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर बन गईं. प्रोफेसर बनने के बाद उन्होंने महिला कलाकारों को बराबर पढ़ाई के अवसर प्रदान किया. साल 1980 में उन्होंने ए.आई.आर. में प्रदर्शनी के को-ऑपरेशन में सहयोग किया. इस गैलरी का नाम, “अलगाव की द्वंद्वात्मकता: संयुक्त राज्य अमेरिका की तीसरी दुनिया की महिला कलाकारों की एक प्रदर्शनी” रखा गया था. इस प्रदर्शनी में विभिन्न कलाकारों के कामों को प्रदर्शित किया गया और इसमें महिला कलाकारों को भी काफी अहम जगह दी गयी.
जरीना हाशमी की सफलताओं को लिस्ट पर अगर नजर डालें तो यह काफी लंबी रही. साल 1980 के दौरान उन्हें न्यूयॉर्क फेमिनिस्ट आर्ट इंस्टिट्यूट का एक बोर्ड मेंबर बनाया गया था. बोर्ड मेंबर बनने के बाद उनका जीवन एक फेमिनिस्ट कलाकार जर्नलिस्ट के तौर पर शुरू हुआ. इस विभाग पर उन्होंने काफी लंबे समय तक काम किया. 25 जुलाई 2020 को लंदन में जरीना का निधन अल्जाइमर रोग की वजह से हुआ.