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Sawan 2023: भोलेनाथ को मनाने के लिए सड़कों पर नंगे पांव निकले शिवभक्त, बोल बम के जयकारों से गूंज उठा आगरा

सावन के दूसरे सोमवार पर शुरू होने वाली ऐतिहासिक परिक्रमा शामिल होने हजारों की संख्या में आ रहे शिवभक्त. कई सालों से करीब 40 किलोमीटर की ऐतिहासिक परिक्रमा सावन के दूसरे सोमवार से पहले पड़ने वाले रविवार शाम से शुरू की जाती है.

Agra : आगरा में सावन के दूसरे सोमवार पर शुरू होने वाली ऐतिहासिक परिक्रमा में हजारों की संख्या में शिव भक्त भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए परिक्रमा पूर्ण करने के लिए निकल रहे हैं. भोलेनाथ के रंग में रंग कर शिव भक्त झूमते नाचते हुए, नंगे पैर अपने आराध्य के दर्शन करने और उन पर जलाभिषेक करने के लिए अपने नियत स्थान से निकल रहे है.

शिवभक्त 40 किलोमीटर परिक्रमा में होते हैं शामिल

आगरा में कई सालों से करीब 40 किलोमीटर की ऐतिहासिक परिक्रमा सावन के दूसरे सोमवार से पहले पड़ने वाले रविवार शाम से शुरू की जाती है. इस परिक्रमा में हजारों की संख्या में शिवभक्त नंगे पांव भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए शामिल होते हैं. रविवार शाम से शुरू होने वाली यह परिक्रमा सोमवार सुबह करीब 8 बजे तक संपन्न होती है.

आगरा की परिक्रमा में सभी उम्र के शिवभक्त शामिल होते हैं. जिसमें छोटे बच्चे, किशोर, युवा और बुजुर्ग भी भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए इस परिक्रमा को पूर्ण करते हैं. नंगे पाव लगने वाली परिक्रमा में भक्त जनों के सामने खराब रास्ते की, बरसात की और कांटों की कई परेशानियां आड़े आती है. लेकिन भोलेनाथ की भक्ति में झूमते हुए बम भोले के जयकारे लगाते हुए और नाचते गाते हुए यह भक्त 12 से 13 घंटे में परिक्रमा को पूर्ण कर लेते हैं.

आज शाम 7:00 बजे से ही हजारों की संख्या में भक्तों का हुजूम सड़कों पर दिखाई दे रहा है. आगरा के बलकेश्वर मंदिर से यह परिक्रमा शुरू होती है. जिसके बाद शिवभक्त ताजगंज होते हुए राजेश्वर मंदिर उसके बाद रावली महादेव, पृथ्वीनाथ और फिर सिकंदरा क्षेत्र में स्थित कैलाश महादेव मंदिर पहुंचते हैं. यहां से बबूल के जंगलों में स्थित बनखंडी महादेव होते हुए बलकेश्वर महादेव मंदिर पर अपनी परिक्रमा संपन्न करते हैं.

जिला प्रशासन है मुस्तैद

जिला प्रशासन ने परिक्रमा से पहले सड़कों पर मौजूद गड्ढे और साफ सफाई की व्यवस्था के दावे तो किए थे. लेकिन दैनिक भास्कर ने जब इसकी पड़ताल की तो कई जगह सड़कें खुदी हुई मिली और गड्ढे भी मिले. इन्हीं गड्ढों और कंकड़ों के बीच से भक्तों को आज परिक्रमा देनी पड़ रही है.

शिव भक्तों की आवभगत और उनकी सेवा के लिए परिक्रमा मार्ग में जगह-जगह लोगों ने भंडारों का आयोजन किया है. कोई ठंडा शरबत बांट रहा है तो कोई जूस पिला रहा है. कहीं ठंडाई मिल रही है तो कहीं भक्तों को भंडारे का प्रसाद भी दिया जा रहा है. सैकड़ों की संख्या में रास्ते भर शिव भक्तों के लिए पंडाल और साउंड लगाकर इंतजाम करते हैं.

शिवालय के आसपास हुई महादेव की पेंटिंग से रंगाई

वहीं आगरा के चारों कोनों पर स्थित शिवालय के आसपास के क्षेत्र को महादेव की पेंटिंग से रंग दिया गया है. चारों तरफ ओम नमः शिवाय, जय महाकाल, महादेव और अन्य कई तरह की आध्यात्मिक पेंटिंग्स बनाई जा रही हैं. यह पेंटिंग ललित कला संस्थान के पूर्व छात्र और बीडी जैन गर्ल्स की तमाम छात्राओं के द्वारा बनाई जा रही है.

नगर निगम के निर्देशन में शहर के प्रमुख शिव मंदिर राजेश्वर, बलकेश्वर, कैलाश महादेव और रावली महादेव के आसपास मौजूद जो दीवारें अब तक लोगों के थूक और अन्य गंदगी से पटी पड़ी थी. उन दीवारों को रंग कर्मियों द्वारा शिवमय किया जा रहा है. सावन के पहले सोमवार पर राजेश्वर के आसपास की सभी दीवारों पर महादेव के स्वरूप उकेरे गए. जिससे आसपास का पूरा क्षेत्र भोले भंडारी के रंग में रंग गया.

कल सावन का दूसरा सोमवार है ऐसे में बलकेश्वर महादेव के आसपास भव्य मेले की तैयारी शुरू हो गई है. और कल हजारों भक्तों की भीड़ महादेव बलकेश्वर नाथ पर उमड़ेगी. जिसके लिए बलकेश्वर मंदिर के आसपास के क्षेत्र में मौजूद दीवारों को इन रंग कर्मियों द्वारा रंगने का काम शुरू हो गया है. तीसरे सोमवार पर कैलाश महादेव और सावन के चौथे सोमवार पर यह सभी रंगकर्मी रावली महादेव मंदिर के आसपास अपनी चित्रकला का हुनर दिखाएंगे.

दीवार पर महादेव की पेंटिंग कर रहे ग्रुप के मुख्य सदस्य हिमांशु ने बताया कि हमारा ग्रुप फ्रीलांस है. हम लोग जगह-जगह पेंटिंग करते हैं. हमारे ग्रुप में मुख्य रूप से मैं, प्रोत्साहन और अरविंद शामिल है. साथ ही इस पेंटिंग के कार्य में बीडी जैन गर्ल्स कॉलेज की कई छात्राएं भी हमारी मदद कर रही हैं. यह काम नगर निगम द्वारा कराया जा रहा है.

अभी तक हमने राजेश्वर मंदिर के आसपास पेंटिंग की थी जिसमें हमें हफ्ते भर का समय लगा था. अब बलकेश्वर मंदिर के आसपास हमारा काम जारी है और इसके बाद हम कैलाश मंदिर व रावली मंदिर के आसपास पेंटिंग का काम करेंगे. आपको बता दें कि यह वही चित्रकार है जिन्होंने आगरा में जी-20 के समय शहर की सभी दीवारों को आध्यात्मिक रंगों से रंग दिया था. जिसकी तारीफ पूरे शहर की जनता ने की थी.

रिपोर्ट- राघवेंद्र, आगरा

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