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झारखंड : रांची के चेशायर होम रोड में जमीन खरीद मामले में ईडी आज कारोबारी विष्णु अग्रवाल से करेगा पूछताछ

फर्जी दस्तावेज के आधार पर रांची के चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन खरीदने के मामले में ईडी सोमवार को कारोबारी विष्णु अग्रवाल से पूछताछ करेगा. ईडी इनसे तीसरी बार पूछताछ करेगा. इस मामले में राजेश राय और भरत प्रसाद पहले ही गिरफ्तार हो चुका है.

Jharkhand News: व्यापारी विष्णु अग्रवाल से ईडी के अधिकारी सोमवार को फिर पूछताछ करेंगे. ईडी ने उन्हें समन भेज कर 17 जुलाई, 2023 को पूछताछ के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया है. इससे पहले वह दो बार पूछताछ के लिए हाजिर हो चुके हैं. उन पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन खरीदने के आरोप है.

दो आरोपियों की पहले ही हो चुकी है गिरफ्तारी

फर्जी दस्तावेज के आधार पर चेशायर होम रोड की जमीन बेचने के आरोप में राजेश राय और भरत प्रसाद को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस जमीन को बेचने के लिए फर्जी मालिक राजेश राय से इम्तियाज और भरत प्रसाद ने पावर ऑफ अटॉर्नी ली थी. इम्तियाज को सेना के कब्जेवाली जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है. चेशायर होम रोड स्थित जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश की भी महत्वपूर्ण भूमिका है. वह भी अवैध खनन में मनी लाउंड्रिंग के आरोप में जेल में है.

  • रांची के नामकुम अंचल स्थित पुगडू में खास महाल भूमि की अवैध तरीके से ब्रिक्री का मामला.

  • छवि रंजन का पक्ष जानने के बाद पूरी होगी जांच.

  • फिलहाल लंबित है जांच.

  • आयुक्त के सचिव ने विभाग को दी जानकारी.

Also Read: झारखंड : ईडी ने छवि रंजन व जमीन दलालों पर केस दर्ज करने का किया अनुरोध, फर्जी दस्तावेज के सहारे बेची थी जमीन

पुगडू में खास महाल भूमि की अवैध तरीके से ब्रिक्री मामले की जांच लंबित

इधर, रांची के नामकुम अंचल के पुगडू में खास महाल भूमि की अवैध तरीके से ब्रिक्री मामले में आयुक्त के स्तर जो जांच चल रही थी, वह फिलहाल लंबित है. जांच लंबित रहने का कारण इस मामले के आरोपी रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन का जेल में होना बताया गया है. इसे लेकर प्रमंडलीय आयुक्त के सचिव जुल्फिकार अली ने भूमि सुधार, राजस्व विभाग के अवर सचिव को पत्र लिखा है.

रांची केपुगडू में खास महाल भूमि की अवैध तरीके से ब्रिक्री मामले की जांच तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त प्रवीण कुमार टोप्पो ने शुरू की थी. इस मामले में रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन का लिखित पक्ष जानने के लिए नोटिस जारी किया गया था.

रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन को जारी हुआ था नोटिस

पत्र में कहा गया है कि तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त प्रवीण कुमार टोप्पो ने इस मामले की जांच शुरू की थी. इस मामले में रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन का लिखित पक्ष जानने के लिए नोटिस जारी किया गया था. उस समय छवि रंजन ने अपना पक्ष देने से पहले इस मामले से जुड़े दस्तावेज की मांग की थी, जिसे उपलब्ध करा दिया गया था. उसके बाद छवि रंजन द्वारा वाद संख्या 43,2020-21 के अभिलेख की प्रति मांगी गयी. इसी बीच आयुक्त का तबादला हो गया, जिस कारण अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया जा सका. उसके बाद छवि रंजन जेल चले गये. इस कारण फिलहाल इस मामले की जांच लंबित है. उनके जेल से बाहर आने के बाद ही उनका पक्ष जान कर जांच की कार्रवाई पूरी की जायेगी.

तीन फरवरी को सरकार ने प्रमंडलीय आयुक्त से मामले की जांच कर मांगी थी रिपोर्ट

मालूम हो कि पुगडू में खाता संख्या-93, प्लॉट संख्या-543, 544, 548, व 547 की 9.30 एकड़ खास महाल जमीन की गलत तरीके से ब्रिक्री करने का आरोप है. इस मामले में रांची उपायुक्त रहते हुए छवि रंजन ने विरोधाभाषी निर्णय लिये थे, जिसके बाद तीन फरवरी को सरकार ने दक्षिणी छोटानागपुर के प्रमंडलीय आयुक्त से मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी थी.

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