भाजपा के खिलाफ पटना में बैठक संपन्न करने के बाद अब विपक्षी दलों की दूसरी बैठक सोमवार से बेगलुरु में होने जा रही है. भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की कवायद के तहत हो रही विपक्ष की ये बैठक दो दिनों तक चलेगी. इस बैठक में 26 पार्टियां भाग लेंगी. यह जानकारी सूत्रों ने रविवार को दी. इसमें शामिल होने के लिए सोमवार को बिहार से सीएम नीतीश कुमार, लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव रवाना होंगे. बिहार के कई अन्य सियासी दिग्गज भी इस बैठक में शामिल होंगे.
सोमवार से शुरू हो रही इस दो दिवसीय बैठक में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, मंत्री संजय कुमार झा और राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा भी भाग लेंगे. सोमवार को विपक्षी नेताओं के लिए सोनिया गांधी की ओर से रात्रिभोज का आयोजन किया गया है. रात्रिभोज में बंगाल की सीएम शामिल नहीं होंगी. वह 18 जुलाई की बैठक में भाग लेंगी. इस बैठक में 13 जून को पटना में हुई बैठक में लिये गये निर्णय पर मुहर लगायी जायेगी.
बता दें कि बीते 23 जून को पटना में हुई बैठक में 15 दल शामिल हुए थे. इस बैठक का मकसद साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ साझा उम्मीदवार उतारना है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश की मेजबानी में ये बैठक हुई थी और अगली बैठक के लिए साझा सहमति बनी थी.
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बेंगलुरु में हो रही इस बैठक में कांग्रेस, जदयू, राजद, शिवसेना, एनसीपी, सपा, झामुमो, टीएमसी, भाकपा माले, माकपा, भाकपा, जम्मू कश्मीर नेशनल फ्रंट, डीएमके, आप समेत 26 दल शामिल होंगे.
बेंगलुरु में हो रही इस बैठक में सियासी दिग्गजों का जुटान होगा. सोनिया गांधी, नीतीश कुमार, लालू प्रसाद, मल्लिकार्जुन खरगे, ममता बनर्जी, राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, शरद पवार, हेमंत सोरेन, उद्धव ठाकरे, एमके स्टालिन, दीपंकर भट्टाचार्य, डी राजा, सीताराम येचुरी, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, अखिलेश यादव समेत अन्य नेता बैठक में शामिल होंगे.
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आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर विपक्षी गठबंधन के लिए एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनेगा.
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एक उपसमिति बनाने का प्रस्ताव है, जो रैलियां, सम्मेलन और आंदोलन की रूपरेखा बनायेगी राज्यों में लोकसभा सीटों के बंटवारे को तय करने की प्रक्रिया पर सहमति बन सकती है.
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विपक्षी नेता इवीएम के मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं , निर्वाचन आयोग को सुधारों का सुझाव दे सकते हैं .
बताते चलें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर इन बैठकों का दौर चालू हुआ है. आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा का विजयी रथ रोकने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए नीतीश कुमार ने पहले राज्यों का दौरा किया और विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात की. जिसके बाद विपक्षी दलों की बैठकों का दौर शुरू हुआ है.
बीते 24 जून को पटना में पहली बैठक हुई जिसमें कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे आए. वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत देशभर के कई राज्यों से अन्य सीएम भी पहुंचे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन व तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालीन भी इस बैठक में शामिल हुए थे. भाजपा को पटखनी देने के लिए सभी लोगों ने कई घंटों तक मंथन किए थे.
वहीं विपक्षी दलों की हो रही इस बैठक पर भाजपा लगातार हमलावर है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को आरोप लगाया कि विपक्षी दल अपनी वंशवादी राजनीति को बचाने के लिए गठबंधन बनाने की प्रक्रिया में हैं. वहीं बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष समेत अन्य सियासी दिग्गज भी लगातार विपक्ष को निशाने पर लेकर हमला कर रहे हैं.
इस बैठक में राजद सुप्रीमो लालू यादव भी पूरे रंग में दिखे हैं. लंबे अरसे बाद आरजेडी प्रमुख सियासी मैदान में पूरी ऊर्जा के साथ सक्रिय हुए हैं. किडनी की बिमारी से जूझ रहे लालू यादव की सेहत अब पहले से बेहतर और बिहार में जब एकबार फिर से सियासी समीकरण बदल चुका है तो नीतीश कुमार व लालू यादव की जोड़ी पर अब सबकी नजरें हैं. लालू यादव ने मीडिया से बातचीत के दौरान साफ किया कि वो अब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को पटखनी देने निकल पड़े हैं. बता दें कि पटना में हुई पहली बैठक से ठीक पहले कई सियासी दिग्गजों ने राबड़ी आवास जाकर लालू यादव से मुलाकात की थी.
Published By: Thakur Shaktilochan