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PM Modi देंगे पोर्ट ब्लेयर एयरपोर्ट के नये टर्मिनल की सौगात, जानें भवन से जुड़ी 8 खास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार 18 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, पोर्ट ब्लेयर के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे. इस दौरान केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहेंगे.

PM Modi To Inaugurate New Terminal In Port Blair Airport: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार 18 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, पोर्ट ब्लेयर के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे. इस दौरान केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहेंगे. इस नए एकीकृत टर्मिनल भवन के उद्घाटन के साथ ही पोर्ट ब्लेयर के वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की सुंदरता में चार चंद लग जाएंगे. ऐसे में आकर्षक दिखने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल में क्या कुछ खासियत है यह देखने वाली बात होगी. आइए जानते है विस्तार से कि इस नए टर्मिनल में क्या कुछ नया है और इसे बनाने में कितनी लागत आयी है.

  1. अधिकारियों की मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मंगलवार की सुबह नौ बजे हवाईअड्डे पहुंचेंगे, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग डेढ़ घंटे बाद डिजिटल माध्यम से टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे.

  2. बताया जा रहा है कि भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण ने करीब 708 करोड़ की लागत से इस नए टर्मिनल को बनाया है. प्राधिकरण ने यात्रियों की आवाजाही में वृद्धि को देखते हुए करीब 707.73 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से नए एकीकृत टर्मिनल भवन के निर्माण का काम शुरू किया था, जो अब जाकर पूरा हो चुका है और पीएम मोदी इसे देश को सौंपेंगे.

  3. अधिकारियों ने जानकारी देते हुए यह भी बताया है कि यह टर्मिनल भवन करीब 40,837 वर्ग मीटर के कुल निर्माण क्षेत्र में बनाया गया है. साथ ही इस टर्मिनल भवन से व्यस्त समय के दौरान 1,200 और सालाना लगभग 40 लाख यात्री सफर कर सकेंगे.

  4. बता दें कि, नए टर्मिनल भवन की शंख के आकार की संरचना समुद्र और द्वीपों को दर्शाती है. पूरे टर्मिनल में प्रतिदिन 12 घंटे के लिए 100 प्रतिशत प्राकृतिक रोशनी होगी, जो छत पर लगे रोशनदानों से मिलेगी. इस प्रक्रिया की वजह से बिजली में न तो कभी कमी होगी और न ही इस नए टर्मिनल की वजह से खपत में वृद्धि होगी. इसे इस तरह बनाया गया है ताकि बिजली की कम खपत हो. गर्मी कम करने के लिए छत को डबल इंसुलेट किया गया है.

  5. साथ ही अगर सुविधाओं की बात करें तो इस टर्मिनल भवन में 28 ‘चेक-इन काउंटर’, तीन यात्री ‘बोर्डिंग ब्रिज’ और ‘चार कन्वेयर बेल्ट’ होंगी. ऐसे में इतना तो साफ तौर पर कहा जा सकता है कि इस व्यवस्था के बीच भीड़ से परेशानी होने की संभावना बिल्कुल नहीं है.

  6. हवाई अड्डे पर करीब 80 करोड़ की लागत से दो बोइंग-767-400 और दो एयरबस-321 प्रकार के विमानों के लिए एक एप्रन का निर्माण किया गया है. ऐसे में कहा जा रहा है कि अब एयरपोर्ट पर एक समय में 10 विमानों की पार्किंग की क्षमता हो गयी है.

  7. अधिकारियों की मानें तो नए टर्मिनल भवन को बनाते वक्त इस बात का ध्यान रखा गया कि इससे द्वीपों के पर्यावरण पर कम से कम खराब असर हो. साथ ही बारिश के पानी के जमा करने के लिए जमीन के अंदर टैंक बनाए गए हैं. इस टर्मिनल भवन के गंदा पानी का 100 फीसदी ट्रीटमेंट होगा. इसके साथ ही 500 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र भी लगाया गया है.

  8. वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को सामान्य तौर पर पोर्ट ब्लेयर विमानक्षेत्र कहते हैं. यह हवाई अडडा पोर्ट ब्लेयर से 2 किमी दक्षिण में स्थित है. बता दें कि यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित नहीं है. साथ ही इसका रनवे पेव्ड है. बताया जाता है कि इसकी प्रणाली यांत्रिक है. इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई करीब 5700 फीट है. यह एक नागरिक हवाई अड्डा है. इसका नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के नाम पर रखा गया है. उन्होंने यहां की सेल्यूलर जेल में 4 जुलाई 1911 से 21 मई 1921 तक का समय कारावास में बिताया था.

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