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सीएसजेएमयू में 1857 क्रांति पर बनी कलावीथिका का हुआ लोकार्पण, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना हुए शामिल

कानपुर यूनिवर्सिटी के परिसर में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सन् 1857 में कानपुर के योगदान की महागाथा पर आधारित 21 भित्ति-चित्रों की कला-वीथिका का लोकार्पण विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना द्वारा किया गया.

Kanpur : छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के परिसर में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सन् 1857 में कानपुर के योगदान की महागाथा पर आधारित 21 भित्ति-चित्रों की कला-वीथिका का लोकार्पण विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना द्वारा किया गया. कला-वीथिका के लोकार्पण के बाद कानपुर पंचायत द्वारा निर्मित कानपुर के विभिन्न पहलुओं पर बनाया गया वृत्तचित्र कानपुर पग-पग निशां तेरे का प्रथम प्रदर्शन विश्वविद्यालय के वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई सभागार में किया गया.

कला-वीथिका का निर्माण विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ फाईन आर्ट्स द्वारा किया गया है. जिसमें नाना साहेब, लक्ष्मीबाई तथा तात्या टोपे इत्यादि के शस्त्र अभ्यास से लेकर क्रान्ति की योजना. कानपुर में अंग्रेजों के साथ युद्ध तथा नाना साहेब के दरबार एवं राज तिलक की गाथा संजोये 21 भित्ति-चित्रों को कला वीथिका में प्रदर्शित किया गया है.

वृत्तचित्र कानपुर पग-पग निशां तेरे का निर्माण कानपुर पंचायत के संयोजक धर्म प्रकाश गुप्त द्वारा किया गया है तथा उसका छायांकन एवं निर्देशन प्रख्यात सिनेमा कलाकार रतन राठौर द्वारा किया गया है. इस वृत्तचित्र में कानपुर के पौराणिक, पुरातात्विक, ऐतिहासिक, दर्शनीय स्थलों के साथ कानपुर के उद्योग तथा बाजारों का भली-भाँति चित्रण किया गया है. इस प्रकार का वृत्तचित्र कानपुर में पहली बार बनाया गया है. वृत्तचित्र की सराहना दर्शकों ने भारी करतल ध्वनि से की.

कानपुर में कोई भी स्मारक नही था

इस अवसर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि 1857 पर कोई भी स्मारक कानपुर में नहीं था. कानपुर विश्वविद्यालय एवं कानपुर पंचायत की इस पहल ने कानपुर को एक अविस्मरणीय सौगात प्रदान की है, जो प्रशंसनीय है. वृत्तचित्र देखकर मैं अभीभूत हूं और संस्था से आग्रह करता हूं कि इसका प्रदर्शन कानपुर के साथ-साथ पूरे देश एवं प्रदेश में वृहद रूप से करना चाहिए. जिससे कानपुर के विभिन्न आयामों से लोग परिचित हो सके और कानपुर की विरासतें विश्व स्तरीय पर्यटन का केन्द्र बनें.

वहीं विश्वविद्यालय कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक ने बताया कि उनकी बहुत दिनों से इच्छा थी कि विश्वविद्यालय परिसर में कानपुर के इतिहास का स्मारक बनें. आज वह इच्छा पूरी हुई है.उन्होंने विश्वविद्यालय के फाईन आर्ट्स संकाय की सराहना की. विनय पाठक ने आगे कहा कि कानपुर पंचायत कानपुर की ब्रॉन्डिग के लिए जो प्रयास कर रही है वह प्रशंसनीय है.हम सब को अपने स्तर पर उनकी हर संभव सहायता करनी चाहिए.

कार्यक्रम में वृत्तचित्र एवं कला-वीथिका के निर्माण सहयोगियों का सम्मान भी किया गया. इस अवसर पर फाईन आर्ट्स संकाय के प्रभारी राज कुमार सिंह, वरिष्ठ आचार्य डॉ0 बृजेश स्वरूप कटियार, कानपुर पंचायत के सह-संयोजक सुदीप गोयनका, डॉ0 अंकित गुप्ता उपस्थित रहे.

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