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भारतीय राजनीतिक में गेम चेंजर होगी विपक्षी दलों की बैठक, बोले केसी वेणुगोपाल- विपक्ष को दबाना चाहती है सरकार

विपक्षी दलों की बैठक के बीच जेडीएस ने साफ कर दिया है कि वो न बैठक में शामिल होगी न ही विपक्षी एकता का हिस्सा बनेगी. इस बीच nda में शामिल होने के सवाल पर जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि हम उस मोर्चे पर देखेंगे. हालांकि, राजनीतिक गलियारों में इसे एनडीए में शामिल होने का संकेत माना जा रहा है.

Opposition Meeting: बेंगलुरु में आज और कल यानी 17 और 18 जुलाई को विपक्ष की महाबैठक हो रही है. बैठक में मिशन 2024 समेत एनडीए को सभी मोर्चों पर घेरने की रणनीति बन सकती है. इस बीच जेडीएस प्रमुख की ओर से बड़ा बयान आया है. बेंगलुरु में संयुक्त विपक्ष की बैठक पर जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि विपक्ष ने कभी भी जेडीएस को अपना हिस्सा नहीं माना है. इसलिए जेडीएस के किसी भी महागठबंधन की पार्टी होने का कोई सवाल ही नहीं है. एनडीए की ओर से किसी निमंत्रण पर उन्होंने कहा कि एनडीए ने हमारी पार्टी को किसी बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया है. हम उस मोर्चे पर देखेंगे. हालांकि उसने बयान से ये संकेत जरूर मिल रहे हैं कि आने वाले समय में वो एनडीए का हिस्सा बन सकते हैं.

कांग्रेस ने किया पलटवार
इधर, जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कर्नाटक कांग्रेस के नेता दिनेश गुंडू राव ने कहा है कि हम जानते हैं कि जेडीएस के लिए धर्मनिरपेक्ष राजनीति एक ऐसी चीज है जिस पर वे वास्तव में विश्वास नहीं करते हैं. उन्होंने पहले भी हमेशा बीजेपी के साथ गठबंधन किया है. इसलिए, यह कोई नई बात नहीं है. मुझे लगता है कि जनता दल (सेक्युलर) का टैग हटना चाहिए. उन्हें स्वीकार करना चाहिए कि वे सत्ता के लिए कुछ भी करेंगे. उनके पास कोई सिद्धांत नहीं है, कोई विचारधारा नहीं है. उनके लिए केवल सत्ता मायने रखती है और श्रीमान कुमारस्वामी. मुझे लगता है कि इसका कर्नाटक में जेडीएस पर गहरा प्रभाव पड़ेगा. यह कर्नाटक में जेडीएस का अंत होगा.

सामान्य उद्देश्य के लिए हम हुए एकजुट- वेणुगोपाल
इधर, संयुक्त विपक्ष की बैठक पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि हम सभी एक सामान्य उद्देश्य को लेकर एकजुट हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस देश में लोकतंत्र की रक्षा करना है, संवैधानिक अधिकारों और हमारे संस्थानों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना है.  वेणुगोपाल ने कहा कि इन सभी पर वर्तमान में हमला हो रहा है. उन्होंने केन्द्र सरकार और बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि अपने शासनकाल में वे विपक्ष की आवाज को दबाना चाहते हैं. वेणुगोपाल ने कहा कि वे विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं. राहुल गांधी को संसद से अयोग्य घोषित करना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. उन्होंने महाराष्ट्र का भी जिक्र करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में बी जो हो रहा है वो इसका उदाहरण है.

केन्द्र के अध्यादेश का विरोध करेगा कांग्रेस
इधर कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वो केन्द्र सरकार के दिल्ली को लेकर जारी किए गये अध्यादेश का विरोध करेगी. कांग्रेस ने कहा कि वो संसद में दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ है. बता दें, इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी ने शर्त रखी थी कि कांग्रेस की ओर संसद में अध्यादेश का विरोध करने की सूरत में ही वह विपक्षी दलों की बैठक में भाग लेगी. वहीं, खबर है कि कांग्रेस की ओर से रजामंदी मिलने के बाद अब दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल बैठक में शामिल हो रहे हैं. बता दें, पटना में 23 जून को हुई विपक्षी दलों की पहली बैठक में 15 दलों ने भाग लिया था. वहीं बेंगलुरु की बैठक में 26 दलों के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है.

बेंगलुरु में संयुक्त विपक्ष की बैठक में AAP की भागीदारी पर कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे ने कहा है कि हम इस बात पर बहुत स्पष्ट है कि दिल्ली में क्या हो रहा है. अध्यादेश का रास्ता जो केंद्र ने शक्तियों को छीनने के लिए अपनाया है. राज्य सरकार अच्छी स्थिति में नहीं है. आज यह दिल्ली में हो रहा है, कल यह कर्नाटक में हो सकता है. इसलिए, हम केंद्र सरकार के इस तानाशाही रवैये के खिलाफ हैं. प्रियांक खरगे ने यह भी कहा कि हम सभी एक निश्चित विचारधारा के साथ एक साथ आए हैं और हम भारत और संविधान के विचार को संरक्षित करने के लिए एक साथ आए हैं. अगर बीजेपी को कोई समस्या है हमारी एकता का मतलब है कि उन्हें डर है कि वे सत्ता से बाहर हो जाएंगे.


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विपक्ष की बैठक में किन बातों पर हो सकती है चर्चा
आज और कल की बैठक में विपक्षी दल कई मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक विपक्षी नेता एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी करने को लेकर चर्चा करने और अधिकांश लोकसभा सीट पर साझा विपक्षी उम्मीदवारों को खड़ा करने के अपने प्रस्ताव पर चर्चा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि सोमवार को रात्रिभोज से पहले चर्चा कर वार्ता के एजेंडे को अंतिम रूप दिया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि 2024 के आम चुनावों को देखते हुए विपक्षी गठबंधन के लिए एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम और संचार बिंदुओं का मसौदा तैयार करने के लिए एक उपसमिति गठित करने का प्रस्ताव है. बैठक में विपक्षी दल अपने संयुक्त कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक उपसमिति गठित करने पर भी चर्चा कर सकते हैं. कमेटी का काम रैलियां, सम्मेलन और आंदोलन की रूपरेखा तैयार करना होगा.
भाषा इनपुट के साथ

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