G20 Meeting: भारत और अमेरिका के बीच अक्षय ऊर्जा के विकास को लेकर बड़ी सहमती बनी है. दोनों देशों ने सक्रियता से जी20 के एजेंडा को आगे बढ़ाने और नवीकरणीय ऊर्जा के वित्तपोषण के लिए वैकल्पिक तंत्र की संभावना तलाशने की प्रतिबद्धता जताई है. गुजरात में आयोजित जी-20 की बैठक में दोनों देशों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक साथ काम करने और बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करने पर सहमति जताई है. बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) और अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन (Janet Yellen) शामिल हुई. दोनों नेताओं के बीच जलवायु परिवर्तन, निम्न और मध्यम आय वर्ग वाले देशों पर बढ़ते कर्ज के बोझ, डिजिटल सार्वजनिक ढांचे जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. अमेरिकी वित्त मंत्री येलेन ने कहा कि पिछले साल दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था. आने वाले वर्षों में यह और बढ़ेगा, इसका हमें भरोसा है. वर्ष 2022 में भारत-अमेरिका व्यापार 191 अरब डॉलर से अधिक रहा है. यह 2014 के आंकड़े का लगभग दोगुना है.
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के साथ संबंधों को बेहतर करने के प्रति प्रतिबद्धता जताते हुए वैकल्पिक निवेश मंचों के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा लिए नए अवसर तलाशने की बात कही. जबकि अमेरिकी वित्त मंत्री येलेन ने कहा कि अमेरिका और भारत का सहयोग कई आर्थिक मुद्दों को लेकर है. इसमें वाणिज्यिक और तकनीकी सहयोग, आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना और स्वच्छ ऊर्जा बदलाव को बढ़ावा देना शामिल है. अमेरिकी वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और अमेरिका को बहुपक्षीय विकास बैंकों के संबंध में अधिक महत्वाकांक्षी और विशेष प्रकार के सुधारों के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है.
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मार्च में जी 20 के वित्त मंत्रियों की हुई बैठक में एमबीडी को मजबूत करने के लिए एक विशेषज्ञ समूह गठित किया गया था. समूह ने अपनी पहली रिपोर्ट आज सौंपी है. इस रिपोर्ट में एमबीडी का दायरा बढ़ाने और वित्तीय क्षमता बढ़ाने और एमबीडी के वित्तपोषण के तौर-तरीकों पर जानकारी दी गयी है. टीम के द्वारा अब अगली रिपोर्ट अक्टूबर के महीने में पेश की जाएगी. बैठके बाद अमेरिकी वित्त मंत्री येलेन कहा कि कम आय वाले देशों को समर्थन के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि बैंक की रियायती कर्ज देने की क्षमता बढ़ाई जाए. जी20 में आपसी सहयोग से आगे हम भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को काफी महत्व देते हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका में एशिया के बाहर सबसे अधिक भारतीय समुदाय के लोग रहते हैं. यह भारत के लिए सबसे बड़ा निर्यात बाजार है.
अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के समावेशी ढांचे में ‘ऐतिहासिक दो-स्तंभ के वैश्विक कर करार’ को अंतिम रूप देने में भारत के प्रयासों की सराहना की. येलेन ने द्विपक्षीय बैठक में कहा कि मेरा मानना है कि हम समझौते के नजदीक हैं. अंतरराष्ट्रीय टैक्सेशन प्रणाली में एक बड़े सुधार के तहत भारत सहित लगभग 140 देश वैश्विक कर नियमों में व्यापक बदलाव के लिए सहमत हुए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां जहां भी काम करती हैं, वहां वे न्यूनतम 15 प्रतिशत की दर से कर का भुगतान करें. हालांकि, इस करार के लिए संबंधित देशों को सभी डिजिटल सेवा कर और इसी तरह के अन्य उपायों को हटाना होगा और भविष्य में इस तरह के उपाय लागू नहीं करने की प्रतिबद्धता जतानी होगी.
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द्विपक्षीय बैठक में वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा भारत और अमेरिका नजदीकी भागदारी के जरिये उल्लेखनीय नतीजे हासिल करने को सहमत हुए हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि एक-दूसरे की विशेषज्ञता और संसाधनों का लाभ उठाकर हम सक्रिय तरीके से आर्थिक वृद्धि, नवोन्मेषण और सतत विकास को बढ़ावा दे सकते हैं. भारत की निगाह नवीकरणीय ऊर्जा के लिए अमेरिका से नए निवेश अवसरों पर है. प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे से दोनों देशों के बीच साझेदारी की ताकत और गतिशीलता बढ़ी है.
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