लखनऊ. लोक कला, संगीत व स्थानीय सभ्याचार के संरक्षण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने नई पहल करते हुए विशिष्ट पुरस्कार वितरण योजना शुरू करने जा रही है. इसके विजेताओं को पहले पुरस्कार के तौर पर 51,000, दूसरा 21,000 और तीसरा पुरस्कार 11,000 रुपए का दिया जाएगा. उत्तर प्रदेश की लोक कला, संस्कृति तथा स्थानीय सभ्याचार को संरक्षित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्कृति विभाग को निर्देश दिए हैं. इस अनुदान योजना के जरिए ग्राम पंचायत स्तर पर सक्रिय भजन कीर्तन मंडली, नुक्कड़ नाटक मंडली, गुरु शिष्य परंपरा, स्थानीय लोकगीत, लोकनृत्य, भजन, संस्कार गीत मंडलियों को लाभान्वित करने का प्रयास किया जाएगा. वहीं, ग्राम्य, जिला व राज्य स्तर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में स्थानीय लोक कला को बढ़ावा देने वाली टीमों को भी इस योजना के लिए पात्र माना जाएगा.
इस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक उन्नयन, सांस्कृतिक विरासत के रक्षण, पर्यटन संवर्धन, स्वच्छ भारत मिशन, सर्व शिक्षा अभियान, महिला सशक्तिकरण, बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ, ग्रामीण संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयासरत सांस्कृतिक टोलियों को पुरस्कृत किया जाएगा. वहीं, सरकार द्वारा संचालित लाभार्थी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य कर रही सांस्कृतिक टोलियों को भी पुरस्कृत किए जाने के लिए वरीयता दी जाएगी. विजेताओं को पहले पुरस्कार के तौर पर 51,000, दूसरे पुरस्कार के तौर 21,000 व तीसरे पुरस्कार के तौर पर 11,000 रुपए की धनराशि दी जाएगी.
सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा दे रही टोलियों को पुरस्कृत करने के लिए संस्कृति विभाग में निर्णायक मंडल का चयन कर लिया गया है. इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए जिस कमेटी का गठन किया गया है उसमें संस्कृति निदेशालय के निदेशक बतौर अध्यक्ष, संस्कृति निदेशालय के वित्त नियंत्रक व जिला सूचना अधिकारी लखनऊ बतौर सदस्य तथा संस्कृति विभाग द्वारा नामित सहायक निदेशक को सदस्य सचिव के तौर पर चयनित किया गया है. पुरस्कार विजेताओं के निर्धारण में इन सभी के निर्णय ही मान्य व अंतिम माने जाएंगे.