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बेऊर जेल विवाद: बाहुबली अनंत सिंह समर्थक 27 कैदी दूसरे जेलों में किये गये शिफ्ट, जांच में हुआ यह खुलासा…

पटना के बेऊर जेल में बंद पूर्व विधायक बाहुबली अनंत सिंह के बैरक का ताला खुला रहने और जेलर-कक्षपालों के साथ हुई मारपीट के मामले में पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर एक जांच टीम गठित की गयी थी और इस टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. 27 कैदियों को भागलपुर व अन्य जगहों की जेल में भेजा गया

पटना के बेऊर जेल में बंद पूर्व विधायक अनंत सिंह के बैरक का ताला शनिवार रात खुला रहने व जेलर-कक्षपालों के साथ हुई मारपीट के मामले में पटना के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर बनायी गयी पटना सदर एसडीएम व फुलवारीशरीफ एएसपी की संयुक्त टीम ने सोमवार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. इस जांच रिपोर्ट को जिलाधिकारी ने जेल आइजी को भेज दिया है और कार्रवाई करने की अनुशंसा की है. सूत्रों के अनुसार दिये गये रिपोर्ट में दोनों अधिकारियों ने बताया है कि शनिवार की देर रात बंदियों द्वारा पेड़ की टहनियों को डंडा बना कर उच्च श्रेणी वार्ड पर कब्जा कर लिया था और किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था.

बंदियों के दो पक्षों में भिड़ंत

बंदियों के दो पक्षों में भिड़ंत में कुछ को चोटें भी आयी और बीच-बचाव करने गये कक्षपालों से भी मारपीट की गयी. कुछ बंदियों ने उच्च सुरक्षा कक्ष के चाबी पर भी कब्जा कर लिया था और अन्य वार्डों को भी खोल कर बंदियों को भड़काने का प्रयास किया गया. इसके बाद रविव की सुबह 7.30 बजे भी बंदियों ने उत्पात मचाया और जेल के अधिकारियों व कक्षपालों से मारपीट की गयी. दोनों ही अधिकारियों ने अपनी जांच रिपोर्ट में उत्पात करने वाले बंदियों को अन्य कारा में स्थानांतरण करने की अनुशंसा की है. जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि जांच रिपोर्ट मिल गयी है और जेल आइजी को भेज दी गयी है.

बैरक खुले रहने की वजह की चल रही जांच

इधर, जेल प्रशासन की ओर से अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने भी पूरे मामले की जांच की. सूत्रों के अनुसार, यह जांच की जा रही है कि आखिर किस कारण से बैरक खुला रह गया और इसमें किसकी लापरवाही है. साथ ही इस बिंदू पर भी जांच की जा रही है कि पूर्व विधायक ने खुद तो बैरक को नहीं खुलवा कर रखा था? जेल अधीक्षक को तीन दिनों के अंदर जांच कर अपनी रिपोर्ट को सौंपनी है.

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पूर्व विधायक अनंत सिंह सहित 31 बंदियों के खिलाफ केस दर्ज

सूत्रों का कहना है बैरक खुला होने के मामले में और भी कक्षपालों पर भी गाज गिर सकती है. दूसरी ओर कक्षपालों से मारपीट का केस बेऊर थाने में पूर्व विधायक अनंत सिंह सहित 31 बंदियों के खिलाफ दर्ज कर लिया गया है. इन लोगों पर जेल पुलिस पर हमला, कैदियों को छुड़ाने का प्रयास आदि गंभीर आरोप लगाये गये हैं. बेऊर थाने में दर्ज केस मामले में पुलिस सभी अभियुक्तों को रिमांड करेगी.

इन बंदियों पर दर्ज की गयी है प्राथमिकी

मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह उर्फ अनंत कुमार , गेड़ा, गंगा गौतम, गौतम कुमार उर्फ चीकू उर्फ राजकुमार शर्मा, गौतम कुमार , गौतम कुमार , मोहम्मद आफताब आलम, आफताब , मोहम्मद फिरोज, पिंटू यादव उर्फ राहुल यादव, साजन कुमार, सन्नी कुमार, रॉकी कुमार उर्फ नीतीश कुमार, करण कुमार उर्फ करण सिन्हा , राजू कुमार, रितेश कुमार ,संजीव कुमार उर्फ छोटू, नीरज कुमार उर्फ बादशाह ,गिरधार यादव,निकेश यादव, पंकज यादव, नवल राय उर्फ बुधिया , अतुल राज , सौरव कुमार, बलदेव सिंह, साहिल राज साहिल राज शर्मा, बबलू कुमार , शिवम कुमार शर्मा, कन्हैया सिंह और दिवाकर यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.

किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है जेल प्रशासन, पूर्व विधायक से भी की पूछताछ

फिलहाल इस मामले में जांच चल रही है और सोमवार को जेल प्रशासन ने पूर्व विधायक अनंत सिंह के साथ ही कक्षपालों से भी पूछताछ की. जिसमें यह स्पष्ट हो गया है कि बैरक खुला रहने में किन कक्षपालों की भूमिका है. हालांकि उनके नामों का खुलासा नहीं किया है. साथ ही हाल के दिनों में जेल की व्यवस्था को कड़ा करने के कारण भी बंदी अधीक्षक से काफी असंतुष्ट चल रहे थे.

27 कैदियों को भागलपुर जिले के साथ अन्य जेलों में शिफ्ट किया गया

रविवार को पटना के बेऊर जेल में हुए हंगामा मामले में जेल प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 27 कैदियों को भागलपुर जिले के साथ अन्य जेलों में शिफ्ट कर दिया है. इन 27 कैदियों को बेऊर थाने में दर्ज हुई प्राथमिकी में नामजद अभियुक्त बनाया गया है. इन सभी पर पुलिस पर हमला करने का भी आरोप है. सभी कैदी पूर्व विधायक अनंत सिंह समर्थक बताये जा रहे हैं, जिन्होंने बैरक खुला होने के बाद काफी हंगामा किया था. साथ ही जेलर, कक्षपालों के साथ भी मारपीट की थी.

हंगामे के दोषी जेल कर्मियों को भी चिह्नित करने की कार्रवाई

इसके साथ ही हंगामे के दोषी जेल कर्मियों को भी चिह्नित करने की कार्रवाई की जा रही है. जेल आइजी शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए पटना डीएम-एसएसपी की अनुशंसा पर प्रारंभिक चरण में 27 कैदियों को दूसरे जेल में शिफ्ट करने की कार्रवाई की गयी है. ऐसे अन्य कैदियों की भी पहचान की जा रही है, जो बाहर आकर धमकाने का काम करते हैं. उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी.

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