Lucknow : उत्तर प्रदेश में चल गैर मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेजे पत्र में निर्देशित किया है कि ऐसी संस्थाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए. माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 में प्रावधान है कि यूपी बोर्ड से मान्यता लेने के बाद ही संस्थाएं केवल मान्य वर्ग या विषय में छात्रों का प्रवेश लेंगी.
लिहाजा जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) यह सुनिश्चित कर लें कि उनके जिले में कोई भी गैर मान्यता प्राप्त स्कूल संचालित नहीं है. यदि ऐसे स्कूल चल रहे हैं तो तत्काल उन्हें बंद करवाते हुए कानूनी कार्रवाई की जाए. साथ ही जिले के सभी स्कूलों का औचक निरीक्षण करते हुए यह भी सुनिश्चित कराएं कि सभी मान्यता प्राप्त संस्थाओं में कक्षा 9 व 12 तक में केवल अर्ह छात्र-छात्राओं का ही प्रवेश कराया जाए.
बता दें कि प्रदेशभर में संचालित मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूचना यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध है. अभिभावक अपने बच्चों का प्रवेश दिलाने से पहले किसी भी जिले के राजकीय, सहायता प्राप्त या वित्तविहीन मान्यता प्राप्त स्कूल की जानकारी पोर्टल से प्राप्त कर सकते हैं.
वहीं, एनसीआरटी की कमी से जूझ रहे छात्र-छात्राओं के लिए राहत भरी खबर आई है. अब उन्हें किताबें पाने के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़ेगा. उनको अब अपने ही कालेज में आसानी से किताबें मिल सकेंगी. कालेज में ही अब कैंप लगाकर किताबें बेची जाएंगी. इसके लिए शिक्षा विभाग ने कालेजों के प्रधानाचार्यों को जिम्मेदारी सौंपी हैं. माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं में विभिन्न विषयों की पढ़ाई के लिए एनसीआरटी की किताबें अनिवार्य कर दी हैं. एनसीआरटी की किताबें अनिवार्य तो कर दी गईं, लेकिन बाजार से एनसीआरटी की किताबें गायब हो गईं.
पुस्तक विक्रेताओं के यहां से एनसीआरटी की किताबें की खेप पूरी तरह गायब है, जिसकी वजह से छात्र-छात्राओं को इन किताबों के लिए भटकना पड़ रहा है. यह स्थिति तब है जब शिक्षा का सत्र शुरू हो चुका है. शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद पुस्तक विक्रेताओं के यहां इन किताबों के न आने से भारी परेशानी हो रही है. इस बीच माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इस स्थिति से निपटने के लिए छात्रों को राहत देने के लिए अब नया फैसला लिया है.
इसके तहत जिले के सभी राजकीय व सहायता प्राप्त कालेजों के प्रधानाचार्यों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने कालेज में कैंप लगाकर पुस्तकों के मुद्रकों से संपर्क कर एनसीआरटी व नॉन एनसीआरटी की किताबों का स्टाल लगवाने की व्यवस्था करें, ताकि छात्र यहां से आसानी से किताबें खरीद सकें. माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव के आदेश के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक ने जिले के सभी कालेजों के प्रधानचार्यों को आदेश जारी कर दिया है.
अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, इंटरमीडिए अंग्रेजी, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित, इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, व्यावसाय अध्ययन, लेखाशास्त्र, मनोविज्ञान, गृह विज्ञान समेत कुल 36 विषयों की एनसीआरटी की किताबें.
रामपुर में कालेज में लगने वाले कैंप में नॉन एनसीआरटी की किताबें भी बेची जाएंगी. जिला विद्यालय निरीक्षक मुन्ने अली के अनुसार एनसीआरटी के अलावा नान एनसीआरटी की किताबें बेची जाएंगी.
जिला विद्यालय निरीक्षक मुन्ने अली ने कहा कि एनसीआरटी व नॉन एनसीआरटी की किताबें की कमी ने को दूर करने के लिए कालेज में कैंप लगाने को कहा है। कालेज के प्रधानाचार्यो को आदेश जारी किया है कि वह मुद्रकों से संपर्क कर कालेज में कैंप लगवाएं और छात्रों को किताबें उपलब्ध कराएं.
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राजीव प्रकाशन प्रयागराज
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जनरल ऑफसेट प्रेस प्रयागराज
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डायनामिक टेक्सटबुक्स झांसी
माध्यमिक शिक्षा परिषद ने किताबों की रेट लिस्ट भी जारी की है. इस रेट को सार्वजनिक करने के लिए कहा गया है. जिला विद्यालय निरीक्षक मुन्ने अली के अनुसार एनसीआरटी व नॉन एनसीआरटी किताबों के जो स्टाल लगाए जाएंगे. इन स्टालों पर पुस्तकों के रेट निर्धारित रहेंगे. सभी कालेज स्टाल पर रेट लिस्ट चस्पा करेंगे.