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बांझपन के उपचार में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कारगर, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

पहले ओपन सर्जरी में सफलता की संभावना कम रहती थी. परेशानी भी बहुत ज्यादा होती थी. लेकिन लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में सफलता का दर बहुत अधिक बढ़ गया है. इसमें सुबह में मरीज का ऑपरेशन हो तो शाम में वह घर वापस जा सकता है.

बांझपन के उपचार में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी बहुत ही कारगर साबित हो रही है. इसके जरिये ओवरी या किसी दूसरे भाग से गांठ के इलाज में बहुत आसानी होती है, जिससे से इस ऑपरेशन की सफलता का दर बहुत अधिक बढ़ गया है. ये कहना है एनएमसीएच की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ नीलू प्रसाद का. डॉ नीलू प्रसाद हाल ही में हैदराबाद में आयोजित एक सीएमई में शामिल हुई थी. वहां मिनिमल इनवेसिव सर्जरी और गायनी ऑन्कोलॉजी में रोबोटिक सर्जरी पर चर्चा हुई थी. इस विषय में डॉ नीलू प्रसाद ने बताया कि आईवीएफ में मिनिमल इनवेसिव सर्जरी (एमआईएस) और रोबोटिक सर्जरी बच्चेदानी, अंडकोष, के उपचार के लिये नयी और बेहद कारगर तकनीक आई है. उन्होंने आगे कहा कि पहले ओपन सर्जरी में सफलता की संभावना कम रहती थी. परेशानी भी बहुत ज्यादा होती थी. लेकिन लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में सफलता का दर बहुत अधिक बढ़ गया है. इसमें सुबह में मरीज का ऑपरेशन हो तो शाम में वह घर वापस जा सकता है.

रोबोटिक सर्जरी से भी हो सकता है इलाज

एक्सपर्ट ने बताया कि जिस मर्ज का इलाज लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से संभव नहीं है, उसे रोबोटिक सर्जरी से किया जा सकता है. बच्चेदानी में कैंसर के इलाज में रोबोटिक सर्जरी एक क्रांति लाएगा. हालांकि अभी यह महंगा है, लेकिन लोगों की जरूरत दिखने पर इसे भी पटना में लाया जाएगा.

क्या है लैप्रोस्कोपी

लैप्रोस्कोपी एक ऐसी विधि है जो गर्भवती होने की संभावनाओं में सुधार कर सकती है. लैप्रोस्कोपी एक न्यूनतम आक्रामक प्रकार की सर्जरी है जिसका उपयोग अक्सर प्रजनन संबंधी समस्याओं के निदान या उपचार के लिए किया जाता है. लेप्रोस्कोपिक सर्जरी बांझपन का सामना कर रहे व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है.

अंडाशय में सुधार – यदि महिला के अंडाशय में कोई अंगूठे के बराबर से छोटी कोई घाव या पोषक नग कीटाणु हो, तो लाप्रोस्कोपी उपयोगी हो सकती है. यह उपचार शुक्राणुओं के लिए स्वास्थ्यपूर्ण माहौल बनाने में मदद कर सकता है और गर्भाधान की संभावना में वृद्धि कर सकता है.

गर्भाशय में सुधार – यदि महिला के गर्भाशय में कोई अव्यवस्था हो, जैसे कि पोलप्स, फाइब्रॉइड्स, या किसी अन्य गर्भाशय की परेशानी, तो लाप्रोस्कोपी उपयोगी हो सकती है. यह इम्प्लांटेशन और गर्भाधान की क्षमता में सुधार करने में मदद कर सकती है.

घुटना प्रशिक्षण – अगर महिला को PCOS (पोलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम) की समस्या है, तो लाप्रोस्कोपी उपयोगी हो सकती है. इसमें चिकित्सक ओवेरियन के सुधार के लिए चुटकीभर होल से चुभोंग करते हैं. यह शरीर के तंत्र को बदलकर अंडाशय की स्वास्थ्यपूर्णता को पुनर्स्थापित करने में मदद कर सकता है.

ट्यूबल पटरी संशोधन – अगर महिला की ट्यूबल्स को जोड़े गए हैं, तो लाप्रोस्कोपी बांझपन के इलाज में मदद कर सकती है. डॉक्टर इस तकनीक का उपयोग करके ट्यूबल का मार्ग खोल सकते हैं और गर्भाधान के लिए संभावना को बढ़ा सकते हैं.

कोई दर्दनाक प्रक्रिया नहीं

लैप्रोस्कोपी बांझपन के इलाज में कोई दर्दनाक प्रक्रिया नहीं होती है और यह कम समय लेती है, जिससे पेशेंट को तेजी से ठीक होने का फायदा मिलता है. यह तकनीक मान्यता प्राप्त है और अभी बांझपन के इलाज में आमतौर पर उपयोग होती है.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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