छत्तीसगढ़ चुनाव को कुछ महीने रह गये हैं. इससे पहले कांग्रेस प्रदेश में खुद को मजबूत करने में लगी हुई है. इस क्रम में कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य एवं वरिष्ठ आदिवासी नेता फूलोदेवी नेताम ने छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस के अध्यक्ष पद से मंगलवार को इस्तीफा दे दिया. नेताम ने कहा है कि वह चाहती हैं कि किसी अन्य महिला को इस पद पर अवसर मिले, इसलिए उन्होंने पद से त्यागपत्र दिया है. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी दल में संगठन और सरकार के स्तर पर लगातार बदलाव हो रहे हैं. इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने अपने पद से इस्तीफा दिया था तथा बाद में मंत्री पद की शपथ ली थी.
क्या लिखा नेताम ने अपने ट्विटर वॉल पर
प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष नेताम ने मंगलवार को अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि महिला कांग्रेस की अध्यक्ष नेटा डिसूजा जी, आपके मार्गदर्शन और छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस की सभी बहनों के सहयोग स्वरूप ही बतौर छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अपने सात वर्षों के सेवा कार्यों को पूरी निष्ठा से कर पाने में सक्षम हुई हूं…. विनम्र अनुरोध है कि मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त करके इस पद पर किसी अन्य महिला साथी को काम करने का अवसर प्रदान किया जाए.
इस्तीफे को लेकर किये गये सवाल पर क्या कहा
आदिवासी नेता फूलोदेवी नेताम ने आगे अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि कांग्रेस को सुदृढ करने हेतु समर्पित कार्यकर्ता के रूप में सदैव की भांति कार्यरत रहूंगी…धन्यवाद…उन्होंने ट्वीट में राष्ट्रीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष नेटा डिसूजा को लिखा त्यागपत्र भी शेयर किया है. नेताम से जब उनके इस्तीफे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं पिछले सात वर्षों से इस पद पर हूं… राज्यसभा सदस्य भी हूं… अब चाहती हूं कि अन्य बहनों को यह जिम्मेदारी दी जाए. उन्होंने कहा कि उनपर किसी ने भी इस्तीफा देने के लिए दबाव नहीं बनाया. छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने से संबंधित सवाल पर नेताम ने कहा कि वह आलाकमान के निर्देश का पालन करेंगी.
कौन है फूलोदेवी नेताम
उल्लेखनीय है कि 51 साल की आदिवासी नेताम राज्य के बस्तर क्षेत्र के कोंडागांव जिले की निवासी हैं. उनका नाम छत्तीसगढ़ की वरिष्ठ आदिवासी नेताओं में शामिल है. वह साल 1998 से वर्ष 2003 तक अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा की सदस्य रही हैं. वह वर्ष 2020 से कांग्रेस पार्टी की ओर से राज्यसभा सदस्य है. छत्तीसगढ़ से राज्यसभा की पांच सीटें हैं, जिनमें से चार पर कांग्रेस तथा एक पर भाजपा की सदस्य है. छत्तीसगढ़ में इस वर्ष के अंतिम महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी दल कांग्रेस में संगठन और सरकार के स्तर पर तेजी से बदलाव किया जा रहा है. कांग्रेस ने पिछले सप्ताह बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को हटाकर बस्तर क्षेत्र के सांसद दीपक बैज को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया था. इस घटनाक्रम के दूसरे दिन वरिष्ठ आदिवासी नेता प्रेमसाय सिंह टेकाम ने मंत्री पद से त्यागपत्र दिया था और शुक्रवार को मरकाम ने मंत्री पद की शपथ ली थी.
@MahilaCongress की अध्यक्षा आदरणीया श्रीमती @dnetta जी आपके मार्गदर्शन और @ChhattisgarhPMC की सभी बहनों के सहयोग स्वरूप ही बतौर छत्तीसगढ प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्षा अपने 7 वर्षों के सेवा कार्यों को पूरी निष्ठा से कर पाने में सक्षम हुई हूँ।
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— Phulodevi Netam (@NetamPhulodevi) July 18, 2023
बस्तर क्षेत्र में कांग्रेस का प्रदर्शन
आदिवासी नेताम राज्य के बस्तर क्षेत्र से आतीं हैं. आइए जानते हैं इस क्षेत्र में कांग्रेस की कैसी है पकड़…कहा जाता है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता का रास्ता बस्तर से होकर जाता है. दjअसल, छत्तीसगढ़ पांच संभाग में बंटा है जिसमें से एक संभाग बस्तर है. बस्तर का नाम सुनते ही लोगों के जेहन में नक्सली शब्द गूंजने लगता है. नक्सल बेल्ट कहे जाने वाले बस्तर में विधानसभा की 12 सीट हैं जिसे जीतने के लिए भाजपा और कांग्रेस अपना पूरा जोर लगाती नजर आती है. साल 2018 के चुनाव पर नजर डालें तो बस्तर की 12 सीटें कांग्रेस के खाते में गयी थी.
भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस भी बस्तर की सभी 12 विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करने का दावा कर रही है. बस्तर के नेता और प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने इस संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि भाजपा के शासन में बस्तर का जो विकास 15 साल में नहीं हो पाया, कांग्रेस सरकार ने 5 साल के कार्यकाल में उसे करके दिखाया है और जनता का विश्वास जीता है. उन्होंने कहा कि इस संभाग में कांग्रेस सभी सीटों पर जीतेगी और प्रदेश में हमारी पार्टी एक बार फिर सरकार बना लेगी.