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हिन्दू का मकान हिन्दू, मुस्लिम का मकान मुस्लिम ही खरीद सके, सरकार को यह प्रस्ताव देंगी कानपुर की महापौर

नगर निगम ने कानपुर में 125 मंदिरों पर कब्जा होना चिह्नित किया है. मंगलवार को मुंशी पुरवा पहुंची और वहां पर हनुमान मंदिर के चारों ओर हो चुके अवैध कब्जे को देखकर मेयर का पारा हाई हो गया.

कानपुर : महापौर प्रमिला पांडेय चर्चाओं में हैं. मंगलवार को उन्होंने मुस्लिमों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. महापौर ने कहा है कि वह सरकार से मांग करेंगी कि हिंदू का मकान हिंदू और मुस्लिम का मकान मुसलमान ही खरीदे. यह कानून बनना चाहिए. मंदिरों में कब्जा को लेकर मुस्लिमों की मानसिकता बहुत खराब है.इस पर कड़ाई से रोक लगानी चाहिए.महापौर का कहना है कि कानपुर में हमने 125 मंदिर चिन्हित किए थे जिस पर पूरी तरह से मुस्लिमों के अवैध कब्जे मिले हैं.मंदिरों को कब्जा मुक्त कराया जाएगा. .जमीनों पर अवैध कब्जे पूरी तरह से खाली होने चाहिए. महापौर ने क्षेत्रीय लोगों को फटकार लगाकर मंदिर के चारों ओर से कब्जा खाली करने को कहा है.

शिकायत पर पहुंची, मकान गिराने के आदेश

बताते चलें कि मंदिरों पर हो रहे अवैध कब्जे को लेकर मेयर से क्षेत्रीय पार्षद ने शिकायत की थी. इसके बाद मंगलवार को मुंशी पुरवा पहुंची. यहां पर हनुमान मंदिर के चारों ओर हो चुके अवैध कब्जे को देखकर मेयर का पारा हाई हो गया. यहां 5 मकान मंदिर की तरफ बड़ा छज्जा और खिड़कियां खोले हुए थे. वही भगवान हनुमान की मूर्ति के पास ही रोजाना कूड़ा फेंका जा रहा था.महापौर ने सभी कब्जा धारकों को बुलाकर कड़ी फटकार लगाई.पास ही स्थित नगर निगम पार्क में अवैध तरीके से मुंशीपुरवा धर्मशाला कैंपस में दो मंजिला मकान बना लिया था. इसको भी गिराने के आदेश दिए.

पहले भी चला  था अभियान

महापौर प्रमिला पाण्डेय ने साल 2022 में भी मंदिरों में हुए अवैध कब्जों को लेकर बड़ा अभियान छेड़ा था. ज्यादातर मंदिरों पर कब्जे मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में ही मिले थे.कई मंदिर ऐसे भी मिले थे जिसके कैंपस में बिरयानी तक पकाई जा रही थी।लेकिन 3 जून 2022 को ही कानपुर में हिंसा के बाद यह अभियान बंद हो गया था. आज फिर से इस अभियान की शुरुआत हुई है.

महापौर ने दी कार्रवाई की चेतावनी 

बता दें कि महापौर क्षेत्रीय पार्षद की शिकायत पर मुंशी पुरवा में निरीक्षण करने पहुंची थी इस दौरान वहां पर अवैध कब्जे को देखकर उनका पारा हाई हो गया था.महापौर ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि यह मकान करीब 20 साल पहले शिवमूरत का था. उन्होंने मोहम्मद एकलाख के परिवार को बेचा था.उस समय तय हुआ था कि मंदिर की तरफ ना तो कोई दरवाजा खोला जाएगा और ना ही कोई खिड़की खुलेगी.मोहम्मद एकलाख के परिवार ने मंदिर का दरवाजा भी खोल दिया और बड़ा छज्जा भी बाहर निकाल लिया है. वहीं पास में ही बने कुएं को भी कबजाने की नियत से उस पर नियमित कूड़ा फेंका जा रहा है. इसको लेकर की गई शिकायत पर महापौर ने क्षेत्रीय लोगों को हिदायत दी कि दोबारा कब्जा करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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