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Delhi Flood: यमुना का जलस्तर फिर से खतरे के निशान के पार, दिल्ली की मुसीबतें बढ़ीं

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 22 जुलाई तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की अलग-अलग जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है वहीं दिल्ली में बुधवार को मध्यम बारिश होने की संभावना है.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. यमुना का जलस्तर एक बार फिर से खतरे के निशान के पार पहुंच चुका है, जिससे बाढ़ की आशंका बढ़ गयी है. सुबह 9 बजे जो रिकॉर्ड दर्ज किया गया है, उसके अनुसार यमुना का जलस्तर 205.60 मीटर पर पहुंच चुका है, जो खतरनाक माना जाता है. जलस्तर बढ़ने की वजह से राजधानी के जलमग्न निचले इलाकों में रह रहे प्रभावित लोगों के पुनर्वास कार्यों की गति धीमी हो सकती है और उन्हें ज्यादा वक्त तक राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है.

लगातार बढ़ रहा है यमुना का जलस्तर

दिल्ली में बारिश के बाद एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. ऐसा इसलिए क्योंकि यमुना का जलस्तर एक बार फिर से खतरे के निशान के पार पहुंच चुका है. यमुना का जलस्तर करीब 12 घंटे पहले ही खतरे के निशान से नीचे गया था. लेकिन बुधवार सुबह खतरे के निशान 205.33 मीटर को फिर पार कर गया. यह रिकॉर्ड सुबह 6 बजे दर्ज की गयी थी. उसके बाद जब 9 बजे जांच की गयी, तो पाया गया, जलस्तर बढ़कर 205.60 मीटर पर पहुंच गया है. केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार शाम छह बजे तक बढ़कर 205.72 मीटर होने की आशंका है.

हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की प्रवाह दर में मामूली वृद्धि

हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की प्रवाह दर में मंगलवार दोपहर मामूली वृद्धि देखी गई, जो 50,000 से 60,000 क्यूसेक के बीच थी. प्रवाह दर बुधवार सुबह सात बजे तक घटकर 39,000 के आस-पास रही. एक क्यूसेक का मतलब 28.32 लीटर प्रति सेकेंड पानी होता है.

दिल्ली में बारिश की आशंका

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 22 जुलाई तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की अलग-अलग जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है वहीं दिल्ली में बुधवार को मध्यम बारिश होने की संभावना है.

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दिल्ली के कुछ हिस्सों में अब भी जलभराव, एक सप्ताह से बाढ़ की समस्या से जुझ रहे लोग

दिल्ली के कुछ हिस्से पिछले एक सप्ताह से जलभराव और बाढ़ की समस्या से जूझ रहे हैं. शहर में केवल दो दिनों में महीने में होने वाली सामान्य वर्षा का 125 प्रतिशत बारिश हुई. जिसके बाद हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा सहित ऊपरी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया. पिछले गुरुवार को नदी का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया जो सितंबर 1978 के 207.49 मीटर के पिछले सर्वकालिक रिकॉर्ड से भी कहीं अधिक था.

दिल्ली में आई बाढ़ पीड़ितों का सब कुछ बहा ले गई

दिल्ली में आई विनाशकारी बाढ़ से भले ही पीड़ित लोगों की जिंदगी बच गई है लेकिन अब उन्हें यहीं जिंदगी चलाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. बाढ़ पीड़ितों के सामने अपने आशियाने को फिर से बनाने और सामान्य जीवन की शुरुआत करने की सबसे बड़ी चुनौती है.

बाढ़ पीड़ितों का छलका दर्द

दिल्ली में आयी भीषण बाढ़ के कारण कई लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. बाढ़ पीड़ितों में शामिल अरुणा देवी (35) ने अपना दर्द जाहिर करते हुए कहा, पिछले सप्ताह उफनती नदी का पानी तेज प्रवाह के साथ उस ढांचे में दाखिल हुआ जिसे वह अपना घर कहती थीं और मकान के साथ-साथ बच्चों की किताबें भी बहाकर ले गया. बाढ़ का पानी आने पर परिवार को एक राहत शिविर में ले जाया गया अब पानी कम होने पर वह वापस लौटने की तैयारी कर रही है. उनके सामने तात्कालिक चुनौती यह है कि परिवार का एक सदस्य बीमार हो गया है लेकिन उनकी दीर्घकालिक चुनौतियां कहीं अधिक गंभीर है. तीन बच्चों के पालन-पोषण की अकेले जिम्मेदारी संभाल रहे वरुण नंदन (40 वर्ष) का सारा सामान बाढ़ के पानी में बह गया है और अब उन्हें अपने बच्चों की पढ़ाई की चिंता खाए जा रही है.

बाढ़ के कारण में दिल्ली में 26000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

गौरतलब है कि बाढ़ के विनाशकारी प्रभाव की वजह से दिल्ली में 26,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. प्रमुख स्थलों, सड़कों, स्मारकों और आवासीय क्षेत्रों में पानी भर गया था और इससे संपत्ति, कारोबार और कमाई का अनुमानित नुकसान करोड़ों में होने की आशंका है.

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