Jharkhand News: रामगढ़ जिला में अपराधियों को मनोबल बढ़ गया है. पतरातू में डीएसपी पर गोली चालन की घटना इसी का ही परिणाम है. रामगढ़ जिला में ठेका, रेलवे लोडिंग अनलोडिंग, बालू व्यापार अथवा अन्य बड़े कार्य में अपराधियों को पैसा दिये बगैर संवेदक काम नहीं कर सकते हैं. जिले में हाल के दिनों में मादक पदार्थों की आवाजाही बढ़ी है. मादक पदार्थों के कुछ मामले पकड़ में भी आये हैं. बताया जाता है कि इसमें भी अपराधी गिरोह के हाथ हैं. उग्रवादी संगठनों के अलावा जिले में तीन आपराधिक गिरोह पांडेय ग्रुप, श्रीवास्तव ग्रुप तथा साहू ग्रुप सक्रिय हैं. अब काम करने वालों को तीनों गिरोहों को सेट कर काम करना पड़ रहा है. एक गिरोह को भी रंगदारी नहीं देने से वह गिरोह ठेकेदारों व व्यवसायियों पर हमला कर देता है.
घटना रोकने में असफल साबित हो रही है पुलिस
इन तीन आपराधिक गिरोहों के साथ -साथ उग्रवादी गिरोहों पर लगाम लगाने में पुलिस नाकाम साबित हाे रही है. हाल के दिनों में ऐसा देखा गया है कि पुलिस का झुकाव किसी न किसी गिरोह की ओर हो रहा है. बताया जाता है कि इस आपराधिक गिरोहों से भारी रकम पुलिस महकमे को दी जाती है. इसके कारण जिला पुलिस ने इन गिरोहों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. पुलिस के इन गिरोहों से संबंध की बात भी सामने आ रही है. आपराधिक गिरोहों द्वारा पुलिस अधिकारियों के आवभगत की भी खबर आती रही है. जिला के कुछ पुलिस अधिकारी राज्य से बाहर भ्रमण पर गये थे. इस भ्रमण का खर्च एक आपराधिक गिरोह ने उठाया था. इन अधिकारियों के मोबाइल बंद रहने से घबरा कर एक अधिकारी की पत्नी ने एक थाने में अपने पति की गुमशुदगी की लिखित सूचना दी थी.
एटीएस के डीएसपी और दारोगा को गोली मारनेवाला शूटर बॉबी लोहरदगा से गिरफ्तार
एटीएस के डीएसपी नीरज कुमार और दारोगा सोनू को गोली मारनेवाले अमन साव के शूटर बॉबी साव को एटीएस की टीम ने बुधवार को लोहरदगा के भंडरा थाना क्षेत्र के भंवरो गांव से गिरफ्तार कर लिया. वह पतरातू के टेरपा गांव का रहनेवाला है. वह अपनी फुआ के घर भंवरो में छुपा था. इसी सूचना पर एटीएस की टीम ने छापामारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया. उसकी गिरफ्तारी में रामगढ़ और भंडरा थाना की पुलिस ने सहयोग किया. उसे गिरफ्तार कर बासल थाना लाया गया. वहां पूछताछ के दौरान उसने हथियारों के संबंध में जानकारी दी. इसके बाद पुलिस ने उसके गांव टेरपा में छापेमारी कर चार पिस्टल बरामद की. उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि पुलिस अधिकारियों ने भी की है. 17 जुलाई को डीएसपी और दारोगा पर फायरिंग मामले को लेकर एटीएस ने केस दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है.
सात साल पहले अपराध की दुनिया में कदम रखा था बॉबी साव
बता दें कि बॉबी साव ने करीब सात साल पहले अपराध की दुनिया में कदम रखा था. वर्ष 2016 में पतरातू में मुखिया के ऊपर जानलेवा हमला कर वह सुर्खियों में आया था. इस कांड में बॉबी के साथ चंदन साव भी था. इस मामले में पतरातू थाना में दोनों के खिलाफ केस भी दर्ज हुआ था, जिसके बाद से दोनों फरार थे. इसके बाद दोनों पांडेय गिरोह के लिए काम करने लगे. इसी दौरान दोनों पकड़े गये. कई माह जेल में रहने के बाद फिर जमानत पर निकले और अमन साव गैंग से जुड़ गये.
रवि मुंडा अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर
डीएसपी व दारोगा पर गोली चलानेवाले बॉबी साव का साथी रवि मुंडा अभी भी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है. एटीएस की टीम पर दोनों ने फायरिंग की थी. घटना को अंजाम देने के बाद दोनों बाइक से बॉबी के गांव टेरपा पहुंचे थे. वहां पहुंचने के बाद बॉबी अपनी पत्नी को लेकर बाइक से निकल गया था. वहीं, रवि मुंडा भूमिगत हो गया. पुलिस की टेक्निकल सेल को उसका लोकेशन भी नहीं मिल पा रहा है.