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नोएडा में 3 अगस्त तक धारा 144 लागू, पुलिस ने इन गतिविधियों पर लगाया प्रतिबंध, बाहर जानें से पहले रखें ध्यान

एसीपी कानून एवं व्यवस्था के मुताबिक शांति और सौहार्द बनए रखने के लिहाज से यह अति आवश्यक है कि शरारती तत्वों द्वारा की जा रही गतिविधियों को राका जाए. इस वजह से धारा 144 लागू की गई है.

Noida: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर (Gautam Buddh Nagar) पुलिस कमिश्नरेट ने नोएडा (Noida) में धारा 144 लागू कर दी है. मोहर्रम, किसान आंदोलन, परीक्षाओं और एशियाई जूनियर एथलीट 2023 खेलों के मद्देनजर नोएडा में धारा 144 को लागू किया गया है. यह 20 जुलाई से 3 अगस्त तक लागू रहेगा. कानून व्यवस्था बनाए रखने और आगामी कार्यक्रमों के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है.

इसके साथ ही इस दौरान सार्वजनिक स्थानों पर पर जैसे सड़कों पर पूजा-पाठ या नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं होगी. नोएडा में 28 जुलाई को एशियाई जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 का आयोजन किया जाएगा. वहीं मोहर्रम के मद्देनजर 29 जुलाई को मातम का जुलूस निकाला जाएगा.

जानकारी के मुताबिक एशियाई जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में देश व विदेशों के नागरिक भी भाग लेंगे. साथ ही एक किसान आंदोलन और परीक्षाएं भी नोएडा में पहले से प्रस्तावित हैं. इन सब घटनाक्रमों के कारण गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट ने नोएडा में धारा 144 लागू कर दिया है.

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एसीपी कानून एवं व्यवस्था हृदेश कठेरिया ने कहा कि इन परिस्थितियों में असमाजिक तत्वों द्वारा शांति को भंग करने की आशंका है. ऐसे हालातों में कानून व्यवस्था के बिगड़ने का डर रहता है.

उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संगठनों के विरोध प्रदर्शन से भी शांति भंग हो सकती है. ऐसे में किसी भी तरह की घटना से बचने के लिए एहतियाती रूप से धारा 144 को नोएडा में अगले 15 दिनों तक के लिए लागू कर दिया गया है.

एसीपी कानून एवं व्यवस्था ने कहा कि शांति और सौहार्द बनए रखने के लिहाज से यह अति आवश्यक है कि शरारती तत्वों द्वारा की जा रही गतिविधियों को राका जाए. इस कारण दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू किया गया है, कि जो कि 20 जुलाई से 3 अगस्त के बीच प्रभावी रहेगा.

लखनऊ में 30 अगस्त तक लागू है धारा 144

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी 30 अगस्त तक धारा 144 लागू है. मोहर्रम, स्वतंत्रता दिवस, हरियाली तीज और नागपंचमी सहित प्रवेश परीक्षा और प्रदर्शन के मद्देनजर धारा 144 लगाई गई है.

इस बार लखनऊ में धारा 144 को दो महीनों के लिए लगाया गया है. ये 30 अगस्त तक लागू रहेगी और इस तारीख तक बिना इजाजत के किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन और जुलूस निकालने पर रोक होगी.

इसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर चार से ज्यादा लोगों के एकत्र होने, जुलूस व प्रदर्शन करने पर प्रतिबंध है. रात 10 से सुबह 6:00 बजे तक धार्मिक स्थलों पर लाउड स्पीकर नहीं बजाए जा सकेंगे. मकान की छत ऊपर ईंट पत्थर आदि जमा नहीं करें. इको गार्डन धरना स्थल के अतिरिक्त कहीं भी धरना प्रदर्शन नहीं होगा. हाई सिक्योरिटी जोन और महत्वपूर्ण कार्यालय के पास ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी रहेगी. नियमों के विरुद्ध ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

दरअसल 29 जुलाई को मोहर्रम और अगले महीने 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस है. इसके साथ ही 19 अगस्त को हरियाली तीज और 21 अगस्त को नागपंचमी का पर्व है. इसके साथ ही लखनऊ में आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षाओं और किसान संगठन समेत अन्य प्रदर्शनकारियों द्वारा धरना प्रदर्शन से शांति भंग की स्थिति नहीं हो, इसको लेकर राजधानी में धारा 144 लगा दी गई है.

जेसीपी कानून व्यवस्था उपेंद्र कुमार अग्रवाल के जारी आदेश में धारा 144 को तत्काल प्रभाव से लागू होने की बात कही गई है. यह आदेश 30 अगस्त तक मान्य है. इसके साथ ही आदेश में कहा गया है कि इसका पालन नहीं करने पर धारा 188 और अन्य सुसंगत धाराओं के अंतर्गत दंडनीय अपराध के मामले में कार्रवाई की जाएगी.

इस बार सावन करीब दो महीने है, जिसकी शुरुआत 4 जुलाई से हो चुकी है. इसे लेकर भी पूरे उत्तर प्रदेश में खास सतर्कता बरती जा रही है. अभी सावन के छह सोमवार बाकी हैं. सावन में शिवालयों में बड़ी संख्या में शिव भक्त जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने पहुंचते हैं.

इससे पहले राजधानी लखनऊ में लागू की गई धारा 144 को 30 जून तक बढ़ा दिया गया था. यह निर्णय जेठ मास के बड़े मंगल, ईद उल अजहा (बकरीद) सहित विभिन्न परीक्षाओं के आयोजन, राजनीतिक कार्यक्रम व प्रदर्शनों को ध्यान में रखते हुए कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए किया गया.

जानें, क्या होती है धारा 144

धारा 144 लागू होने को लेकर लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर ये कौन सी धारा है, जिसे लेकर आम जनता को खास सतर्कता बरतना जरूरी है. दरअसल कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए धारा 144 का इस्तेमाल किया जाता है. यदि किसी गांव, शहर जिले या किसी भी स्थान पर पुलिस को ऐसा लगता है कि शांति व्यवस्था बिगड़ सकती है तो उस जगह पर धारा 144 लागू कर दी जाती है.

धारा 144 में लोगों के एक स्थान पर इकट्ठा होने पर मनाही होती है. हालांकि भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ख) के अनुसार भारत के सभी नागरिकों को शांतिपूर्वक इकठ्ठा होने का अधिकार है. लेकिन, यदि लोग शांति के बजाय किसी गलत इरादे से एकत्रित होने लगे तो धारा 144 के तहत उन पर कार्रवाई की जाती है. किसी भी स्थान या शहर में हिंसा, दंगा, आगजनी, मारपीट या सांप्रदायिक झगड़े रोकने के लिए भी धारा 144 का इस्तेमाल होता है. इसके अलावा उस जगह शांति व्यवस्था बनाए रखने या शांती बहाल करने के लिए धारा 144 लगाई जाती है.

उल्लंघन करने पर क्या है सजा

धारा 144 के उल्लंघन करने पर पुलिस सीधे-सीधे एक्शन लेती है. उल्लंघन करने वालों को धारा-107 या फिर धारा-151 के तहत गिरफ्तार किया जाता है. हालांकि इसमें जमानत मिल जाती है. लेकिन, आरोपी को तीन साल की सजा या फिर सजा व जुर्माने दोनों हो सकते हैं.

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