17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बंगाल : ओएमआर शीट को पांच साल तक सुरक्षित रखने की एसएससी की योजना

सरकारी सूत्रों ने कहा कि हालांकि यह प्रस्ताव दिया गया था कि ओएमआर शीट को 12 साल तक संरक्षित रखा जाये लेकिन कमिशन चाहता है कि उन्हें पांच साल तक संरक्षित किया जाये.

पश्चिम बंगाल में स्कूल सर्विस कमिशन (एसएससी) ने प्रस्ताव दिया है कि भर्ती परीक्षाओं की ओएमआर शीट को पांच साल तक संरक्षित रखा जाये और प्रतीक्षा सूची वाले उम्मीदवारों सहित उम्मीदवारों के नाम, रोल नंबर और अंकों वाली मेरिट सूची पर एक अधिकृत कमिशन अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किये जायें. इस विषय में एक अधिकारी ने बताया कि शिक्षा विभाग को भेजे गये कमिशन के प्रस्ताव और सरकार की सिफारिशें मूल्यांकन के लिए कानून विभाग को भेज दी गयी हैं.

ओएमआर शीट को 12 साल तक संरक्षित रखने का दिया गया था प्रस्ताव

सरकारी सूत्रों ने कहा कि हालांकि यह प्रस्ताव दिया गया था कि ओएमआर शीट को 12 साल तक संरक्षित रखा जाये लेकिन कमिशन चाहता है कि उन्हें पांच साल तक संरक्षित किया जाये. शिक्षा विभाग के प्रस्तावों में कहा गया था कि विचाराधीन मामलों में, ओएमआर शीट को कई वर्षों तक संरक्षित करने की आवश्यकता है. शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हमने यह भी सुझाव दिया है कि आयोग मेरिट सूची तैयार होने के छह महीने के भीतर काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी कर ले. उस स्थिति में भर्ती एक साल के भीतर पूरी की जा सकती है, लेकिन आयोग अभी तक इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं हुआ है.

Also Read: बीजेपी ने लगाए ममता बनर्जी पर आरोप, कहा- पंचायत चुनाव में हिंसा रोकने के लिए कुछ नहीं किया
अगली भर्ती प्रक्रिया के लिए विज्ञापन प्रकाशित होने तक ओएमआर शीट रहेगी वैध

एसएससी के एक अधिकारी ने कहा कि जून में भेजे गये प्रस्ताव में ओएमआर को पैनल के प्रकाशन की तारीख से पांच साल बाद नष्ट करने का सुझाव दिया गया. अगर हम उन्हें 12 साल तक संरक्षित करते हैं, तो कमिशन की पूरी इमारत का उपयोग स्क्रिप्ट को समायोजित करने के लिए करना होगा. कमिशन, एक स्वायत्त निकाय है और वह स्वयं निर्णय ले सकता है. इसके अलावा, उम्मीदवारों की संख्या को देखते हुए, छह महीने के भीतर काउंसलिंग समाप्त करना संभव नहीं है. कमिशन भी समयबद्ध भर्ती के लिए है, लेकिन छह महीने की अवधि बहुत कम है. कमिशन ने प्रस्ताव दिया है कि प्रत्येक पैनल और प्रतीक्षा सूची प्रकाशन की तारीख से एक वर्ष तक या अगली भर्ती प्रक्रिया के लिए विज्ञापन प्रकाशित होने तक वैध रहेगी.

Also Read: 2024 में इंडिया vs भाजपा की लड़ाई : ममता बनर्जी
775 माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की सेवाएं कर दी गई समाप्त

सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर सहायक शिक्षकों की भर्ती परीक्षाओं में ओएमआर शीट की प्रतियां परीक्षार्थियों को सौंपी जायेंगी. एसएससी लिखित परीक्षा के बाद अपनी वेबसाइट पर प्रारंभिक मॉडल उत्तर कुंजी प्रकाशित करेगा और आवेदकों से सुझाव आमंत्रित करेगा. प्रस्ताव में कहा गया है कि कम से कम दो विश्वविद्यालय प्रोफेसरों से बनी एक विशेषज्ञ कमेटी, सुझावों व ओब्जेक्शन का समाधान करेगी. कमिशन, उत्तरों का मूल्यांकन आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित होने वाली अंतिम मॉडल उत्तर कुंजी के आधार पर करेगा. एसएससी के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार ने कहा कि कमिशन विभाग से प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है. ध्यान रहे, हाल ही के दिनों में लगभग 775 माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गयी हैं, क्योंकि आयोग के सर्वर पर दर्ज उम्मीदवारों के अंक ओएमआर शीट पर दर्ज प्रतिक्रियाओं के अनुरूप नहीं थे.

Also Read: पंचायत चुनाव में हिंसा व लूट के लिये मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिम्मेदार, बोले शुभेंदु अधिकारी व सुकांत मजूमदार
खंडपीठ ने ओएमआर शीट प्रकाशित करने के फैसले को रखा बरकरार

कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति उदय कुमार की खंडपीठ ने बुधवार को 2016 में विभिन्न राज्य संचालित स्कूलों में उच्च माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए ओएमआर शीट के प्रकाशन के लिए उसी अदालत की एकल-न्यायाधीश पीठ के पहले के आदेश को बरकरार रखा. इस साल सात जुलाई को न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) को 2016 में भर्ती किये गये 5,500 उच्च माध्यमिक शिक्षकों के साथ-साथ प्रतीक्षा सूची में रहने वाले शिक्षकों की ओएमआर शीट प्रकाशित करने का निर्देश दिया.

Also Read: West Bengal Breaking news : अपने ही विधानसभा क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति के लिये हाइकोर्ट पहुंचे नौशाद
28 जुलाई तक प्रकाशित करने का दिया आदेश

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने आयोग को उम्मीदवारों के नाम, पिता के नाम और उन स्कूलों के नाम जैसे विवरण प्रकाशित करने का भी निर्देश दिया, जहां 907 उम्मीदवारों को नियुक्त किया गया था. यह इन उम्मीदवारों की छेड़छाड़ की गयी ओएमआर शीट थीं, जिन्हें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल भर्ती मामले की जांच के दौरान बरामद किया था. आयोग ने इस संबंध में एकल न्यायाधीश पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए न्यायमूर्ति सेन और न्यायमूर्ति कुमार की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया. विस्तृत सुनवाई के बाद खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश पीठ के उस आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें आयोग को 28 जुलाई तक उन विवरणों को प्रकाशित करने का निर्देश दिया गया है.

Also Read: पंचायत चुनाव : मतदाताओं की संख्या से भी अधिक पड़े वोट, हाइकोर्ट ने बीडीओ से मांगा जवाब

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें