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टमाटर से लाल हुए पुणे के किसान, बिहार के लिए बने प्रेरणा, पढ़िए टमाटर और 3 करोड़ के कनेक्शन की पूरी कहानी

tomato farming in bihar टमाटर के ऊंचे भाव ने पुणे के किसान को करोड़पति बना दिया. 12 एकड़ में टमाटर की खेती 18 हजार क्रेट टमाटर को बेचा और एक महीने में उसने तीन करोड़ रूपये कमाया. उसकी प्रेरणा से बिहार के किसान भी प्रभावित हो कर अब सब्जी की खेती की ओर ध्यान देना शुरु कर दिया है.

टमाटर की बढ़ती कीमतों ने जहां आम आदमी की जेब पर बड़ा असर डाला है, वहीं महाराष्ट्र के पुणे के एक किसान के लिए यह बड़े लाभ का सौदा साबित हुआ है. पुणे के इस किसान ने तमाम चुनौतियों से पार कर पिछले एक माह में टमाटर की फसल बेचकर तीन करोड़ रुपये की कमाई की है. पुणे जिले की जुन्नार तहसील के पचघर गांव के किसान ईश्वर गायकर (36) को इस साल मई में कम दाम की वजह से बड़ी मात्रा में टमाटर की फसल को फेंकना पड़ा था. इस झटके के बावजूद इस किसान ने अटूट दृढ़ संकल्प दिखाते हुए अपने 12 एकड़ के खेत पर टमाटर की खेती की.

कड़ी मेहनत के मिले शानदार नतीजे

अब टमाटर की आसमान छूती कीमतों के बीच गायकर की कड़ी मेहनत ने शानदार नतीजे दिए हैं और वह करोड़पति बन गया है. गायकर का दावा है कि उन्होंने 11 जून से 18 जुलाई के बीच अपनी टमाटर की उपज बेचकर तीन करोड़ रुपये की कमाई की है. गायकर ने कहा कि इस अवधि के दौरान उन्होंने जुन्नार तहसील के नारायणगांव में कृषि उपज मंडी समिति में तीन करोड़ रुपये में टमाटर के 18,000 क्रेट (प्रत्येक क्रेट में 20 किलोग्राम टमाटर) बेचे हैं. उनका इरादा टमाटर के 4,000 शेष क्रेट बेचकर करीब 50 लाख रुपये की कमाई करने का है. गायकर ने बताया कि उन्होंने टमाटर की खेती और परिवहन पर कुल 40 लाख रुपये खर्च किये हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास 18 एकड़ के खेत हैं. इनमें से 12 एकड़ में टमाटर की खेती की. 11 जून से टमाटर के 18,000 क्रेट बेचकर तीन करोड़ रुपये कमा चुका हूं.

मई में फेंकना पड़ा टमाटर

गायकर ने 11 जून को 770 रुपये प्रति क्रेट (37 से 38 रुपये प्रति किलोग्राम) के भाव पर टमाटर बेचा. 18 जुलाई को उन्हें प्रति क्रेट 2,200 रुपये (110 रुपये प्रति किलोग्राम) का भाव मिला. कहा कि कैसे दो माह पहले कम भाव की वजह से उन्हें अपनी टमाटर की कटी फसल को फेंकना पड़ा था. उन्होंने कहा कि मई के महीने में मैंने एक एकड़ जमीन पर टमाटर उगाये, लेकिन कीमतें बहुत कम होने के कारण बड़ी मात्रा में उपज को फेंकना पड़ा. मैंने उपज फेंक दी थी क्योंकि प्रति क्रेट दर सिर्फ 50 रुपये थी, यानी 2.50 रुपये प्रति किलोग्राम.

15 लाख से 16 लाख रुपये का घाटा हुआ था

गायकर ने बताया कि 2021 में उन्हें 15 लाख से 16 लाख रुपये का घाटा हुआ था और पिछले साल भी उन्होंने मामूली लाभ ही कमाया था.15 साल में इतनी तेजी नहीं देखी एक अन्य किसान राजू महाले ने भी चालू सीजन में टमाटर के ढाई हजार क्रेट बेचकर 20 लाख रुपये कमाये हैं.
नारायणगांव कृषि उपज मंडी समिति के व्यापारी अक्षय सोलात ने गायकर की उपज खरीदी है. सोलात ने कहा कि इस समय टमाटर बाजार उछाल पर है. उन्होंने टमाटर 2,400 रुपये प्रति क्रेट के भाव पर खरीदा है. उन्होंने कहा कि वह पिछले 15 साल से इस कारोबार में हैं, लेकिन टमाटर में इस तरह की तेजी पहले कभी देखने को नहीं मिली.

बिहार के किसानों को मिली प्रेरणा

महाराष्ट्र के पुणे के किसान के ईश्वर गायकर की कहानी इन दिनों बिहार के किसानों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. ईश्वर गायकर की सफलता की कहानी लोग खूब पढ़ रहे हैं और उसकी खूब चर्चा भी कर रहे हैं. अरवल जिला के कोईल गांव के रहने वाले किसान जेपी पाठक कहते हैं कि अभी तक तो हम लोग धान और गेहूं की ही खेती किया करते थे. लेकिन ईश्वर गायकर ने यह साबित कर दिया है कि सब्जी की भी खेती कर किसान अच्छा पैसा कमा सकता है. उनका कहना है कि इस वर्ष तो हमने अपनी खेत में धान की खेती कर रहा हूं. लेकिन अगले वर्ष से अपने कुछ खेत पर हरी सब्जी की भी खेती करेंगे.

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