छपरा. सारण जिले में निवेशकों को बेहतर उद्योग स्थापित करने का अवसर मिलेगा. नये-नये स्टार्टअप के माध्यम से युवा उद्यमी अपने कैरियर को नयी दिशा दे सकेंगे. राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं तथा जिले में उपलब्ध संसाधनों द्वारा उद्योग को बढ़ावा दिया जायेगा. डीएम अमन समीर ने शहर के प्रेक्षागृह में आयोजित इनवेस्टर मीट में पहुंचे निवेशकों को जिले में उद्योग को विकसित करने हेतु बेहतर माहौल उपलब्ध कराने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जतायी. उद्घाटन के बाद छपरा, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, दरभंगा तथा पटना से पहुंचे निवेशकों के साथ बात की गयी. वहीं किस प्रकार जिले में छोटे-छोटे उद्योग विकसित कर अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा सके. इसके आयाम तलाशे गये.
निवेश के अनुकूल माहौल
जिला पदाधिकारी यमन समीर ने बिहार की औद्योगिक नीति के आलोक में सभी आवश्यक आधारभूत सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया. उन्होंने बताया कि सारण जिले में निवेश हेतु सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं. निवेश के अनुकूल माहौल में व्यवसायीगण सारण जिले में निवेश कर अपना व्यवसाय सफलतापूर्वक कर सकते हैं. सारण जिले के कुल आबादी लगभग 55 लाख में 54% आबादी 35 वर्ष से कम की है. जिले में प्रचुर समृद्ध जल संसाधन एवं कच्चे माल की उपलब्धता है राज्य सरकार की मजबूत उद्योग नीति, समर्थन में एवं अनुकूल है.
नेपाल, उत्तर प्रदेश व झारखंड से बढ़ेगी कनेक्टिविटी
इनवेस्टर मीट में अधिकतर 35 से 40 आयु वर्ग के युवक पहुंचे थे. जिनमें से कुछ पहले से ही बेहतर उद्योग-धंधा स्थापित कर चुके है. वहीं कुछ युवा इनवेस्टर ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि पिछले एक दशक में बिहार से नेपाल, उत्तर प्रदेश व झारखंड के कई शहरों तक सड़क मार्ग से आवागमन सुलभ हो गया है. वहीं अब स्थानीय युवा भी अपने ही शहर में रहकर नया स्टार्टअप शुरू करना चाहते है. यदि सारण को केंद्र में रखकर यहां उद्योग को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन सहयोग करे तो, नये स्तर पर काम शुरू किया जा सकता है.
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जिले में जल संसाधन व कच्चे माल की है उपलब्धता
कुछ इनवेस्टर जब प्रशासन द्वारा उद्योग स्थापित किये जाने की दिशा में किये जाने वाले सहयोग की जानकारी मांगी तो, डीएम अमन समीर व डीडीसी प्रियंका रानी ने कहा कि सारण जिले में जल संसाधन व कच्चे माल की प्रचूर उपलब्धता है. यहां के अधिकतर भूभाग में कृषि होती है. वहीं एक हजार से अधिक जलश्रोत जिले में मौजूद है. पहले यहां कपड़ा भी बनता था. वहीं गुड़ के लिए यहां कई फैक्ट्रियां संचालित होती थी. देश का चर्चित मॉर्टन चॉकलेट भी यहीं बनता था. कालांतर में यह बंद हो गये. लेकिन ऐसे ही छोटे-छोटे उद्योगों को फिर से शुरू कर बड़ा बनाया जा सकता है. डीएम ने बताया कि जिले में 55 लाख में से 54 फीसदी आबादी 35 वर्ष से कम की है. इन युवाओं को रोजगार से जोड़ने तथा प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार की कई नीतियां काम कर रही है. सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से उद्योग स्थापित करने में प्रशासन पारदर्शी भूमिका निभायेगा.
योजनाओं की दी विस्तार से जानकारी
जिलाधिकारी ने कहा कि औद्योगिक नीति जिसके अंतर्गत बिहार टेक्सटाइल एवं लेदर नीति- 2022 बिहार स्टार्ट-अप नीति 2022, भूमि आवंटन नीति 2022, बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति-2020, बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति -2016 से निवेशक लाभ उठा सकते हैं. उन्होंने कहा कि मजबूत ऑनलाइन सिंगल विंडो सिस्टम, पारदर्शी और सक्रिय प्रशासन का सहयोग उपलब्ध है. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान से संबंधित वोकल फॉर लोकल पी एम एफ एम ई योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई.
युवाओं ने कहा ऐसे कार्यक्रम होने जरूरी
उद्घाटन सत्र के बाद प्रशासन के अधिकारियों द्वारा इनवेस्टर मीट के मूल उद्देश्यों को रखा गया. छपरा से भी बड़ी संख्या में युवा इस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. सभी युवाओं के बीच एक प्रश्नोत्तर कार्यक्रम भी रखा गया. जिसमें सबने बारी-बारी से अपने प्रश्न रखें. सभी को संतोषजनक उत्तर मिला. युवाओं ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम हमेशा होने चाहिए जिससे हमें अपने ही शहर में कम पूंजी लगाकर बेहतर उद्योग स्थापित करने की जानकारी मिल सके. कार्यक्रम में प्रभारी उद्योग महाप्रबंधक मो. कमर आलम, प्रभारी जिला नजारत उप समाहर्ता रजनीश कुमार राय आदि शामिल थे. कार्यक्रम का संचालन संजय भारद्वाज ने किया.