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झारखंड में बनेगा स्ट्रांग हेल्थ सर्किट, सभी जिला अस्पतालों में शुरू करें हेल्थ केयर सर्विसेज : हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार 20 जुलाई, 2023 को स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए कई अहम निर्देश दिये. उन्होंने सभी जिला अस्पतालों में अत्याधुनिक सुविधाओं और जांच उपकरणों से युक्त 24×7 हेल्थ केयर सर्विसेज शुरू करने का निर्देश दिया.

Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सरकार इनदिनों विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं. इसी कड़ी में गुरुवार 20 जुलाई, 2023 को स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और परिवार कल्याण विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए जो भी संसाधन की जरूरत होगी, सरकार उसे मुहैया कराएगी. साथ ही कहा कि राज्य में स्ट्रांग हेल्थ सर्किट बनाने बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. यहां के अस्पतालों में जांच और इलाज की बेहतर और आधुनिक सुविधाएं सुनिश्चित की जाए, ताकि मरीजों को दूसरे राज्यों के बड़े अस्पतालों का रूख नहीं करना पड़े.

  • राज्य में स्ट्रांग हेल्थ सर्किट बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध.

  • इलाज की बेहतर सुविधा को लेकर सभी अस्पतालों को सभी संसाधन करा रहे हैं उपलब्ध.

  • आयुष्मान भारत के मरीजों का अस्पतालों में बेहतर इलाज सुनिश्चित हो. अस्पतालों के लंबित राशि का भुगतान सुनिश्चित करें.

  • पलामू और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज एवं रिम्स के हॉस्टल का निर्माण करा रहे कंस्ट्रक्शन कंपनी को टर्मिनेट करने का निर्देश.

  • पारा मेडिकल प्रशिक्षित युवाओं को पंचायत स्तरीय दवा दुकान योजना से जोड़ने की करें पहल.

दुमका से 24×7 हेल्थ केयर सर्विसेज की होगी शुरुआत

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्रमंडल के सदर अस्पतालों में इलाज और जांच की अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 24×7 हेल्थ केयर सर्विसेज शुरू करने का निर्देश दिया. इसकी शुरुआत दुमका से होगी. 300 बिस्तर की क्षमता वाले इस अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ-साथ जांच- इलाज के सभी अत्याधुनिक संसाधन होंगे. सर्विसेज होगी. यहां सभी चिकित्सकों और पारा मेडिकल कर्मियों की शिफ्ट में ड्यूटी लगाई जाए, ताकि मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो.

चिकित्सकों की नियुक्ति में तेजी लाने का निर्देश

उन्होंने कहा कि राज्य वासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले, इसके लिए चिकित्सकों और अन्य पारा मेडिकल कर्मियों की नियुक्ति में तेजी लाने का निर्देश दिया. कहा कि आवश्यकतानुसार अनुबंध पर भी चिकित्सकों को नियुक्त करें, ताकि किसी भी परिस्थिति में स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित नहीं हो.

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पंचायत दवा दुकान के लिए लाइसेंस देने में तेजी लायें

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की पंचायत स्तर दवा दुकान की योजना के तहत जल्द से जल्द और ज्यादा से ज्यादा पंचायतों में दवा दुकान खोलने की प्रक्रिया तेज हो. उन्होंने कहा कि जो भी पारा मेडिकल में प्रशिक्षित हैं, उन्हें भी इस योजना संचालन से जोड़ने की पहल करें. इस मौके पर अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि पंचायत स्तर दवा पर दुकान के लिए अब तक 2400 आवेदन मिल चुके हैं, जिनमें से 663 आवेदनों को स्वीकृति दी जा चुकी है.

आयुष्मान भारत के मरीजों के इलाज में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी

सीएम ने कहा कि आयुष्मान भारत के तहत मरीजों के इलाज में अस्पतालों द्वारा कोताही बरतने की बात लगातार सामने आ रही है. यह उचित नहीं है. कहा कि आयुष्मान भारत के तहत अस्पतालों के लंबित राशि का भुगतान जल्द से जल्द सुनिश्चित करें, ताकि मरीजों के इलाज में अस्पताल कोताही नहीं बरतें. साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के तहत इलाज की पात्रता के लिए आयुष्मान कार्ड और राशन कार्ड अगर किसी के पास नहीं है, तो आठ लाख रुपये से कम वार्षिक आय वालों को भी इस श्रेणी में शामिल किया जाये.

मेडिकल कॉलेजों में चल रहे निर्माण कार्य में अब और विलंब बर्दाश्त नहीं

मेडिकल कॉलेजों में हो रहे निर्माण में देरी पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जतायी. कहा कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में कई वर्षों से निर्माण कार्य चल रहा है इसमें पहले ही से काफी विलंब हो चुका है और विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कहा कि जो डेडलाइन तय किए गए हैं उसके अंदर सभी निर्माण पूरे हो जाने चाहिए. उन्होंने पलामू और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज तथा रिम्स में हॉस्टल निर्माण करा रहे कंस्ट्रक्शन कंपनी को टर्मिनेट करने का भी निर्देश दिया.

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एंबुलेंस का परिचालन सुनिश्चित हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में 206 एंबुलेंस सेवा का शुभारंभ किया गया था. लेकिन, कुछ कारणों से कई एंबुलेंस के नहीं चलने की बात सामने आ रही है. उन्होंने कहा कि सभी 206 एंबुलेंस का नियमित और सुचारू परिचालन अविलंब सुनिश्चित करें.

सर्पदंश से मौत के मामले काफी चिंताजनक

उन्होंने कहा कि बारिश के शुरू होते ही सर्पदंश की कई मामले सामने आ रहे हैं. मैंने पहले ही सभी अस्पतालों में सर्पदंश के मरीजों के इलाज और दवा की पुख्ता व्यवस्था करने का निर्देश दिया था. लेकिन, फिर भी अब तक 45 से ज्यादा सर्पदंश से मौत की बातें सामने आ चुकी है. यह चिंताजनक है. उन्होंने विभाग को कहा कि जहां सर्पदंश से मौतें हुई है, वहां के संबंधित चिकित्सकों को शो-कॉज जारी किया जाए.

समीक्षा बैठक में इनकी रही उपस्थिति

इस उच्च स्तरीय बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, भवन निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक आलोक त्रिवेदी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर अभियान निदेशक विद्यानंद शर्मा पंकज, अपर सचिव जय किशोर प्रसाद, अपर सचिव शशि प्रकाश झा, संयुक्त सचिव मेधा भारद्वाज, निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं डॉ वीरेंद्र प्रसाद सिंह, रिम्स रांची के निदेशक डॉ राजीव कुमार गुप्ता, रिनपास के निदेशक डॉ जयंती शिमले, आयुष निदेशक डॉ फजलूस शमी और निदेशक ड्रग्स रितु सहाय समेत कई विभागीय अधिकारी मौजूद थे.

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