20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

केंद्र सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध, जानें क्यों लेना पड़ा ये बड़ा फैसला

Rice Export Ban Update: आमलोगों को महंगी चावल से राहत दिलाने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा त्योहारों से पहले नॉन-बासमती व्हाइट राइस (सफेद चावल) के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है. देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत है.

Rice Export Ban Update: आमलोगों को महंगी चावल से राहत दिलाने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा त्योहारों से पहले नॉन-बासमती व्हाइट राइस (non-basmati white rice) के एक्सपोर्ट (Rice Export) पर रोक लगा दी है. सरकार के द्वारा ये फैसला घरेलू आपूर्ति और खुदरा कीमतों पर लगाम लगाने के लिए किया गया है. सरकार के द्वारा इस बात की जानकारी एक नोटिफिकेशन जारी करके दी गयी है. हालांकि, सरकार के द्वारा ये जानकारी दी गयी है कि गैर-बासमती उसना चावल और बासमती चावल की निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है. बता दें कि कुल निर्यात में दोनों किस्मों का हिस्सा बड़ा है. देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत है.

शर्तों के साथ चावल का एक्सपोर्ट संभव

डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने अपने नोटिफिकेशन में बताया कि गैर-बासमती सफेद चावल जो अर्ध-मिल्ड या पूरी तरह से मिल्ड चावल या चाहे पॉलिश किया हुआ हो या नहीं, उसकी निर्यात नीति को प्रतिबंधित कर दिया गया है. उचित कीमतों पर पर्याप्त घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गैर बासमती सफेद चावल की निर्यात नीति में संशोधन किया गया है. इस कदम का उद्देश्य आगामी त्योहारी मौसम में कम कीमत और पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना है. घरेलू बाजार में गैर-बासमती सफेद चावल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और स्थानीय कीमतों में वृद्धि को कम करने के लिए, सरकार ने तत्काल प्रभाव से निर्यात नीति में संशोधन कर इसे ’20 प्रतिशत के निर्यात शुल्क के साथ मुक्त’ से ‘निषेध’ श्रेणी में कर दिया है.

Also Read: Business News in Hindi Live: बड़ी गिरावट के साथ हुई बाजार की शुरूआत, सेंसेक्स 700 अंक टूटा,NIFTY 19800 के नीचे

पिछले महीने तीन प्रतिशत बढ़ी चावल की कीमत

सरकार के द्वारा बताया गया है कि चावल की घरेलू कीमतें बढ़ रही हैं. खुदरा कीमतें एक साल में 11.5 प्रतिशत और पिछले महीने में तीन प्रतिशत बढ़ी हैं. कीमत कम करने के साथ-साथ घरेलू बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पिछले साल आठ सितंबर को गैर-बासमती सफेद चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगाया गया था. हालांकि, इस किस्म का निर्यात वित्तवर्ष 2022-23 की सितंबर-मार्च अवधि में बढ़कर 42.12 लाख टन हो गया, जो पिछले वित्तवर्ष की सितंबर-मार्च अवधि के दौरान 33.66 लाख टन था. चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में लगभग 15.54 लाख टन चावल का निर्यात किया गया, जो कि एक साल पहले की अवधि में केवल 11.55 लाख टन था यानी इसमें 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

Also Read: Vande Bharat Express: आमलोगों की ट्रेन बनेगी वंदे भारत एक्सप्रेस, जल्द लगेंगे स्लीपर और जनरल कोच, जानें डिटेल

कई कारणों से वैश्विक कीमतों में आयी तेजी

केंद्र सरकार के द्वारा बताया गया है कि निर्यात में इस तेज वृद्धि का कारण भू-राजनीतिक परिदृश्य, अल नीनो धारणा और अन्य चावल उत्पादक देशों में विषम जलवायु परिस्थितियों आदि के कारण अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आई तेजी हो सकती है. गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध से देश में उपभोक्ताओं के लिए कीमतें कम होंगी. हालांकि, गैर-बासमती चावल और बासमती चावल की निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जो चावल निर्यात का बड़ा हिस्सा है. इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाभकारी कीमतों का लाभ मिलता रहे.

पिछले साल 4.8 अरब डॉलर का हुआ चावल का कारोबार

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वित्तवर्ष 2022-23 में भारत का बासमती चावल का कुल निर्यात 4.8 अरब डॉलर का हुआ था, जबकि मात्रा के लिहाज से यह 45.6 लाख टन था. इसी तरह गैर-बासमती का निर्यात पिछले वित्तवर्ष में 6.36 अरब डॉलर रहा. मात्रा के हिसाब से यह 177.9 लाख टन था. भारत के गैर-बासमती सफेद चावल निर्यात के प्रमुख गंतव्यों में थाईलैंड, इटली, स्पेन, श्रीलंका और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं. डीजीएफटी अधिसूचना के अनुसार, हालांकि इस चावल की खेप को कुछ शर्तों के तहत निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी। इसमें इस अधिसूचना से पहले जहाज पर चावल की लदान शुरू होना शामिल है. इसमें कहा गया है कि अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार की मंजूरी और अन्य सरकारों के अनुरोध पर निर्यात की भी अनुमति दी जाएगी.

इन शर्तों पर मिलेगी छूट

डीजीएफटी ने यह भी कहा कि उन खेपों के लिए निर्यात की अनुमति है जहां शिपिंग बिल दाखिल किया गया है और जहाज पहले ही भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच चुके हैं और उनका रोटेशन नंबर इस अधिसूचना से पहले आवंटित किया गया है. ऐसे निर्यात की भी अनुमति है जहां माल की खेप, इस अधिसूचना जारी होने से पहले सीमा शुल्क को सौंप दी गई है और उनके सिस्टम में पंजीकृत है. डीजीएफटी ने यह भी कहा कि उसने सेनेगल, गाम्बिया और इंडोनेशिया को टूटे हुए चावल के निर्यात के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि इस साल 27 जुलाई तक बढ़ा दी है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें