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Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर सदन में बवाल, बोले खरगे- पीएम मोदी को देना चाहिए बयान

मणिपुर के कांगपोकपी जिले में आदिवासी महिलाओं वाला वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश में घटना की निंदा हो रही है. वहीं ,इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही, अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है.

मणिपुर में महिलाओं के साथ घटनी हैवानियत से पूरा देश शर्मसार है. पीएम मोदी और सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ ने घटना को लेकर गहरा दुख जताया है. उन्होंने इस शर्मनाक और अस्वीकार्य करार दिया है.बता दें, पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद यानी चार मई को यह घटना कांगपोकपी जिले के एक गांव में हुई थी. महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना का 26 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया. यह वीडियो बुधवार को सामने आया और इंटरनेट पर पाबंदी हटने के बाद वायरल हुआ है. घटना को लेकर प्रधान न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हुआ तो उच्चतम न्यायालय मामले पर कार्रवाई करेगा. वहीं, घटना से गुस्साये लोगों ने मुख्य आरोपी का घर जला दिया है.

इधर, मणिपुर के वायरल वीडियो पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केन्द्र सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधा है. खरगे ने कहा है कि मैंने संसद में सवाल उठाया था लेकिन मौका नहीं दिया गया. सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए और हम पीएम मोदी से एक बयान जारी करने की मांग करते हैं. पीएम मोदी ने इस मामले पर सदन के बाहर एक बयान दिया है, जबकि उन्हें सदन के अंदर ऐसा करना चाहिए था.

चार आरोपी गिरफ्तार
मणिपुर के कांगपोकपी जिले में दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने वाली भीड़ में शामिल और एक पीड़िता को घसीटने वाले शख्स सहित चार आरोपियों को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है. पूरे देश में इस घटना की निंदा हो रही है. चार मई को दो महिलाओं के साथ हैवानियत वाली घटना का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश के सीएम एन बीरेन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिए गये हैं. हालांकि इसके कुछ ही घंटों बाद दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इस मामले में अन्य आरोपियों की भी पुलिस तलाश कर रही है. बता दें, रात भर चली छापेमारी के बाद एक पुलिस ने एक आरोपी हुइरेम हेरादास सिंह को थाउबल जिले से गिरफ्तार किया.

140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार करने वाली घटना- पीएम मोदी

घटना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को संसद में कहा कि मैं इस लोकतंत्र के मंदिर के पास खड़ा हूं तब मेरा ह्रदय पीड़ा से भरा हुआ है, क्रोध से भरा हुआ है. मणिपुर की जो घटना सामने आई है वह किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है. पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं, और कौन-कौन हैं, वह अपनी जगह पर है. लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है इसके दोषियों को कभी माफ नहीं किया जा सकता है. प्रधानमंत्री ने देशवासियों को भरोसा दिलाया कि इस मामले में कानून सख्ती से एक के बाद एक कदम उठाएगा.

यह घटना अमानवीय है, दोषियों को मिले मृत्युदंड की सजा- सीएम एन बीरेन
इधर घटना की प्रदेश के सीएम एन बीरेन सिंह ने कड़ी निंदा की है. उन्होंने इसे अमानवीय करार देते हुए कहा कि इस अपराध के लिए दोषियों को प्राण दंड मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस जघन्य अपराध पर चुप नहीं रहेगी. सीएम बीरेन ने कहा कि वीडियो देखते ही उन्होंने साइबर अपराध विभाग से इसका सत्यापन करने को कहा और अपराधियों को पकड़ने के लिए अधिकारियों को व्यापक स्तर पर तलाशी अभियान चलाने का निर्देश दिया.उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और इसके तहत अलग-अलग समुदायों के विभिन्न सिविल सोसाइटी संगठनों, उद्यमियों, धार्मिक नेताओं से बातचीत की जा रही है. सीएम ने कहा कि हम लंबे समय से साथ रहते आए हैं और भविष्य में भी साथ रहेंगे, समुदायों के बीच की गलतफहमी दूर की जा सकती है और बातचीत के जरिए इसे सुलझाया जा सकता है ताकि हम फिर से शांतिपूर्ण तरीके से साथ रह सकें.

एनएचआरसी ने मणिपुर सरकार को दिया नोटिस
इधर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने गुरुवार को कहा प्रदेश में महिलाओं के साथ हुई शर्मनाक घटना मामले में मणिपुर सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को आयोग ने नोटिस दिया है. एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि वह इस तरह की बर्बर घटनाओं से नागरिकों, खासकर महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए या उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदमों के बारे में जानना चाहता है. मानवाधिकार आयोग ने कहा कि उसने  चार मई को मणिपुर के कांगपोकपी जिले के बी फीनोम गांव में भीड़ द्वारा एक आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों को पुलिस हिरासत से ले जाने की घटना में तत्काल हस्तक्षेप की मांग करने वाली शिकायतों का भी संज्ञान लिया है. आयोग ने पूर्वोत्तर राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर उनसे चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

इंसानों की पीड़ा देखकर हमारा दिल दुखता है- गार्सेटी

भारत में अमेरिका के शीर्ष राजनयिक एरिक गार्सेटी ने मणिपुर में जारी हिंसा को भारत का आंतरिक मामला करार दिया और कहा कि इंसानों की पीड़ा देखकर दिल दुखता है. गार्सेटी ने मणिपुर में भीड़ की ओर से दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने की घटना पर एक सवाल के जवाब में यह बात कही. उन्होंने कहा, मैंने वीडियो नहीं देखा है. मैं पहली बार इसके बारे में सुन रहा हूं. लेकिन जैसा मैंने पहले कहा था, जब भी मानवीय पीड़ा होती है, तो हमारा दिल दुखता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने की अपील की है. अमेरिकी राजदूत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की पिछले महीने अमेरिका की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा द्विपक्षीय संबंधों के इतिहास में सबसे असाधारण यात्रा थी.

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