Bihar Flood Update: बिहार में बाढ़ के हालात बने हुए हैं. खासकर कोसी-सीमांचल का इलाका जलमग्न होने लगा है. कई जगहों पर बांध टूटने लगे हैं जबकि सड़कों के ऊपर बाढ़ का पानी अब बहने लगा है. कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से भंग हुआ है और लोग अब पलायन करने की मजबूरी में दिख रहे हैं. वहीं कटाव भी अब लोगों के लिए आफत बन चुका है. गंगा-कोसी व अन्य नदियों की वजह से कटाव का संकट गहराया है.
महानंदा को छोड़कर कर कटिहार जिले की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में गुरुवार को भी वृद्धि जारी रही है. महानंदा नदी के जलस्तर सभी स्थानों पर गुरुवार को लगातार पांचवें दिन भी कमी दर्ज की गयी है. दूसरी तरफ गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है. गंगा नदी रामायणपुर व काढ़ागोला घाट में बढ़ रही है. बरंडी नदी के जलस्तर वृद्धि दर्ज की गयी है. हालांकि गंगा, कोसी व बरंडी नदी के जल स्तर में वृद्धि के बावजूद अधिकांश नदियों का जलस्तर चेतावनी स्तर से काफी नीचे है. वहीं फलका प्रखंड में एक नहर का बांध रात में टूट गया. प्रखंड के सोहथा उत्तरी पंचायत अंतर्गत बरेटा गांव में बांध टूटा है.
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार, झौआ में गुरुवार की सुबह महानंदा नदी का जलस्तर 30.68 मीटर था, जो शाम में घटकर 30.52 मीटर हो गया. बहरखाल में इसी नदी का जलस्तर 30.42 मीटर था, जो घटकर 30.26 मीटर हो गया. कुर्सेला में गुरुवार की सुबह 30.66 मीटर था, जो शाम में घटकर 30.52 मीटर हो गया. दुर्गापुर में इस नदी का जलस्तर घट रहा है. गुरुवार को यहां का जलस्तर 27.47 मीटर था, जो 12 घंटे बाद बढ़ कर 27.35 मीटर हो गया है.
Also Read: बिहार: आधा दर्जन बच्चों की डूबने से मौत, उफनाई नदियों व लबालब भरे तालाब में नहाने का शौक पड़ रहा भारीगोविंदपुर में महानंदा का जलस्तर 26.31 मीटर था, गुरुवार की शाम जलस्तर बढ़कर 26.25 मीटर हो गया. यह नदी आजमनगर व धबोल में भी घट रही है. आजमनगर में इस नदी का जलस्तर 29.48 मीटर था. गुरुवार की शाम यहां का जलस्तर घटकर 29.37 हो गया. धबौल में इस नदी का जलस्तर 29.83 मीटर दर्ज किया गया है. यहां का जलस्तर 12 घंटे के बाद शाम में घटकर 28.70 मीटर हो गया है.
कटिहार में गंगा, कोसी व बरंडी नदी के जलस्तर में उफान जारी है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की ओर से गुरुवार की शाम को जारी रिपोर्ट के मुताबिक गंगा नदी के रामायणपुर में गुरुवार की सुबह 24.83 मीटर दर्ज किया गया, जो शाम में बढ़कर 24.87 मीटर हो गया. इसी नदी के काढ़ागोला घाट पर जलस्तर 27.16 मीटर दर्ज किया गया था, जो 12 घंटे बाद गुरुवार की शाम बढ़कर 27.21 मीटर हो गया. कोसी नदी का जलस्तर कुरसेला रेलवे ब्रिज पर गुरुवार की सुबह 27.52 मीटर दर्ज की गयी. शाम में यहां का जलस्तर 27.60 मीटर हो गया है. बरंडी नदी का जलस्तर एनएच 31 डूमर में 27.77 मीटर दर्ज किया गया. गुरुवार की शाम यहां का जलस्तर बढ़कर 27.80 मीटर हो गया है.
महानंदा नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि के कारण आजमनगर प्रखंड क्षेत्र के सैकड़ों किसानों के सैकड़ों एकड़ जमीन में लगे पटसन व धान की खेती बर्बाद हो गयी है. लगातार पानी रहने के कारण सैकड़ों एकड़ में लगे धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद होता दिखाई दे रहा है. महानंदा के जलस्तर में अचानक गिरावट आने के कारण बीमारियों का खतरा लोगों को सताने लगा है. स्थानीय लोगों ने कहा एक तरफ हमारी फसलें बर्बाद हो गयी है. दूसरी तरफ महामारी उत्पन्न होने की स्थिति है.
पूर्णिया जिले में बाढ़ के हालात कई जगहों पर बने हुए हैं. अमौर में कई गांव जलमग्न हो गए हैं. सौरा नदी में भी उफान है. वहीं बनमनखी अनुमंडल क्षेत्र के चालीस आरडी नहर की बांध पर काफी दबाव है जिससे लोग दहशत में हैं. इन जगहों पर पूर्व में भी तीन-चार साल पहले बांध टूट चुका है. वर्ष 2021 में चालीस आरडी नहर के पास लाखों रुपये की लागत से निरोधात्मक कार्य कराया गया था. ग्रामीणों ने बताया कि देर शाम बांध पर भारी दबाव को लेकर बड़ी संख्या में लोग देखने आए और बांध पर मिट्टी डालने का काम शुरू किया. तब जाकर पानी का वेग रुका. ग्रामीणों ने बताया कि ऊंची जगह और घर का अनाज मिलने के कारण चूहों की संख्या भी बढ़ गयी है जिससे वे भी बांध में छेद कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बांध टूटने की आशंका जतायी है. बांध पर कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए है. ग्रामीणों ने बताया कि नहर में पानी का बहाव तेज है जिस दिन भारी बारिश होगी, चालीस आरडी नहर टूटने की आशंका है.
भागलपुर में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को जलस्तर में 11 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है. इसके साथ यह 29.77 मीटर पर पहुंच गया है. जलस्तर में वृद्धि जारी रहने की संभावना जतायी है. वहीं गंगा और कोसी के बढ़ते-घटते जलस्तर से कटाव की समस्या भी बढ़ गयी है. नवगछिया अनुमंडल के खरीक के सिंहकुण्ड में तेजी से कटाव हो रहा है. कोसी नदी में कटाव से ग्रामीणों की चिंता बढ़ गयी है. लगातार खेतीहर जमीन व रास्ते कटकर नदी में समा रहे हैं. दर्जनों मकान कोसी नदी के मुहाने पर हैं. परेशान ग्रामीण रतजगा को मजबूर हैं.
Published By: Thakur Shaktilochan