Singer Mukesh 100 Birth Anniversary: मुकेश चंद माथुर बॉलीवुड के मशहूर गायकों में से एक हैं. मुकेश, मोहम्मद रफी और किशोर कुमार रेट्रो बॉलीवुड संगीत के तीन स्तंभ थे. दिग्गज सिंगर ने अपने लगभग तीन दशक के शानदार करियर में 1,200 गाने गाए हैं. उनकी आवाज में एक अलग सी उदासी, सता देने वाली गुणवत्ता थी, जो आपकी आत्मा तक पहुंच सकती है और आपकी आंखों में आंसू ला सकती है. सिंगर ने 1941 में आई फिल्म ‘निर्दोष’ के गाने “दिल ही बुझा हुआ हो तो” से इंडस्ट्री में डेब्यू किया था. हालांकि, 1945 की फिल्म ‘पहली नज़र’ का गाना ‘दिल जलता है तो जलने दे’ से उन्हें पॉपुलैरिटी मिली. आज उनकी 100 वीं जन्म जयंती पर आइये सुनते हैं उनके कुछ सुपरहिट गानें…..
अमिताभ बच्चन-शशि कपूर अभिनीत फिल्म का गाना आज भी ओस की बूंद की तरह ताजा है. इस रोमांटिक गाने ने मुकेश को फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का पुरस्कार दिलाने में मदद की. संगीतकार खय्याम और गीतकार साहिर लुधियानवी ने भी इस उत्कृष्ट कृति के लिए ट्रॉफी जीती.
कभी कभी मेरे दिल में, ख़याल आता है
के जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिये
तू अबसे पहले सितारों में बस रही थी कहीं
तुझे ज़मीं पे बुलाया गया है मेरे लिये
कभी कभी मेरे दिल में, ख़याल आता है
कभी कभी मेरे दिल में, ख़याल आता है
के ये बदन ये निगाहें मेरी अमानत हैं
ये गेसुओं की घनी छाँव हैं मेरी ख़ातिर
ये होंठ और ये बाहें मेरी अमानत हैं
कभी कभी मेरे दिल में, ख़याल आता है
50 के दशक का सर्वश्रेष्ठ यात्रा गीत आज भी बहुत प्रासंगिक और प्रसिद्ध है. इस गाने में दिवंगत दिलीप कुमार हैं. इस सुपरहिट पैरानॉर्मल रोमांस ड्रामा के कलाकारों में वैजयंतीमाला, जॉनी वॉकर और प्राण भी शामिल थे. सलिल चौधरी ने इस गाने को कंपोज किया है. वहीं मुकेश ने अपनी खूबसूरत आवाज दी थी.
सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं
हमें डर है हम खो न जाएं कहीं
कहीं गुमगुम, कहीं रुमझुम, के जैसे नाचे ज़मीं
प्यारे प्यारे ये नज़ारे निखरे हैं हर कहीं
सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं
राज कपूर और मुकेश की जोड़ी ने इस गाने को अमर बना दिया. ये सॉन्ग आज भी लोगों की जुबां पर छाया हुआ है. दोनों ने मिलकर कुछ अद्भुत संगीत रचनाएं प्रस्तुत कीं, आवारा हूं उनमें से एक है. ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म का मुक्त-उत्साही और जीवंत ट्रैक प्रतिष्ठित माना जाता है. फिल्म में नरगिस भी थीं.
आवारा हूं, आवारा हूं
या गर्दिश में हूँ, आसमान का तारा हूं
घरबार नहीं, संसार नहीं
मुझसे किसीको प्यार नहीं
उस पार किसीसे मिलने का इकरार नहीं
सुनसान नगर, अन्जान डगर का प्यारा हूँ
आबाद नहीं बरबाद सही
गाता हूं खुशी के गीत मगर
ज़ख़्मों से भरा सीना है मेरा
हंसती है मगर ये मस्त नज़र
दुनिया, दुनिया मैं तेरे तीर का या तकदीर का मारा हूं
राजेश खन्ना का दिल तोड़ने वाला गाना कभी पुराना नहीं हो सकता. हृषिकेश मुखर्जी की फिल्म में अमिताभ, रमेश देव और सीमा देव भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में थे. सलिल चौधरी द्वारा रचित संगीत दिल के तारों को झकझोर देता है. यह गाना उनके करियर के सर्वश्रेष्ठ गानों में से एक माना जाता है.
कहीं दूर जब दिन ढल जाए
सांझ की दुल्हन बदन चुराए
चुपके से आए
मेरे ख़यालों के आँगन में
कोई सपनों के दीप जलाए, दीप जलाए
कभी यूंहीं, जब हुईं, बोझल सांसें
भर आई बैठे बैठे, जब यूँ ही आँखें
तभी मचल के, प्यार से चल के
छुए कोई मुझे पर नज़र न आए, नज़र न आए
1955 में रिलीज़ हुआ यह गाना फिल्म ‘श्री 420’ में दिखाया गया था, जिसमें राज कपूर और नरगिस मुख्य भूमिका में थे. गाने के बोल शैलेन्द्र ने लिखे थे और संगीत शंकर जयकिशन ने दिया था.
मेरा जूता है जापानी
ये पतलून इंगलिश्तानी
सर पे लाल टोपी रूसी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
मेरा जूता है जापानी
ये पतलून इंगलिश्तानी
सर पे लाल टोपी रूसी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
निकल पड़े हैं खुल्ली सड़क पर
अपना सीना ताने, अपना सीना ताने
मंजिल कहाँ, कहाँ रुकना है
उपरवाला जाने, उपरवाला जाने