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वाराणसी में आज से शुरू होगा दुनिया भर के मंदिर प्रमुखों का महासम्मेलन, 41 देशों के प्रतिनिधि होंगे शामिल

काशी में शनिवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय इंटरनेशनल टेंपल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो के आयोजन में दुनिया के कई देशों से लोग पहुंचे हैं. इसमें मंदिरों की सुरक्षा व संरक्षण से लेकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी. इसके अलावा साइबर अटैक से सुरक्षा को लेकर भी विशेषज्ञ अहम जानकारी देंगे.

Varanasi: दुनिया का सबसे बड़ा इंटरनेशनल टेंपल्स कन्वेशन और एक्सपो 22 से 24 जुलाई तक वाराणसी स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर सिगरा में होने जा रहा है. इसमें देश भर के 468 मंदिर प्रमुखों के साथ 41 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. इसमें 32 देश ऑनलाइन जुड़ेंगे और नौ देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कई मेहमान काशी पहुंच गए हैं.

तीन दिवसीय आयोजन के दौरान स्मार्ट टेंपल मिशन के साथ ही मंदिरों के लिए श्वेत पत्र भी जारी किया जाएगा. आयोजन का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) करेंगे. उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) कार्यक्रम में शामिल होंगे.

इंटरनेशनल टेंपल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो के चेयरमैन व भाजपा एमएलसी प्रसाद लाड के मुताबिक पहले दिन के आयोजन के मुख्य अतिथि सरसंघचालक मोहन भागवत होंगे. इसके अलावा विशिष्ट अतिथि सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी शामिल होंगे.

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तीन दिनों के आयोजन में 41 देशों के हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन धर्म के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. इसमें मंदिर की सुरक्षा, संरक्षण व निगरानी, फंड प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, स्वच्छता और पवित्रता के साथ ही साथ साइबर हमलों से सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) टेक्नोलॉजी का उपयोग और एक सुदृढ़ मंदिर समुदाय को बढ़ावा देने पर विमर्श होगा.

कार्यक्रम में तीर्थयात्रियों के अनुभव के तहत भीड़ और कतार प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और आधारभूत संरचना में विस्तार जैसे विषयों पर भी चर्चा की जाएगी. एक्सपो की आयोजक संस्था के संस्थापक गिरेश कुलकर्णी ने बताया कि तीन दिनों के महासम्मेलन के बाद सभी मंदिरों के लिए श्वेत पत्र जारी किया जाएगा और आने वाले भविष्य में देश भर के सभी मंदिरों को इससे जोड़ा जाएगा. वाराणसी के 150 मंदिरों के प्रतिनिधियों को इस आयोजन में आमंत्रित किया गया है.

रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर सिगरा में 22 जुलाई से शुरू होने वाले मंदिरों के महासम्मेलन के लिए सभी सीटें फुल हो चुकी हैं. विश्व के सभी शीर्ष धर्मगुरु इस आयोजन में शामिल होंगे. अमेरिका, ब्रिटेन, दुबई, कनाडा, मॉरीशस, श्रीलंका, नेपाल, थाईलैंड समेत कई देशों के संत समाज और मंदिरों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं.

मंदिरों के 54 से अधिक वक्ता 32 से अधिक कार्यशालाओं को संबोधित करेंगे. तीन दिनों तक टेंपल मैनेजमेंट इकोसिस्टम पर मंथन होगा. सम्मेलन के लिए रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की सभी 1200 सीटें फुल हो चुकी हैं.

महासम्मेलन में अलग-अलग विषयों पर कार्यशालाएं होंगी. इसमें बौद्धिक संपदा अधिकार, सांस्कृतिक संवर्धन, तीर्थयात्रियों की सुविधा व सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, भीड़ प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, ऑनलाइन आयोजन, वैश्विक स्तर तक मंदिरों की पहुंच और ठोस कचरा प्रबंधन पर मंथन होगा. सभी कार्यशालाओं में विशेषज्ञ अपनी बात रखेंगे. महासम्मेलन में स्मार्ट टेंपल मिशन लॉन्च किया जाएगा.

इंटरनेशनल टेंपल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो (आईटीसीएक्स) दुनिया भर के मंदिरों के प्रबंधन को लेकर कार्य करता है. इसके जरिए मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों को एक मंच पर लाकर उनके विचार साझा किए जाते हैं. इसके साथ ही मंदिरों में स्वच्छता, कुशल वित्तीय प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुविधा सहित विभिन्न अहम मुद्दों पर एक दूसरे से जानकारी साझा करने के साथ उन पर गहन चर्चा की जाती है, जिससे व्यवस्था बेहतर हो सके.

सरसंघाचलक ने काशी विश्वनाथ के किए दर्शन पूजन

सरसंघाचलक मोहन भागवत इंटरनेशनल टेंपल्स कन्वेशन और एक्सपो के उद्घाटन से पहले कई कार्यक्रमों में शिरकत कर चुके हैं. उन्होंने यहां काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के साथ गर्भगृह में रुद्राभिषेक किया. इसके साथ ही परिसर में मां अन्नपूर्णा समेत अन्य प्रतिमाओं का दर्शन पूजन किया. सरसंघचालक मोहन भागवत ई-रिक्शा की सवारी करते हुए कालभैरव मंदिर पहुंचे. वहां उन्होंने विधिवत पूजन अर्चन किया. इसके बाद काशी विश्वनाथ की सप्तर्षि आरती में शामिल हुए.

आरएसएस सरसंघचालक ने संपूर्ण परिसर का निरीक्षण किया और कॉरिडोर को निहारा. उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के कामकाज की सराहना की और वर्तमान में चल रहे कार्यों के बारे में जानकारी की. मोहन भागवत मीरजापुर में मां विन्ध्यवासिनी का दर्शन करने के बाद वाराणसी पहुंचे हैं.

सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र और यहां की संस्कृति

मोहन भागवन ने स्वयंसेवकों के बीच में कहा कि धर्म हमारे मूल में है, मगर हमारा विचार मौलिक होना चाहिए. सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र और हिंदू संस्कृति है. भारत के हर गांव में आरएसएस की शाखा होनी चाहिए और उसके हर सदस्य को देश की प्रगति के लिए प्रयास करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि हमारे संस्कार, संस्कृति और परंपराएं ही हमें मजबूत करती हैं. इसलिए स्वयंसेवकों को आगे बढ़कर समाज का नेतृत्व करना चाहिए. भारत के गौरव और विरासत के प्रति पूर्ण निष्ठा के साथ स्वयंसेवकों को देश की तरक्की के लिए काम करना चाहिए.

भारत को तोड़ने की कोशिश में लगी हैं कुछ क्रूर शक्तियां

सरसंघचालक ने कहा कि हमें देश के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार रहना होगा. हमारे विचारों में भले ही भिन्नता हो. लेकिन, हमारे मस्तिष्क में भिन्नता नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि एक कमजोर समाज राजनीतिक आजादी के फल का आनंद नहीं ले सकता. कुछ क्रूर शक्तियां और उनके एजेंट आज भी इस कोशिश में लगे हुए हैं कि भारत टूट जाए और उसकी तरक्की न हो. इससे पहले शाखा में स्वयंसेवक ने गीत भी सुनाया. उन्होंने स्वयंसेवकों से मुलाकात कर उनका हालचाल भी जाना. इसके बाद वे ब्रह्माघाट स्थित विश्व मांगल्य सभा भी पहुंचे.

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